शोधार्थियों ने कहा-हम निकालेंगे दुनिया को पटरी पर लाने का समाधान
छठे अंतर्राष्ट्रीय धर्म धम्म सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के बाद नालंदा विश्वविद्यालय ऑडिटोरियम में कई देशों के प्रतिनिधियों व शोधार्थियों ने अपनी राय प्रकट की। सभी ने कोविड महामारी के बाद विश्व व्यवस्था में मानव समुदाय के कल्याण पर प्रकाश डाला।
संवाद सहयोगी, राजगीर : छठे अंतर्राष्ट्रीय धर्म धम्म सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के बाद नालंदा विश्वविद्यालय ऑडिटोरियम में कई देशों के प्रतिनिधियों व शोधार्थियों ने अपनी राय प्रकट की। सभी ने कोविड महामारी के बाद विश्व व्यवस्था में मानव समुदाय के कल्याण पर प्रकाश डाला। कहा, हम सभी मिलकर बेपटरी हो चुकी दुनिया को पटरी पर लाने का समाधान निकालेंगे। जागरण ने कई प्रतिनिधियों से बातचीत की, पेश है उसके अंश।
--------------------- पविथ्रा देवीवनिमारक्षी, परिवहन मंत्री, श्रीलंका
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मेरा मानना है कि यह हमारी नियति है कि हम यहां इस तरह की ऐतिहासिक यात्रा में यह पता लगाने के लिए हैं, कि धर्म-धम्म परंपराओं ने कोविड के बाद की दुनिया के निर्माण में कैसे योगदान दिया है।
........... नोरलीना पासारिगू, शोधार्थी, कोरिया
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जब तक हम सभी पर्यावरण का आदर नहीं करेंगे। तब तक हम विश्व के समस्त जीव-जगत के लिए एक सर्वसुलभ माहौल नहीं दे सकते। हम सभी को प्यार, शांति और सौहार्द के साथ इस पर मंथन करने की जरूरत है।
........... क्रांति सागर, शोधार्थी, उड़ीसा
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कोविड 19 के बाद विश्व व्यवस्था का असंतुलन एक बड़ी चुनौती है। इसे संतुलन में लाने के लिए हम सभी को एक मंच पर आकर आवश्यक कदम तय करने की जरूरत है। धर्म-धम्म सम्मेलन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
........... फैजल मोहम्मद जकारी, घाना
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वैश्विक महामारी से हताहत मानव समुदाय की एक लंबी फेहरिस्त है। इससे उबर पाने में लंबा समय लगेगा। धर्म-धम्म सम्मेलन का निर्धारित विषय इस समस्या के निराकरण में एक उम्मीद की किरण है। हम सभी को मानव समुदाय के कल्याण के लिए कदम से कदम मिलाकर चलने की जरूरत है।
............. थेग्वांग डेमा, शोधार्थी, भूटान
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इस तीन दिवसीय धर्म धम्म सम्मेलन में शामिल होकर हम सभी को कोरोना महामारी के दंश और उससे आहत विश्व समुदाय के उत्थान की चर्चा करनी है। आशा है कि इसमें शामिल सभी विद्वान इसका निराकरण अवश्य निकाल लेंगे। इस बड़े विमर्श का हिस्सा बनकर हमें गर्व हो रहा है।
............. सुमेध थेरो, मुख्य भिक्षु, ललितपुर बुद्ध विहार, यूपी
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धर्म-धम्म सम्मेलन का विषय मानवता से जुड़ा है। इसमें विश्व समुदाय के कुशल मंगल की चिता समाहित है। भगवान बुद्ध ने हमेशा सत्य, अहिसा, समानता और शांति के साथ मानव कल्याण की बात कही है। सम्मेलन में परिचर्चा और मंथन के बाद विश्व व्यवस्था के संतुलन का रास्ता अवश्य निकाला जाएगा।
............ एंड्रिया लोसरिस, विजिटिग फैकल्टी
फोटो : 23 कोरोना महामारी के बाद विश्व व्यवस्था स्थापना को लेकर आयोजित धर्म-धम्म सम्मेलन कई मायने में महत्वपूर्ण है। वैश्विक महामारी कोविड-19 ने आम जनमानस के जीवन में दर्द और दंश की जो इबारत लिख डाली। उसे बुरा सपना समझकर भुलाया नहीं जा सकता। विवि द्वारा आयोजित इस धर्म-धम्म सम्मेलन के विषय को अमल में लाकर बेपटरी जन-जीवन को पटरी पर लाने की कोशिश गौरव की बात होगी।
........... मारिया वासलुपे, शोधार्थी, मैक्सिको
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यह सम्मेलन मानव समुदाय के कल्याण के लिए नया आयाम लेकर आएगा। जिसमें कोविड 19 के बाद विश्व व्यवस्था की परिचर्चा होगी। इसमें शामिल सभी संत, बौद्ध भिक्षु तथा विद्वान मार्गदर्शन प्रस्तुत करेंगे। जिससे इस सम्मेलन का प्रयोजन सार्थक होगा।