मियावाकी मॉडल के आधार पर पौधारोपण करने की डीएम ने दी सलाह

जल जीवन हरियाली मिशन के तहत जिला में हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान में सरकारी एवं गैर सरकारी संगठन समन्वय बनाकर कार्य कर रहे हैं। रोटरी क्लब बिहार शरीफ द्वारा भी वृक्षारोपण का कार्य पूर्व से किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Aug 2019 08:05 PM (IST) Updated:Tue, 20 Aug 2019 08:05 PM (IST)
मियावाकी मॉडल के आधार पर पौधारोपण करने की डीएम ने दी सलाह
मियावाकी मॉडल के आधार पर पौधारोपण करने की डीएम ने दी सलाह

बिहारशरीफ : जल जीवन हरियाली मिशन के तहत जिला में हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान में सरकारी एवं गैर सरकारी संगठन समन्वय बनाकर कार्य कर रहे हैं। रोटरी क्लब बिहारशरीफ भी पौधारोपण का कार्य कर रही है। जिसमें व‌र्द्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज अस्पताल पावापुरी एवं जल मंदिर के परिसर में अगले माह बड़े स्तर पर पौधारोपण किया जाएगा। मंगलवार को रोटरी क्लब के प्रतिनिधियों ने डीएम योगेंद्र सिंह से मुलाकात कर इस आशय की जानकारी दी। डीएम ने क्लब के सदस्यों को मियावाकी मॉडल के आधार पर पौधारोपण करने का अनुरोध किया। यह मॉडल जापानी पर्यावरणविद अकीरा मियावाकी द्वारा अपनाया गया जिसमें विभिन्न प्रजातियों के पौधों को एक साथ लगाया जाता है। रोटरी क्लब के सदस्यों ने बताया कि 2 अक्टूबर को बिहार शरीफ नगर निगम के प्रत्येक वार्ड में नो प्लास्टिक अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जायेगा। इस अवसर पर रोटरी क्लब के अध्यक्ष शशि भूषण सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे। क्या है मियावाकी मॉडल

डीएम ने बताया कि यह एक जापानी तकनीक है जिसमें महज आधे से एक फीट की देरी पर पौधे रोपे जाते है। पौधे पास-पास लगने से मौसम की मार का असर नहीं पड़ता और गर्मियों में भी पौधे के पत्ते हरे रहते है। इस तकनीक से पौधों की ग्रोथ दोगुनी गति से होती है। जहां दूर-देर होने वाले पौधारोपण को लंबे समय तक देखभाल करना पड़ता है वही इस तकनीक से पौधे दो या तीन साल में बढ़ जाते है। कम स्थान में लगे पौधे एक ऑक्सीजन बैंक की तरह काम करते है। धीरे-धीरे यह मिनी फॉरेस्ट का रूप लेने लगता है।

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