दो ह•ार गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी को ढूंढ इतिहास में दिलाई जाएगी जगह

बिहारशरीफ। भारत में इतिहास लेखन हमेशा से ही यूरोप केंद्रित रहा है जरूरत है उसे भारत केंद्रित करने की। भारत का इतिहास भारत के लोग तथा भारत की परंपराओं और सनातन संस्कृति को में रखकर लिखेंगे तभी आने वाली पीढ़ी में राष्ट्रभाव जागृत होगा। ये बातें अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना नई दिल्ली के राष्ट्रीय संगठन सचिव डा. बालमुकुंद पाण्डेय ने नालन्दा कॉलेज में आयोजित आ•ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर कही।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 11:48 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 11:48 PM (IST)
दो ह•ार गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी को ढूंढ इतिहास में दिलाई जाएगी जगह
दो ह•ार गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी को ढूंढ इतिहास में दिलाई जाएगी जगह

बिहारशरीफ। भारत में इतिहास लेखन हमेशा से ही यूरोप केंद्रित रहा है, जरूरत है उसे भारत केंद्रित करने की। भारत का इतिहास भारत के लोग तथा भारत की परंपराओं और सनातन संस्कृति को में रखकर लिखेंगे, तभी आने वाली पीढ़ी में राष्ट्रभाव जागृत होगा। ये बातें अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना, नई दिल्ली के राष्ट्रीय संगठन सचिव डा. बालमुकुंद पाण्डेय ने नालन्दा कॉलेज में आयोजित आ•ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर कही। डा पाण्डेय ने कहा कि आज के युवाओं के लिए यह •ारूरी है की वैसे महापुरुषों को ही आदर्श बनाएं, जो इस मातृभूमि को अपना मानते हों। उनका कहना था कि इसलिए इतिहास संकलन योजना के तहत आ•ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर देश भर में 75 व्याख्यान होने जा रहे हैं। ऐसे दो ह•ार स्वतंत्रता सेनानियों को देश भर से खोजा जाएगा, जिन्हें इतिहास ने कभी सही जगह नहीं दी। आ•ादी का अमृत महोत्सव पूरे देश में स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है। नालंदा कॉलेज के इतिहास विभाग ने इसी कड़ी में अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना एवं भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के सहयोग से इस व्याख्यान को आयोजित किया।

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष और मंच संचालन कर रहे डॉ बिनित लाल ने कहा कि 75 सप्ताह पहले से सरकार के अमृत महोत्सव मनाने के निर्णय में कालेज अपनी भूमिका निभा रहा है, जिससे छात्रों में बलिदानियों की प्रेरणा को भरा जा सके। साथ ही आने वाले दिनों में नए भारत को संवारने और इस स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए युवा संकल्पित हो सकें। अतिथियों का परिचय कराते हुए कार्यक्रम के आयोजन सचिव एवं इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ रत्नेश अमन ने कहा कि इस मुश्किल से मिली आ•ादी को हमें कायम रखने की कोशिश करते रहना चाहिए। उन्होंने इतिहास संकलन योजना को विशेष रूप से धन्यवाद दिया, जिसके कारण यह कार्यक्रम सफल हो पाया। डॉ अमन ने कहा कि युवाओं को स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका निभाने वाले सेनानियों से प्रेरणा लेनी चाहिए और आभार व्यक्त करना चाहिए जिसके कारण वे आज आ•ाद देश में सांस ले पा रहे हैं। स्वागत भाषण करते हुए कालेज के प्राचार्य डा. राम कृष्ण परमहंस ने कहा कि इतिहास में कई घटनाएं हुई हैं, जिन्हें हम भूल गए हैं। इतिहासकारों को चाहिए कि अब उस इतिहास को दोबारा देश में प्रतिस्थापित करें, जिससे देश सही मायने में स्वतंत्र दिखे। इतिहास संकलन समिति बिहार प्रदेश के अध्यक्ष एवं कामर्स कॉलेज के प्राध्यापक प्रो. राजीव रंजन ने इतिहास की विकृतियों के तरफ ध्यान दिलाते हुए कहा कि भगत सिंह को आतंकवादी तो वहीं छत्रपति शिवाजी को पहाड़ी चूहा कहा गया तो वहीं औरंग•ोब जैसे शासक को •ादिा पीर कहा गया। इसलिए इतिहास संकलन योजना के तहत जगह - जगह व्याख्यान आयोजित कर इतिहास पुनर्लेखन की •ारूरत को बताया जा रहा है। प्रो राजीव ने इतिहास दिवस मनाने के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा कि इस दिन आमलोगों को इतिहास बोध कराते हुए लोगों से यह अपेक्षा रखी जाती है कि वे भारत की सदियों पुराने इतिहास की सही जानकारी रखें। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नव नालन्दा महाविहार के कुलपति ने कहा कि यह अमृत महोत्सव हम सभी को इसलिए मनाने का मौका मिला है कि इसके लिए हमारे बलिदानियों ने काफ़ी विषपान किया है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि देश सेवा का भाव हमेशा अपने मन में रखें और दायित्व का बोध अपने अंदर बनाए रखें। देश ने तो हमें बहुत कुछ दिया है लेकिन हम देश को क्या दे रहे हैं, इस पर चितन की आवश्यकता है। अंत में धन्यवाद ज्ञापन हिदी विभाग के अध्यक्ष डा. श्याम सुंदर प्रसाद ने किया। कार्यक्रम में 150 से अधिक लोगों ने शिरकत की जिसमें कॉलेज के शिक्षकों, छात्रों के अलावा बड़ी संख्या में अन्य जगहों से विद्वतजन भी शामिल थे।

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विद्यार्थियों ने बनाई रंगोली व पोस्टर

इतिहास दिवस के मौके पर नालंदा कालेज के विद्यार्थियों ने रंगोली और पोस्टर पर देश की स्वाधीनता के मायने उकेरे। इसको बनाने में कालेज के विद्यार्थी निभा, मधु, निधी, अनमोल, आरोही, प्रिस, नीतीश, सुभाषिनी, सुमन ने काफ़ी मेहनत की। कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों तथा श्रोताओं ने इसको काफी सराहा।

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