नालंदा के अस्थावां में आक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी जोरों पर
बिहारशरीफ। कोवीड 19 की दोनों लहरों से सबक लेते हुए स्थानीय प्रशासन काफी सतर्क है। संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए काफी जोर-शोर से तैयारी हो रही है ताकि कम से कम से जानमाल का नुकसान हो सके।
बिहारशरीफ। कोवीड 19 की दोनों लहरों से सबक लेते हुए स्थानीय प्रशासन काफी सतर्क है। संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए काफी जोर-शोर से तैयारी हो रही है, ताकि कम से कम से जानमाल का नुकसान हो सके।
पूर्व के हालातों पर नजर डाले तो पहली लहर में अस्थावां में दर्जनों लोग इस महामारी की भेंट चढ़ गए, वहीं दूसरी लहर में तीनों विभागों की सक्रियता के कारण इस बीमारी से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई।
बीडीओ अरविद कुमार कहते हैं कि तीसरी लहर आने की संभावना बनी हुई है। इससे पहले हम टीकाकरण का शत फीसद कार्य पूर्ण कर लेना चाहते हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से किये जा रहे टीकाकरण की खुद प्रतिदिन मानीटरिग कर रहे हैं। हमें कोविड 19 से सुरक्षित रहने के लिए टीकाकरण एवं मास्क की उपयोगिता को प्राथमिकता देना है।
अस्पताल प्रभारी डाक्टर अविनाश कुमार चंद्रा ने बताया कि प्रखंड में प्रतिदिन करीब 12 सौ टीके लग रहे हैं। अभी तक लगभग 25 फीसद लोगों का टीकाकरण हो चुका है। कोरोना मरीजों के लिए तो अनुमंडलीय स्तर पर तैयारी चल रही है। आक्सीजन प्लांट तक लगाए जा रहे हैं। आपातकालीन स्थिति में यहां आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है। नियमित रूप से यहां आठ डाक्टर, 46 एएनएम व तीन जीएनएम हैं। 26 सबसेंटर, तीन एपीएचसी, एक पीएचसी व एक रेफरल अस्पताल यहां सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं। टीकाकरण में शत-फीसद लक्ष्य हासिल करना हमारी प्राथमिकता है।
अस्पताल के अनुश्रवण एवं मूल्यांकन सहायक अमित कुमार बताते हैं कि लोगों को प्रतिदिन माइकिग के जरिए टीकाकरण एवं मास्क के लिए जागरूक किया जा रहा है।
अस्थावां थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार व सारे थाना प्रभारी प्रभा कुमारी कहती हैं कि कोविड से बचाव का एक ही तरीका है मास्क और फिजिकल दूरी। हमने दूसरी लहर का कहर देखा है। हम नियमित रूप से मास्क चेकिग करते हैं। लोगों से दूरी बनाकर रहने की अपील कर रहे हैं। भीड़-भाड़ नहीं लगने दे रहे हैं। मगर, कुछ लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आते हैं। ऐसे लोगों के विरुद्ध दंडात्मक करवाई की जाएगी। किसी को भी न समाज को न खुद को नुकसान पहुंचाने का अधिकार है। वरीय पदाधिकारियों के निर्देशानुसार कार्य किया जा रहा है।
वहीं, बाजार में आम लोगों के बीच मास्क गायब होता दिखाई दे रहा है। पुलिस को देखकर मास्क लगाने की आदत अथवा सरकारी कार्यालयों में जाते वक्त मास्क न लगाने की आदत से होने वाले नुकसान का लोग आकलन नहीं कर पा रहे हैं। अगर, हालात यही रही तो इसका खामियाजा भी हमें ही भुगतना होगा।