पूर्व सांसद रामस्वरूप प्रसाद के निधन पर मंत्री, सांसद आदि नेताओं ने जताया शोक

नालंदा। नालंदा के पूर्व सांसद रामस्वरूप प्रसाद के आकस्मिक निधन पर नालंदा के सांसद कौशलेन्द्र कु

By Edited By: Publish:Tue, 08 Mar 2016 07:43 PM (IST) Updated:Tue, 08 Mar 2016 07:43 PM (IST)
पूर्व सांसद रामस्वरूप प्रसाद के निधन पर मंत्री, सांसद आदि नेताओं ने जताया शोक

नालंदा। नालंदा के पूर्व सांसद रामस्वरूप प्रसाद के आकस्मिक निधन पर नालंदा के सांसद कौशलेन्द्र कुमार, ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री श्रवण कुमार, अस्थावां विधायक डा. जितेन्द्र कुमार, विधान पार्षद सह जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। उक्त नेताओं ने स्व. प्रसाद को सादगी का प्रतिमूर्ति बताते हुए कहा कि इनके निधन से नालंदा की राजनीति में एक शून्य सा उत्पन्न हो गया जिसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है।

इधर पूर्व सांसद व इसलामपुर के पूर्व विधायक रामस्वरूप प्रसाद के आकस्मिक निधन पर मंगलवार को इसलामपुर वासियों में शोक की लहर दौड़ गयी। उनके शुभ¨चतकों को विश्वास ही नहीं हो रहा था की आखिर अचानक क्या हो गया कि नालंदा के राजनीतिक स्तंभ कहे जाने वाले रामस्वरूप प्रसाद अचानक दुनिया छोड़ चले गए। नेताओं ने कहा है कि इनके निधन से नालंदा को अपूरणीय क्षति हुई है। दुख प्रकट करने वालों में पूर्व •िाप सदस्य निवास शर्मा, •िाप सदस्य मिथिलेश यादव, रितेश गांधी, महेंद्र ¨सह यादव, शैलेन्द्र कुमार ¨सह अधिवक्ता, रवि ¨सह, बबन ¨सह सहित दर्•ानों लोग शामिल है। इधर पूर्व सांसद का दाह संस्कार मंगलवार की संध्या साढ़े चार बजे फतुहां के गंगा घाट पर किया गया। उनके बड़े पुत्र आलोक कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस मौके पर नालंदा के सांसद कौशलेन्द्र कुमार समेत सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे।

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स्व. प्रसाद की राजनीति सफर मुखिया से सांसद तक रहा

संवाद सूत्र, एकंगरसराय (नालंदा) : स्व. रामस्वरूप प्रसाद का राजनैतिक कैरियर मुखिया से प्रारम्भ हुआ था। मुखिया बनने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मुखिया के बाद वे एकंगरसराय प्रखण्ड प्रमुख, नालंदा जिला परिषद के अध्यक्ष भी बने। 1972 में पहली बार वे एकंगर विधान सभा क्षेत्र से डा. लाल ¨सह त्यागी को हराकर विधान सभा पहुंचे थे। उसके बाद वे पुन: 1985 में इसलामपुर विधान सभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। उसके बाद 2000, 2005 में भी विधान सभा के सदस्य रहे। इसी बीच में वे दो बार लोकसभा के भी सदस्य रहे। एक बार कांग्रेस के टिकट पर तथा दूसरी बार जदयू के टिकट पर। जब नालंदा के सांसद रहते हुए नीतीश कुमार 2005 में मुख्यमंत्री बने थे तो उनके द्वारा खाली किए गए नालंदा सीट से रामस्वरूप प्रसाद को जदयू से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया गया और उन्होंने जीत दर्ज कर दूसरी बार नालंदा के सांसद चुने गए। सांसद व विधायक रहते हुए इनके सादगी का उदाहरण दिया जाता है कि बिना अंगरक्षक के वे ट्रेन एवं बस से पटना एवं बिहारशरीफ की अकेले सवारी किया करते थे। 85 वर्षीय स्व. प्रसाद अभी भी काफी स्वस्थ दिखते थे। दो तीन दिन पूर्व तक वे एकंगरसराय जिला परिषद ( दक्षिण) से अपने छोटी पुत्रवधू के लिए प्रचार-प्रसार कर रहे थे।

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