कोरोना से बुजुर्ग की मौत के बाद एम्बुलेंस के लिए छटपटाते रहे स्वजन

बिहारशरीफ। कोरोना संक्रमण के इस दौर में कुछ लोग समर्पण भाव से मरीजों की सेवा में जुटे हैं तो कुछ ऐसे भी हैं जो इसे दोहन का अवसर बना लिए हैं। गुरुवार की सुबह सदर अस्पताल के प्रांगण में ऐसा ही ²श्य देखने को मिला। दो लोग बेचैन होकर इधर-उधर दौड़ते दिखे। इस संवाददाता ने जब उनसे परेशानी की वजह पूछी तो चेहरे पर बेचारगी छलक आई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 07:47 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 07:47 PM (IST)
कोरोना से बुजुर्ग की मौत के बाद एम्बुलेंस के लिए छटपटाते रहे स्वजन
कोरोना से बुजुर्ग की मौत के बाद एम्बुलेंस के लिए छटपटाते रहे स्वजन

बिहारशरीफ। कोरोना संक्रमण के इस दौर में कुछ लोग समर्पण भाव से मरीजों की सेवा में जुटे हैं तो कुछ ऐसे भी हैं, जो इसे दोहन का अवसर बना लिए हैं। गुरुवार की सुबह सदर अस्पताल के प्रांगण में ऐसा ही ²श्य देखने को मिला। दो लोग बेचैन होकर इधर-उधर दौड़ते दिखे। इस संवाददाता ने जब उनसे परेशानी की वजह पूछी तो चेहरे पर बेचारगी छलक आई। बताया, उनके पिता बिदा सिंह की बीती रात कोरोना से मौत हो गई है। वे भैंसासुर चौराहे के पास एक निजी क्लीनिक में मृत पड़े हैं। शव को अपने घर मथुरिया मोहल्ला ले जाने के लिए निजी एम्बुलेंस वालों से बात की तो महज दो किलोमीटर की दूरी के बदले 35 सौ रुपए की मांग की। अंतत: आरजू-मिन्नत के बाद एम्बुलेंस चालक शंभू कुमार 11 सौ रुपए में पहुंचाने को राजी हुआ।

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तय है निजी एम्बलेंस का रेट

सदर अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक हेमंत कुमार शर्मा ने बताया कि निजी एम्बुलेंस का रेट भी तय है। पटना जाने के लिए 1939 रुपए तथा पावापुरी विम्स के लिए 800 रुपए ही निर्धारित है। इसके अलावा सरकारी अस्पताल में तीन एम्बुलेंस हैं। जिनके लिए कोई शुल्क नहीं देना है। एक शव वाहन भी है। इसकी सेवा भी निशुल्क है। दो एम्बुलेंस पटना व विम्स जाने के लिए है।

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निजी एम्बुलेंस मौके का खूब उठा रहे फायदा

यदि किसी व्यक्ति के घर में कोई बीमार है और उसे आनन-फानन में कहीं ले जाना है तो उसका कोई रेट निश्चित नहीं है। एम्बुलेंस चालक ऐसे लोगों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं। हद तो यह है कि ऐसे चालकों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही।

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रेमडेसिविर की सरकारी सप्लाई नहीं, बाजार में मनमानी कीमत

संक्रमित मरीजों के लिए इन दिनों रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ गई है। इस एक डोज की सरकारी दर 600 रुपए तय है। यह गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों को 6 डोज देनी है। लेकिन वर्तमान में सरकारी अस्पताल में यह इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। अभी तक इसकी सप्लाई ही नहीं हुई है। बाजार में मनमानी कीमत वसूले जाने की सूचना है।

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