मोटे अनाज उत्पादन पर जोर देगा कृषि विज्ञान केंद्र

हरनौत। हरनौत स्थित नालन्दा कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) मोटे अनाज के उत्पादन पर जोर देगा। मोटे अनाज में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं। यह कई बीमारियों को आने नहीं देता। इसमें कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 12:18 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 12:18 AM (IST)
मोटे अनाज उत्पादन पर जोर देगा कृषि विज्ञान केंद्र
मोटे अनाज उत्पादन पर जोर देगा कृषि विज्ञान केंद्र

हरनौत। हरनौत स्थित नालन्दा कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) मोटे अनाज के उत्पादन पर जोर देगा। मोटे अनाज में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं। यह कई बीमारियों को आने नहीं देता। इसमें कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। शुक्रवार को केवीके में हुई विज्ञानी सलाहकार समिति की वार्षिक बैठक में मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने का सुझाव आया। बैठक में निकरा योजना के तहत चीना, बाजरा, मक्का, जिक गेहूं, सांबा एवं मडुआ आदि की उपज को बढ़ाने की सलाह पर कार्ययोजना बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके अलावा जलवायु अनुकूल खेती को विस्तार देने, किसानों को आत्मा के सहयोग से राज्य के बाहर परिभ्रमण कराने, रबी की पैदावार को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण आदि कार्यक्रम चलाने का सुझाव आए।

इससे पहले केवीके के वरीय विज्ञानी सह प्रमुख ब्रजेन्दु कुमार ने पिछले साल की उपलब्धि प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। बताया कि जलवायु अनुकूल खेती के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। समेकित बाल विकास परियोजना के लिए 5 गांव में आंगनबाड़ी केंद्रों में सफलतापूर्वक मशरुम उत्पादन किया गया। मिट्टी जांच में तेजी लायी गई। परंपरागत कृषि विकास योजनाओं को किसानों के समूह के माध्यम से लागू कराया गया। इसके अलावा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कार्ययोजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया गया। बताया कि इससे 300 किसान लाभान्वित हुए। सब्जियों तथा फलों के 87000 बिचड़े एवं पौधे की बिक्री एवं वितरण किया गया। पोषण माह एवं पोषण सप्ताह पर प्रेरक कार्य हुए। बैठक में मुख्य अतिथि के तौर पर कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग संस्थान पटना के निदेशक डा अंजनी कुमार, बीएयू सबौर, भागलपुर के शिक्षा प्रसार सहायक निदेशक डा आर एन सिंह, बिसा, समस्तीपुर (पूसा) के डा आर के जाट, उद्यान महाविद्यालय नूरसराय के प्राचार्य डा पंचम कुमार सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार, जिला सहायक निदेशक उद्यान ज्ञानचंद शर्मा, जिला मत्स्य पदाधिकारी सुभाष चन्द्र यादव, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण, नाबार्ड के डीडीएम, जीविका के डीपीएम, केवीके के विज्ञानी डा उमेश नारायण उमेश, डा ज्योति सिन्हा, कुमारी विभा रानी एवं डा संजीव रंजन के अलावा किसान पूर्व मुखिया शिव मोहन सिंह, गौतम कुमार उत्तम कुमार आदि शामिल हुए।

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