स्मार्ट सिटी : 496 हाई प्रोटेक्टेड कैमरे के सहारे शहर में अपराध नियंत्रित करने की कवायद शुरू

बिहारशरीफ। स्मार्ट सिटी निर्माण का कार्य भले ही पटरी पर दौड़ता नहीं दिख रहा है लेकिन बैठकें तथा निविदा का कार्य लगातार जारी है। फिलहाल सौ करोड़ की जमा राशि के सहारे तरह-तरह की योजनाएं बनाई जा रही हैं। कभी तालाबों के जीर्णोद्धार तो कभी वार्डों में जनसुविधा केन्द्र का निर्माण। गुरुवार को एक बार फिर शहर को स्मार्ट सिटी बनाए जाने को लेकर नगर निगम के सभागार में स्मार्ट सिटी के प्रबंध निदेशक के साथ बैठक हुई। बैठक लंबी चली।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 12:08 AM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 12:08 AM (IST)
स्मार्ट सिटी : 496 हाई प्रोटेक्टेड कैमरे के सहारे शहर में अपराध नियंत्रित करने की कवायद शुरू
स्मार्ट सिटी : 496 हाई प्रोटेक्टेड कैमरे के सहारे शहर में अपराध नियंत्रित करने की कवायद शुरू

बिहारशरीफ। स्मार्ट सिटी निर्माण का कार्य भले ही पटरी पर दौड़ता नहीं दिख रहा है लेकिन बैठकें तथा निविदा का कार्य लगातार जारी है। फिलहाल सौ करोड़ की जमा राशि के सहारे तरह-तरह की योजनाएं बनाई जा रही हैं। कभी तालाबों के जीर्णोद्धार तो कभी वार्डों में जनसुविधा केन्द्र का निर्माण। गुरुवार को एक बार फिर शहर को स्मार्ट सिटी बनाए जाने को लेकर नगर निगम के सभागार में स्मार्ट सिटी के प्रबंध निदेशक के साथ बैठक हुई। बैठक लंबी चली। पुलिस कप्तान नीलेश कुमार के साथ जिले के कई विभाग के आलाधिकारी मौजूद थे। जिसमें हाई प्रोटेक्टेड कैमरा के सहारे शहर को सुरक्षित करने पर चर्चा हुई। कैमरे कहां-कहां लगाए जाएं, इसकी पूरी सूची पुलिस महकमे से मांगी गई। वहीं बिजली विभाग के अधिकारी को शहर में फैले तारों के जंजाल को दुरुस्त करने को कहा गया। ताकि कैमरे लगाने में मुसीबत न खड़ी हो जाए। 102 करोड़ की लागत से शहर को किया जाएगा सुरक्षित

मालूम हो कि शहर को आइसीसीसी व एमआइएस योजना के अंतर्गत सुरक्षित बनाना है। इस योजना को पूरा करने की जिम्मेवारी फ्रांस की एक बड़ी कंपनी ऑरेंज बिजनेस सॉल्यूशन को दी गई है। 102.94 करोड़ की लागत से शहर को सुरक्षित करने की यह योजना अगले साल 30 अगस्त तक पूरी कर ली जानी है। ये हाई प्रोटेक्टेड कैमरे शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाके के साथ निगम के कूड़ा प्वाइंट के पास लगाए जाएंगे। वहीं आपराधिक गतिविधियों की आशंका वाले क्षेत्रों में भी कैमरे लगाने की योजना है। क्या है आइसीसीसी व एमआइएस

आइसीसीसी का विस्तृत नाम इंटेग्रेटेड कमांड एंड कन्ट्रोल सेंटर है। वहीं मास्टर सिस्टम इंटेग्रेटेर को संक्षेप में एमआइएस कहा जाता है। इसके अंतर्गत पूरे शहर को ऑनलाइन कैमरे, मैसेजिग डिस्प्ले बोर्ड तथा इमरजेंसी पैनिक बटन से लैस किया जाएगा। ऐसा होने से अपराध पर काफी हद तक नियंत्रण की संभावना है। वहीं इसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर उद्घोषणा विस्तार यंत्र भी लगाए जाएंगे। दो माह में स्मार्ट सिटी की कई योजनाएं दिखेंगी धरातल पर

शहर को सुरक्षित रखना स्मार्ट सिटी की प्राथमिकता है। पूरे शहर को हाई प्रोटेक्टेड कैमरे से लैस किया जाएगा। ऐसा करने से जहां अपराध पर नकेल कसेगी, वहीं जाम की समस्या भी दूर होगी। एक से दो माह के अंदर स्मार्ट सिटी की कई योजनाएं धरातल पर दिखने लगेंगी।

अंशुल अग्रवाल

प्रबंध निदेशक, स्मार्ट सिटी

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