फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम शुरू

बिहारशरीफ। जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिला स्वास्थ्य समिति ने सोमवार से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की शुरुआत की। सदर अस्पताल प्रांगण में सिविल सर्जन डॉ. राम सिंह ने उपस्थित लोगों को दवा खिलाकर अभियान की शुरुआत की।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 05:54 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 05:54 PM (IST)
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम शुरू
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम शुरू

बिहारशरीफ। जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिला स्वास्थ्य समिति ने सोमवार से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की शुरुआत की। सदर अस्पताल प्रांगण में सिविल सर्जन डॉ. राम सिंह ने उपस्थित लोगों को दवा खिलाकर अभियान की शुरुआत की। सीएस ने कहा कि एमडीए (सर्वजन दवा सेवन) पूर्ण रूप से सुरक्षित है लेकिन दवा खाने के बाद कभी-कभी साइड इफेक्ट्स जैसे बुखार, चक्कर, मिचली या उल्टी आ सकती है। इस प्रकार की विषम परिस्थितियों का सफलतापूर्वक निस्तारण के लिए प्रखंड एवं जिला स्तर पर रैपिड रेस्पांस टीम का गठन किया गया है। यह अभियान 14 दिनों तक चलेगा यानी 11 अक्टूबर तक घर-घर जाकर लोगों की दवा खिलाई जाएगी।

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20 प्रखंडों में 33 लाख से अधिक लोगों को खिलाई जाएगी दवा

जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ. राजेन्द्र ने बताया कि जिले के 20 प्रखंड में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस दौरान लगभग 33.53 लाख की आबादी को दवा खिलाने के लिए लक्षित किया गया है। इसके लिए 1793  टीमों का गठन किया गया है और 179 पर्यवेक्षक इस पूरे अभियान की निगरानी करेंगे।

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घर-घर जाकर खिलाई जाएगी दवा

इस अभियान में ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेटर (आशा एवं वालंटियर) द्वारा घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाई जाएगी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेटर लाभार्थी के कटोरे में दवा देगी एवं अपने सामने दवा का सेवन सुनिश्चित कराएगी। इसके लिए दो ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेटर की एक टीम बनाई गई है। एक टीम एक दिन में 40 से 50 घरों का दौरा कर लक्षित समूह को सिर्फ दवा ही वितरण नहीं करेंगे बल्कि उन्हें अपने सामने दवा खिलाएंगे। अभियान के दौरान प्रतिदिन छूटे हुए व्यक्तियों को पुर्नभ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी। इसके अतिरिक्त 7 वें एवं 14 वें दिन पूर्ण रूप से पुर्नभ्रमण करते हुए छूटे हुए सभी लोगों को दवा खिलाई जाएगी। इसके अलावा जीविका कार्यकर्ता, स्कूली बच्चे एवं पंचायत सदस्यों द्वारा सामुदायिक स्तर पर फाइलेरिया एवं एमडीए के विषय में जागरुकता भी फैलाई जाएगी।

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क्या है फाइलेरिया

इसे हाथीपाव रोग के नाम से भी जाना जाता है। यह एक दर्दनाक रोग है जिसके कारण शरीर के अंगों में सूजन आ जाती है। यह क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से फैलता है। आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लसिका (लिम्फैटिक) प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है। फाइलेरिया से जुड़ी विकलांगता जैसे लिफोइडिमा (पैरों में सूजन) एवं हाइड्रोसील (अंडकोश की थैली में सूजन) के कारण पीड़ित लोगों को इसके कारण आजीविका एवं काम करने की क्षमता प्रभावित होती है।

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ऐसे खिलाई जाएगी दवा 

इस अभियान में डीईसी एवं एलबेंडाजोल की गोलियां लोगों की दी जाएगी। 2 से 5 वर्ष की उम्र तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी। एलबेंडाजोल का सेवन चबाकर किया जाना है। खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है।

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ये होंगे लक्षित समूह

हर व्यक्ति को इन दवाओं का सेवन करना है। केवल गर्भवती महिलाओं, दो साल से कम उम्र के बच्चों एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को यह दवा सेवन नहीं करनी है। दो साल से पांच साल तक के बच्चे भी फाइलेरिया दवाओं का सेवन कर सकते हैं और स्वास्थ्य कर्मी की निगरानी में ही दवा का सेवन करना है।

इस अवसर पर सिविल सर्जन के अलावा जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सहित कई चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।

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