उद्यान महाविद्यालय में किसानों को संरक्षित खेती का पढ़ाया गया पाठ

नूरसराय : उद्यान महाविद्यालय में मंगलवार को फूलों तथा सब्जियों के संरक्षित खेती पर पांच दिवसीय प्रशि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Dec 2018 09:11 PM (IST) Updated:Tue, 11 Dec 2018 09:11 PM (IST)
उद्यान महाविद्यालय में किसानों को संरक्षित खेती का पढ़ाया गया पाठ
उद्यान महाविद्यालय में किसानों को संरक्षित खेती का पढ़ाया गया पाठ

नूरसराय : उद्यान महाविद्यालय में मंगलवार को फूलों तथा सब्जियों के संरक्षित खेती पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसका विधिवत उद्घाटन नालन्दा उद्यान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ पंचम कुमार ¨सह, कृषि वैज्ञानिक एम डी ओझा, डॉ मणिकांत प्रभाकर, मनीष कुमार तथा समन्वयक संजय कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस विशेष प्रशिक्षण शिविर में नालन्दा, नवादा, समस्तीपुर, पटना, जहानाबाद जिलों के किसानों को पांच दिनों तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए उद्यान महाविद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि समय बदल चुका है। आज संरक्षित खेती की जरूरत है। किसान संरक्षित खेती करें क्योंकि जब किसान की फसल बाजार में आती है तो उसकी उचित कीमत नहीं मिल पाती है। ऐसे में खुशहाल रहने के लिए किसानों को संरक्षित खेती की ओर अग्रसर होना होगा। पोली हाउस में बेमौसम खेती कर फूल की खेती करने की ओर अग्रसर होने की जरूरत है। फूल की बाजार में काफी अधिक मांग है। यदि किसान नई तकनीक का फायदा उठाते हैं तो उनके जीवन में खुशहाली स्वत: आने लगेगी। इस अवसर पर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम डी ओझा ने कहा कि पारंपरिक खेती को छोड़ किसानों को नई तकनीक से खेती की ओर अग्रसर होने की जरूरत है क्योंकि म•ादूरों की घोर किल्लत खेती को प्रभावित कर रहा है। ऐसे में संरक्षित खेती ही विकल्प रह जाता है। इस मौके पर शशिकांत कुमार, रामचंद्र ¨सह, सनोज प्रसाद, धनंजय कुमार सहित कई लोग मौजूद थे।

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