सेरथुआ में परंपरा तोड़ बेटी ने मां को दी मुखाग्नी
बिहारशरीफ। हिंदू धर्म में सैकड़ों वर्षो से बेटे द्वारा मुखाग्नी देने की परंपरा रही है। लेकिन बुधवार को सेरथुआ गांव में इस रिवाज से अलग हटकर एक बेटी ने अपनी मां को मुखाग्नी दी जिसकी पूरे गांव में चर्चा है।
बिहारशरीफ। हिंदू धर्म में सैकड़ों वर्षो से बेटे द्वारा मुखाग्नी देने की परंपरा रही है। लेकिन, बुधवार को सेरथुआ गांव में इस रिवाज से अलग हटकर एक बेटी ने अपनी मां को मुखाग्नी दी, जिसकी पूरे गांव में चर्चा है। बताया गया मंगलवार को स्व.बलिराम महाराज की पत्नी गौरी देवी की मृत्यु हो गई। गौरी देवी अपनी बेटी हीरामणि के साथ ही रहती थी। मां की चिकित्सा से लेकर सेवा तक का कार्य वह स्वयं करती थी। हालांकि मृतक गौरी देवी के दो पुत्र भी हैं जो बंगलौर में रहकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। मां की अचानक मौत के कारण बेटा अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका। ऐसे में बेटी ने मुखाग्नी दी। ग्रामीणों ने बताया कि गौरी देवी की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। दो वक्त का खाना भी मुश्किल है। बावजूद उसने मां की सेवा में कोई कमी नहीं की। लोगों ने प्रशासन से आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग की।