गीता के उपदेश में छिपा है विश्व कल्याण का समाधान

राजगीर अवस्थित नालंदा विश्वविद्यालय के सुषमा स्वराज आडिटोरियम में छठे अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन के दूसरे दिन सोमवार को कोविड उपरांत विश्व व्यवस्था के निर्माण में धर्म-धम्म परंपराएं विषय पर विचारकों और विद्यार्थियों ने गहन विचार-विमर्श किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Nov 2021 11:19 PM (IST) Updated:Mon, 08 Nov 2021 11:19 PM (IST)
गीता के उपदेश में छिपा है विश्व कल्याण का समाधान
गीता के उपदेश में छिपा है विश्व कल्याण का समाधान

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : राजगीर अवस्थित नालंदा विश्वविद्यालय के सुषमा स्वराज आडिटोरियम में छठे अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन के दूसरे दिन सोमवार को ''कोविड उपरांत विश्व व्यवस्था के निर्माण में धर्म-धम्म परंपराएं'' विषय पर विचारकों और विद्यार्थियों ने गहन विचार-विमर्श किया। पूरा विमर्श बीते रविवार को उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा उद्घाटन सत्र में कही गई बात प्रकृति और संस्कृति के सानिध्य में रहकर ही खुशहाल भविष्य का निर्माण हो सकता है, पर केंद्रित रहा।

सुबह के सत्र में हिस्सा लेते हुए जेएनयू में 'स्कूल ऑफ संस्कृत स्टडीज' के प्रोफेसर रामनाथ झा ने कहा कि धर्म एक प्रकार का ब्रह्मांडीय नियम है। धर्म अंतिम सत्य की दैवीय अभिव्यक्ति है। गीता में सभी वैदिक ग्रंथों के सार निहित हैं। कोरोना संकट के संदर्भ में उन्होंने कहा कि गीता में कहा गया है कि अगर हम प्रकृति की देखभाल करते हैं, तो प्रकृति हमारी देखभाल करती है। आशय यह कि भागवत गीता के उपदेश में ही कोरोना के बाद विश्व कल्याण का समाधान छिपा है। बस हमें उसका अनुकरण करने की जरूरत है। ... हमारे विचार भी एक तरह के वायरस: जियो ल्योंग ली .. दक्षिण कोरिया से आए 'कोरियन सोसायटी फॉर इंडियन स्टडीज' के अध्यक्ष जियो ल्योंग ली ने कहा कि भारत की प्रसिद्धि एक आध्यात्मिक देश के रूप में रही है। कोरोना वायरस की भयावहता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे विचार भी एक तरह के वायरस हैं। अगर हमारे विचार अच्छे होंगे तो बेहतर परिणाम देंगे और अगर विचार नकारात्मक हुए तो उसके परिणाम भी गलत होंगे। ... कोरोना महामारी के दौरान भारत ने किया धर्म का पालन : पंकज जैन ... पुणे के 'फ्लेम' विश्वविद्यालय में दर्शन शास्त्र और धार्मिक अध्ययन के प्रोफेसर पंकज जैन ने कहा कि कोरोना महामारी के समय और उसके बाद भी हमें 'धर्म' और 'अधर्म'पर गौर करने की जरूरत है। कोरोना के वैश्विक संकट के दौर में जब दुनिया के बड़े और संपन्न देश अपने संसाधनों को दूसरे देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार नहीं थे, भारत ने 'धर्म' का अनुपालन करते हुए अपने संसाधनों को दूसरे देशों तक भी पहुंचाया। .... व्यापार समाज कल्याण के लिए हो : सुनीता .. दिल्ली विश्वविद्यालय में मैनेजमेंट स्टडी की प्रोफेसर सुनीता सिंह सेनगुप्ता ने कहा कि व्यापार समाज के कल्याण के लिए होना चाहिए, न कि सिर्फ आर्थिक लाभ के लिए। ... शाम के सत्र में पेश किए गए शोध पत्र ... टीचिग ब्लॉक में शाम के सत्र में भारत समेत दुनिया के विभिन्न देशों से आए प्रतिभागियों ने अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया। सुबह के दो सत्रों की अध्यक्षता एशियन-अफ्रिकन फिलॉसफी कांग्रेस के अध्यक्ष एसआर भट्ट और राजस्थान विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र की प्रोफेसर कुसुम जैन ने की। चर्चा के दौरान विभिन्न विचारकों ने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय से प्रेरित होकर नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना को महत्वपूर्ण बताया। विद्वानों ने विश्वविद्यालय में तेज गति से हो रही निर्माण और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए कुलपति प्रोफेसर सुनैना सिंह की सराहना की।

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