नालंदा में कोरोना ने थामा शादी का शोर, ईद की रौनक पड़ी फीकी

लॉकडाउन कोरोना पर वार का अंतिम हथियार है। करीब एक सप्ताह से सब कुछ बंद है। इस दौरान कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले में कमी जरुर आई है। साथ ही इस लॉकडाउन ने लोगों की खुशियों पर भी ब्रेक लगा दिया है। इसकी वजह से जहां शादी का शोर थमा है। वहीं 14 मई को आ रही ईद की रौनक भी फीकी पड़ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 09:53 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 09:53 PM (IST)
नालंदा में कोरोना ने थामा शादी का शोर, ईद की रौनक पड़ी फीकी
नालंदा में कोरोना ने थामा शादी का शोर, ईद की रौनक पड़ी फीकी

संवाद सूत्र, इस्लामपुर : लॉकडाउन कोरोना पर वार का अंतिम हथियार है। करीब एक सप्ताह से सब कुछ बंद है। इस दौरान कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले में कमी जरुर आई है। साथ ही इस लॉकडाउन ने लोगों की खुशियों पर भी ब्रेक लगा दिया है। इसकी वजह से जहां शादी का शोर थमा है। वहीं 14 मई को आ रही ईद की रौनक भी फीकी पड़ गई है। कपड़ों के ब्रांडेड शोरूम बंद हैं। लोग बमुश्किल ही घरों से बाहर निकल रहे हैं। बाजार में ईद की खरीदारी को लेकर कोई उत्साह नहीं है। यह दूसरी बार है कि लॉकडाउन की वजह से बाजार पूरी तरह बंद हैं। इस बीच कई त्योहार आकर चले गए, लेकिन उसकी रौनक नहीं दिखी। इस बार भी रमजान के दौरान बाजार सूने पड़े हैं। मस्जिदों के दरवाजे नमाजियों के लिए बंद हैं। लोग घरों में रहकर इबादत कर रहे हैं। रमजान की तरावीह की नमाज भी घरों में ही हो रही है। अब जबकि ईद भी करीब है, तो घरों में इसे लेकर तैयारियां तो चल रही हैं, लेकिन बाजार बंद होने से रौनक गायब है। वहीं कई लोग त्योहरों की रौनक बढ़ाने के लिए ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं। गरीबों के घर की जरुरतें करें पूरी उलेमाओं की तरफ से यह अपील की जा रही है कि सक्षम लोग ईद के मौके पर होने वाले खर्च को बचाकर उसे जरूरतमंदों पर खर्च करें ताकि ईद की खुशियां न सही उनके घर की जरूरतें जरूर पूरी हो सकें। बड़ी संख्या में लोग इस अपील पर अमल भी कर रहे हैं। जिदगी अहम, अगले साल भी मनाई जा सकती ईद व्यापारी रामजानी आलम ने बताया ईद से 15 दिन पहले बाजार में पैर रखने की जगह नहीं होती थी लेकिन इस बार दुकानों पर ताले लटके हैं। आशिक आलम ने बताया पूरे साल की खरीदारी के मुकाबले ईद पर जबरदस्त खरीदारी होती थी। खूब पैसे बरसते थे लेकिन सब कुछ कोरोना की भेंट चढ़ गया। राजू आलम का कहना है कि बाजार को भारी नुकसान हुआ है। कपड़ों की सिलाई और रेडीमेड गारमेंट्स की दुकानें पूरी तरह बंद हैं । ताज ने भी जिदगी बचाना अहम बताया। कहा सब कुछ ठीक रहेगा तो ईद अगले साल भी मना लेंगे। मल्लाह बिगहा, बूढ़ा नगर, खुदागंज, मीना बाजार, कपासिया और दक्षिण क्षेत्र में मुस्लिमों की बड़ी आबादी रहती है। इन इलाकों में ईद पर रहने वाली रौनक और चहल-पहल गायब है। 450 रुपये किलो तक बिक रहे लच्छे सेवई की कीमत 100 रुपए से लेकर 150 रुपए प्रति किलो है। वहीं हल्दीराम का लच्छा150 रुपए से लेकर 450 रुपए तक बिक रहा है। मल्लाह बिगहा मोहल्ले स्थित सेवई के दुकानदार ने बताया कि सेवई की कई वेराइटी उपलब्ध है। लोग अपने पसंद व जेब के हिसाब से सेवई की खरीदारी कर रहे हैं। सुबह 7 बजे से 11 बजे तक बाजार में फल, मेवे, सेवईयां, इत्र, कपड़े से सजी-धजी दुकानों पर लोगों की भीड़ लगी रहती है। ईद में टोपी भी एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। बाजार में टोपी भी कई प्रकार की उपलब्ध कराई गई है। जो 50 रुपए से लेकर 200 रुपए तक उपलब्ध है। टोपी में अफगानी टोपी, तुर्की टोपी, बरकत टोपी, फल्ला टोपी, मकबली टोपी, जेनरल टोपी सहित कई प्रकार की टोपियां बिक रही है। इस बार भी नहीं होगी सामूहिक नवाज ............

इस बार ईदगाह एवं मस्जिदों में ईद की नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। प्रशासन की ओर से इस बात की सूचना दी जा चुकी है। जिम्मेदार लोगों को नोटिस भी तामील कराए गए हैं। अधिकारियों के निर्णय के मुताबिक ईद की नमाज ईदगाह एवं मस्जिदों में इमाम अथवा अन्य कोई भी व्यक्ति नहीं पढ़ेंगे। आदेश पर अमल न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सभी लोगों से अपने घरों पर ही ईद की नमाज अदा करने का आह्वान किया गया है। इस्लामपुर थानाध्यक्ष शरद कुमार रंजन ने भी लोगों से ईद के मौके पर एक दूसरे से हाथ न मिलाने तथा गले न मिलने की अपील की है।

chat bot
आपका साथी