आंगनबाड़ी केंद्रों पर वैक्सीनेशन के का दिख रहा सकारात्मक परिणाम

बिहारशरीफ। अस्थावां प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों पर डीएम के निर्देश पर बीते तीन दिनों से चलाए जा रहे विशेष टीकाकरण अभियान का आइडिया चल निकला। स्थानीय सेविका व सहायिका के समझाने का लोगों पर सकारात्मक असर पड़ रहा है। सुबह से ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर टीका लेने के लिए युवाओं की कतार देखी जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 11:23 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 11:23 PM (IST)
आंगनबाड़ी केंद्रों पर वैक्सीनेशन के का दिख रहा सकारात्मक परिणाम
आंगनबाड़ी केंद्रों पर वैक्सीनेशन के का दिख रहा सकारात्मक परिणाम

बिहारशरीफ। अस्थावां प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों पर डीएम के निर्देश पर बीते तीन दिनों से चलाए जा रहे विशेष टीकाकरण अभियान का आइडिया चल निकला। स्थानीय सेविका व सहायिका के समझाने का लोगों पर सकारात्मक असर पड़ रहा है। सुबह से ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर टीका लेने के लिए युवाओं की कतार देखी जा रही है। विशेषकर अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर छाया भ्रम दूर होता जा रहा है। बीडीओ अरविद कुमार के नेतृत्व में प्रखंड में शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए माइकिग के साथ सोशल मीडिया पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

दैनिक जागरण ने वैक्सीनेशन को लेकर बनते इस सकारात्मक माहौल पर कुछ युवाओं से बात की। सबने एक ही बात कही कि हमने टीका लेने में नाहक देर कर दी। कोरोना की सम्भावित तीसरी लहर से एकमात्र कोरोनारोधी टीका ही हमारी सुरक्षा कर सकता है।

अफवाह पर भरोसा कर नहीं ली थी वैक्सीन : शहबाज

अस्थावां निवासी शहबाज अल्वी कहते हैं, सोशल मीडिया में फैली अफवाह पर भरोसा करके अभी तक कोरोनारोधी वैक्सीन नहीं ली थी। सरकार की लगातार अपील के बाद लगा कि कोई भी सरकार अपने नागरिकों को गुमराह नहीं कर सकती। ऐसा सोचकर मैंने दो दिन पहले टीका ले लिया। अब साथियों को भी टीकाकरण के लिए प्रेरित कर रहा हूं।टीकाकरण से ही हम कोरोना को मात दे सकते हैं।

कोविड 19 टीका का कोई साइड इफेक्ट नहीं : आसिफ

अस्थावां निवासी मो. आसिफ कासमी कहते हैं, कोविड 19 टीका का साइड इफेक्ट नहीं है। अन्य टीकों की तरह बस हल्का बुखार आता है। हमें स्वस्थ समाज के लिए टीकाकरण करवाना चाहिए। फिलहाल इस महामारी का एक ही इलाज वैक्सीनेशन है। हम सभी को इस अभियान में साथ देना चाहिए।

टीके से ही परिवार व समाज सुरक्षित: ईनाम आलम

टीकाकरण के बाद खुशी-खुशी घर लौटे अस्थावां निवासी मो. ईनाम आलम लगे हाथ परिवार के अन्य सदस्यों को भी लेकर आंगनबाड़ी पहुंचे और सबको टीके का सुरक्षा कवच लगवा दिया। वे बताते हैं कि टीकाकरण करवाकर ही परिवार और समाज सुरक्षित रह सकता है। लोगों को अफवाह में नहीं पड़ना चाहिए। खुद के साथ अन्य लोगों को भी टीका लेने के लिए कहें। इस विपदा से निपटने का यही उपाय है।

दोनों डोज लेकर महसूस कर रहा महफूज: आलमगीर

अस्थावां निवासी मो. आलमगीर आलम ने कहा, मैंने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है और अब खुद को महफूज महसूस कर रहा हूं। परिवार के अन्य सदस्यों ने भी टीकाकरण करवा लिया है। दोस्तों ने भी टीका ले लिया है। किसी के स्वास्थ्य पर इसका कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा है। हालांकि टीका लेने के बाद भी एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बनाए रखते हैं। आलम ने स्वास्थकर्मियों को शुक्रिया देते हुए कहा कि उनके कारण ही हम कोरोनारोधी बन रहे हैं।

बच्चों को भी टीका के बाद आता है बुखार: निर्मल कुमार

खेतलपुरा गांव निवासी निर्मल कुमार ने वैक्सीन का दूसरा डोज ले लिया है। पहला डोज अस्पताल जाकर लिए थे। दूसरा गांव के ही आंगनबाड़ी में ले लिया। कहा, फिजिकल डिस्टेंस व मास्क के अलावा समाज को कोरोना से लड़ने के लिए शत- प्रतिशत टीकाकरण जरूरी है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। बच्चों को भी टीका लगवाने के बाद बुखार आता है तो क्या हम उन्हें रोग से बचाने के लिए टीका नहीं लगवाते।

गांव में कैम्प लगा तो ले लिया टीका : राजाराम

अमावां निवासी शिक्षक राजाराम आंगनबाड़ी केंद्र पर टीका के लिए अपनी बारी का इंतजार करते मिले। बताया कि परिवार के अन्य सदस्यों ने पहले ही टीका ले लिया था। व्यस्तता के कारण वे खुद नहीं लगवा पा रहे थे। गांव में कैंप लगा तो सभी काम छोड़कर टीकाकरण करवाने पहुंच गए।

दोस्तों के साथ आया हूं टीका लेने: रंजन

सारे निवासी रंजन भी आंगनबाड़ी के सामने कतार में मिले।भरोसे से कहा, टीका पूरी तरह सुरक्षित है। इसे लेकर कोई संशय नहीं है। इसी कारण दोस्तों को भी साथ लेकर आए हैं। कहा, दूर अस्पताल होने के कारण अब तक वैक्सीन नहीं ले सके थे। अब गांव में ही टीका आ गया तो पहला डोज ले रहे हैं।

हेल्थ वर्कर गांव आ रहे तो टीका लेना कर्तव्य: गौतम

खेतलपुरा गांव निवासी गौतम अपने दोस्तों के साथ टीकाकरण केंद्र पर लाइन में लगे मिले। उन्होंने कहा, बीते एक साल से फिजिकल डिस्टेंस रखते हुए मास्क का उपयोग कर रहे हैं। अब टीका लेकर खुद को पूरी तरह सुरक्षित कर लेना चाहते हैं।हेल्थ वर्कर गांव आ रहे हैं तो हमारा कर्तव्य है कि आगे बढ़कर वैक्सीन लें और खुद के साथ समाज को कोरोना मुक्त बनाने में सहयोग करें।

गांव में टीका कैंप लगने से महिलाओं को सुविधा : रिकू देवी

अमावां निवासी रिकू देवी सुबह ही टीका लेने के लिए आंगनबाड़ी के सामने कतार में आकर लग गईं। पूछने पर बताया, घर का कामकाज छोड़कर वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाने आई हूं। पहला डोज अस्पताल जाकर ले ली थी। सरकार ने गांव में कैंप लगाकर टीकाकरण कराने का निर्णय लेकर बहुत बढि़या किया है। इससे सभी महिलाओं का टीकाकरण संभव हो सकेगा।

chat bot
आपका साथी