इंटर के बाद नालंदा की बेटी ने ही दिलाया मैट्रिक में स्टेट टॉपर होने का गौरव
बिहारशरीफ। इंटर की तरह मैट्रिक बोर्ड परीक्षा में नालंदा के कई छात्र-छात्राओं ने टॉप टेन में जगह बनाने में कामयाबी हासिल की है। सिमुतला विद्यालय की छात्रा शुभदर्शनी स्टेट टॉपर और शिक्षा रागिनी स्टेट में छठे रैंक पर आई है। दोनों नालंदा जिले की ही निवासी हैं।
बिहारशरीफ। इंटर की तरह मैट्रिक बोर्ड परीक्षा में नालंदा के कई छात्र-छात्राओं ने टॉप टेन में जगह बनाने में कामयाबी हासिल की है। सिमुतला विद्यालय की छात्रा शुभदर्शनी स्टेट टॉपर और शिक्षा रागिनी स्टेट में छठे रैंक पर आई है। दोनों नालंदा जिले की ही निवासी हैं। इस तरह इंटर में स्टेट टॉपर रही सोनाली कुमारी की तरह मैट्रिक की स्टेट टॉपर होने का गौरव दिलाने में नालंदा की बेटी शुभदर्शनी ही आगे रही है। पिता ओमप्रकाश निराला सरकारी मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक हैं। शुभ आगे चलकर डॉक्टर बनना चाहती है।
भाई ने इंटर में लाया था छठा रैंक, बहन ने टॉप कर दिखाया
भाई अभिजीत ने इंटर विज्ञान में पूरे बिहार में छठा स्थान प्राप्त किया तो बहन शुभदर्शनी ने मैट्रिक में पूरे बिहार में टॉप कर दिखाया। सिमुलतला आवासीय विद्यालय जमुई की छात्रा शुभदर्शनी ने 484 अंक लाए हैं। वह मूल रूप से एकंगरसराय प्रखंड के तेल्हाड़ा थाना के कोरथू गांव की है। पिता ओमप्रकाश निराला हिलसा के मध्य विद्यालय चमरबीघा के प्रधानाध्यापक हैं। इनकी प्रारंभिक शिक्षा एकंगरसराय के सनराइज कॉन्वेंट स्कूल में हुई। स्कूल के संचालक ई सहजानंद ने कहा कि शुभदर्शनी शुरू से प्रतिभाशाली थी। वर्ष 2016 में उसका नामांकन सिमुलतला आवासीय विद्यालय में 7 वें वर्ग में हुआ था।
पिता की टीस दूर कर गई बेटी
शुभदर्शनी के पिता भी मेधावी रहे हैं। कई प्रतियोगी परीक्षा में भाग लिए परंतु थोड़े अंक से चूक गए। आज शिक्षक हैं। बेटी ने उनके कुछ अंकों की चूक की टीस को दूर कर दिया और स्टेट टॉपर बन पिता का सिर गौरव से उपर कर दिया। बेटी की सफलता से प्रधानाध्यापक पिता ओमप्रकाश निराला एवं गृहिणी मां नीलम कुमारी काफी खुश हैं। शुभदर्शनी ने जागरण से बातचीत में कहा कि वह आगे चलकर डॉक्टर बनना चाहती है। उसने अपनी सफलता को माता, पिता व भाई के साथ गुरुजनों के सहयोग एवं आशीर्वाद का परिणाम बताया।
शिक्षक दंपती की बेटी ने सूबे में लाया छठा स्थान
बिहारशरीफ पटेल नगर मोहल्ला की शिक्षा रागिनी मैट्रिक परीक्षा में राज्य में छठा स्थान प्राप्त किया है। रागिनी जमुई जिला के सिमुलतला से बोर्ड की परीक्षा दी थी। रागिनी मूल रूप से बिहारशरीफ पटेल नगर की हैं। उनके पिता धनंजय मूलत: शिक्षक और बिहारशरीफ बीआरपी व माता रीना कुमारी नूरसराय उमवि में शिक्षिका हैं। रागिनी आगे की पढ़ाई जारी रखते हुए आईएएस बनकर देश व समाज की सेवा करना चाहती है। रागिनी ने बताया कि यह सफलता शिक्षक मां व पिता के प्रोत्साहन व मार्गदर्शन की देन है।
किसान के बेटे विशुनदेव ने मैट्रिक में लाया राज्य में नौंवां रैंक
रहुई प्रखंड के इकबालगंज गांव निवासी किसान उपेंद्र यादव के पुत्र विशुनदेव कुमार ने मैट्रिक परीक्षा में 477 अंक लाकर राज्य में नौंवा रैंक लाया है। विशुनदेव ने बताया कि वह तीन भाई व तीन बहन में चौथे नम्बर पर है। एक बड़े भाई प्रमोद कुमार इंटर पास हैं। पिता बस साक्षर हैं। शेष सरकारी स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं। विशुनदेव बिहारशरीफ के शेखाना स्थित नेशनल हाईस्कूल का छात्र है। प्राचार्य फजलू रहमान ने बताया कि छात्र विशुनदेव नियमित रूप से क्लास करता था। गरीब परिवार से होने के बावजूद काफी मेहनती था। इसने राज्य भर में नौंवा रैंक लाकर विद्यालय के साथ जिले का नाम भी रोशन किया है।
आइएएस बनना चाहता है विशुनदेव
विशुनदेव ने जागरण से खास बातचीत में कहा कि वह आगे की पढ़ाई जारी रखते हुए आईएएस बनकर देश व समाज की सेवा करना चाहता है। उसने कहा कि गरीब परिवार से होने के बावजूद मेरे माता-पिता ने पढ़ाई में कोई कमी नहीं की। घर की माली हालत देख मैं भी हर दिन 6 से आठ घंटे तक जी तोड़ मेहनत करता रहा। इसी का परिणाम है कि यह सफलता मिली।