कोरोना और हड़ताल से जूझते नालंदा के अधिवक्ताओं को सही दिशा देने की संघ सचिव पर जिम्मेदारी

हड़ताल से कोर्ट ही नहीं न्यायालय और जेल तक प्रभावित सख्त मनाही के बावजूद एसडीओ कोर्ट में भीड़ न्यायिक टिकट काउंटर बंद होने से शपथकर्ता कालाबाजारी के शिकार।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 11:01 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 11:01 PM (IST)
कोरोना और हड़ताल से जूझते नालंदा के अधिवक्ताओं को सही दिशा देने की संघ सचिव पर जिम्मेदारी
कोरोना और हड़ताल से जूझते नालंदा के अधिवक्ताओं को सही दिशा देने की संघ सचिव पर जिम्मेदारी

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : जिला न्यायालय कोरोना प्रोटोकॉल के निर्देशानुसार गत 9 अप्रैल लगभग पूर्णत: बंद है। सिर्फ अधिआवश्यक कोर्ट कार्य वर्चुअल मोड से करने का निर्देश है। परन्तु यह भी अधिवक्ताओं के हड़ताल से बंद है। कई अधिवक्ता हाल में कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। अधिवक्ता हड़ताल और कोरोना दोनों से त्रस्त है। पिछले वर्ष इसी समय में अधिवक्ताओं की दैयनीय स्थिति देखी जाती थी। इस पर हड़ताल की मार स्थिति बद से बदतर करने के लिए काफी है। अधिवक्ता संघ के नये सचिव कमलेश कुमार पर अध्यक्ष के सहयोग से अपने सदस्यों को संरक्षित करने और सही दिशा देने की पूरी जिम्मेवारी होगी। सचिव ने कहा कि न्यायिक प्रशासन समाधान के लिए अब तक कोई पहल नहीं कर रहा है। जबकि हमारी कोई मांग नहीं है। हड़ताल सिर्फ सद व्यवहार और मेल मिलाप से बार और बैच के बीच संबंध बनाकर लोगों को न्यायिक लाभ दिलाने की है। जिसमें कुछ दरारे हैं। मैं जनता हूं इससे अधिवक्ता समेत कई प्रभावित हैं। आज जमानतीय धाराओं में बिना वकील के पक्षकार की सुनवाई मुश्किल होने से जेल में भीड़ बढ़ सकती है। इसके समाधान के लिए सभी का सहयोग और सक्रिय प्रयास होना चाहिए एक सप्ताह बीतने के बाद भी न्यायिक प्रशासन पक्ष से कोई पहल नहीं हुआ है यदि ऐसा ही रहा तो हड़ताल अंतिम दम तक जारी रखेंगे। समस्याओं और गलत फहमियों को दोनां के मद में वार्ता से समाप्त किया जा सकता है।

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न्यायिक टिकट काउंटर बंद होने से शपथकर्ता परेशान

जिला न्यायालय परिससर स्थित एक मात्र न्यायिक काउंटर बंद होने से शपथकर्ता कालाबाजारी के शिकार होने को विवश हैं। काउंटर से मिलने वाले टिकट को कुछ लोग जमाखोरी कर दोगुने दाम में बेच रहे हैं। टिकट काउंटर एक सप्ताह से बंद है। चूंकी कार्यालय स्कूल, कॉलेज तथा अनियंत्र कई जगहों के लिए सैकड़ों शपथ पत्र प्रतिदिन बनाये जाते हैं। इनमें बहुत से शपथ पत्र मजिस्टेट द्वारा जारी किए गए मांगें जाते हैं। इसलिए वहां भी शपथ पत्र बनाने की भीड़ है। परन्तु बिना टिकट या बाद में टिकट लगाये जाने के शर्त पर शपथ पत्र बनाने की मनाई है। एसडीओ कोर्ट कर्मियों ने बताया की बिना टिकट शपथ पत्र लेने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है। शपथकर्ताओं को हर हाल में शपथ पत्र परिचय लगाकर देना है। ज्ञात है कि यहां हर शपथ पत्र पर सौ रुपया का टिकट मिलता है।

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एसडीओ कोर्ट में गाइड लाइन का नहीं हो रहा पालन

जहां जिला न्यायालय व डीएम कोर्ट में कोरोना संकमण से बचाव को लेकर गाइड लाइन के तहत फिलहाल सुनवाई बिलकुल लगभग ठप हो गई है। वहीं एसडीओ या अनुमंडल दंडाधिकारी कोर्ट ने सुनवाई जारी है। इतना ही नहीं यहां कोरोना प्रोटोकॉल् वेअसर है। और वकील तथा पक्षकारों से पूरा कोर्ट खचाखच भरा है। यहां तक कार्यालय खिड़की का भी उपयोग करने के बदले लोग सीधे कार्यालय में प्रवेश कर अपना कार्य करना मुनासिफ समझते हैं। कोरोना को खतरनाक स्तर को देखते हुए इसपर अंकुश लगाना अनिवार्य है। अन्यथा कार्यालय कर्मी समेत वकील तथा अन्य को भी संक्रमण के जद में आने से इंकार नहीं किया जा सता है।

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