बदलते मौसम में लापरवाही बिगाड़ सकती है सेहत, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वालों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत
लगातार मौसम में बदलाव हो रहे हैं। काफी गर्मी और उमस तो अगले ही पल बारिश। ऐसे में लोगों के बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे सबसे ज्यादा परेशान कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग होते हैं। ऐसे लोगों को और अधिक सर्तक रहने की ज्यादा जरूरत होती है। बदलते मौसम में वायरल फीवर एक ऐसी बीमारी है जिसके चपेट में हर कोई आसानी से आ जाता है।
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : लगातार मौसम में बदलाव हो रहे हैं। काफी गर्मी और उमस तो अगले ही पल बारिश। ऐसे में लोगों के बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे सबसे ज्यादा परेशान कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग होते हैं। ऐसे लोगों को और अधिक सर्तक रहने की जरूरत होती है। बदलते मौसम में वायरल फीवर एक ऐसी बीमारी है जिसके चपेट में हर कोई आसानी से आ जाता है। इन दिनों करीब 15 से 20 फीसद छोटे बच्चों को रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के साथ कफ व खांसी जैसी बीमारियां होती हैं। तापमान में अंतर के अलावा लोगों पर प्रदूषण का भी काफी प्रभाव पड़ रहा है। बच्चों में यह बीमारी बहुत तेजी से निकल कर सामने आ रही है। प्रदूषण के कारण धूल के कण सांस की नली के जरिए शरीर के अंदर तक पहुंच जाते हैं। इससे गले में खराश हो जाती है। इन दिनों कंजंक्टिवाइटिस(आँखों में इन्फेक्शन होना) के मरीजों की संख्या भी बढ़ सकती है। आँखों की बेहतर साफ-सफाई से ही कंजंक्टिवाइटिस बीमारी से बचा जा सकता है।
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बीमारी की अनदेखी पड़ सकती है भारी :
सिविल सर्जन डॉ. राम सिंह ने बताया बदलते मौसम में होने वाली बीमारियों का इलाज समय से नहीं कराया जाए तो यह भयावह रूप भी ले सकती हैं। ऐसे रोग होने पर लापरवाही भारी पड़ सकती है। मौसमी बीमारियां होने पर समय पर बेहतर उपचार करवाना चाहिए। बच्चों के बीमार होने पर इलाज में कतई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, अन्यथा संक्रमण बढऩे या गलत उपचार पर बीमारी के दूसरा रूप लेने पर तबीयत बिगड़ सकती है। इसके अलावा बदलते मौसम में खानपान और पहनावे पर भी ध्यान देना जरूरी है।
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मौसमी बीमारियों से बचाव के देसी नुस्खे :
इस बदलते मौसम में खुद को संक्रमण से बचाने के लिए रोज सुबह एक लौंग खाएं। ताजा बना गर्म खाना ही खाएं। इससे बॉडी में रक्तसंचार अच्छा बना रहता है। मेथी दाने के नियमित सेवन से अस्थमा, गठिया, कफ और एसिडिटी जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है। इस बात का खास ख्याल रखें कि मौसम चाहे कोई भी हो, पानी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए हर रोज कम से कम आठ से दस ग्लास पानी जरूर पीएं। खाने में पपीता, कद्दू, गाजर, टमाटर, पालक, अमरूद जैसे मौसमी फलों और सब्जियों को जरूर शामिल करें। इनसे शरीर का तापमान भी मौसम के मुताबिक बना रहेगा। अंकुरित अनाजों में काफी मात्रा में फाइबर और प्रोटीन्स होते हैं, जिनके सेवन से काफी एनर्जी मिलती है। लहसुन सर्दी, जुकाम और कफ जैसी समस्या का कारगर इलाज है। आंवला, संतरा, नींबू और इमली जैसे विटामिन-सी युक्त फल भरपूर मात्रा में लें। ये शरीर से सारा टॉक्सिन निकाल देते हैं।