West Champaran: कालकोठरी में योग से बंदी बन रहे निरोग, जेल में एक घंटे तक होता है योग

West Champaran बेतिया मंडलकारा में एक घंटे तक बंदियों को कराया जाता है योग। जेल में बंद भूतपूर्व सैनिक और योग में ट्रेंड बंदी नए बंदियों को कराते हैं योग। योग के लिए एनजीओ की भी सहायता लेने के प्रयास में है जेल प्रशासन।

By Murari KumarEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 12:55 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 12:55 PM (IST)
West Champaran: कालकोठरी में योग से बंदी बन रहे निरोग, जेल में एक घंटे तक होता है योग
पश्चिम चंपारण। योग करते मंडलकारा के बंदी।

बेतिया (पश्चिम चंपारण), जासं। जो हाथ कभी हथियार ढोते थे, आज योग के विभिन्न मुद्राओं और आसनों पर थिरक रहे हैं। शरीर लचीला बन गया है। बंदी योग में पूरी तरह रम गए है। पौ फटते ही मंडलकारा परिसर एक-दो-एक की आवाज से गुजने लगता है। मंडलकारा के बंदियों को योग की ट्रेनिंग दी जा रही है। अब कुछ बंदी इस कदर पारंगत हो गए हैं कि वे दूसरे बंदियों को योग सिखा रहे हैं। कारा के डिप्टी सुपरिटेंडेंट संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि जेल परिसर में प्रतिदिन बंंदियों से योग कराया जाता है। इसमे बंदी भी काफी रूचि लेते हैं।

 जेल में योग की शुरुआत होने के बाद घुटने, कूल्हे के दर्द, बदहजमी, गैस जैसे छोटे-छोटे बीमारियों की शिकायतें भी आनी कम हो गई है। योग से बंदियों को काफी लाभ है। डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने बताया कि लंबी अवधि तक समाज से दूर रहने के कारण कई बंदियों के मन-मस्तिष्क में नकारात्मक विचार भर जाता है। कुछ मानसिक रूप से बीमार हो जाते हैं। इस स्थिति से निपटने और उनमें सकारात्मक भाव भरने के उद्देश्य से बंदियों से योग कराया जा रहा है। कैदियों को आसन, शीर्षासन, सूर्यनमस्कार, कपालभारती सहित योग के कई आसन कराए जाते हैं। 

जेल में एक घंटे तक होता है योग

मंडलकारा में सुबह 7:30 से 8:30 तक योग होता है। जेल के नए और पुराने दोनों खंडों के बंदी योग में शामिल होते हैं। डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने बताया कि कोविड-19 के कारण योग की ट्रेनिंग बंद कर दी गई थी। लेकिन विगत माह से इसकी शुरुआत फिर से कर दी गई है। जेल के सभी 1400 बंदी इसमें शामिल होते हैं। महिला बंदियों की योग के लिए विशेष प्रबंध है। 

एनजीओ से भी मदद लेने की योजना

बंदियों को योग में पारंगत करने के लिए जेल प्रशासन एनजीओ से भी मदद लेने की योजना बनाई है। इसके लिए एनजीओ से पत्राचार किया गया है। डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने बताया कि पूर्व में एनजीओ के कुछ योग ट्रेनरो को बुलाकर बंदियों को योग की ट्रेनिंग दिलाई गई थी। मंडलकारा में कुछ भूतपूर्व सैनिक व योग में पारंगत कुछ बंदी भी है, जो दूसरे बंदियों को योग कराते हैं और उन्हें ट्रेनिंग भी देते हैं। भूतपूर्व सैनिक पीटी कराते हैं। 

कैदियों के लिए व्यायाम की सुविधा उपलब्ध

वैसे तो मंडलकारा में बंदियों को पहले से ही व्यायाम की सुविधा मुहैया कराई गई है। इसके लिए जेल में जरूरी संसाधन भी उपलब्ध है। जिम की सामग्री भी मौजूद है। बहुत से कैदी इसका रोजाना इस्तेमाल करते हैं। जिम का उपयोग सारे बंदी नहीं कर पाते हैं। नियत समय पर एक साथ योग होने से इसमें सारे बंदी शामिल हो जाते हैं। 

इस बारे में बेतिया मंडलकारा के डिप्टी सुपरिटेंडेंट संजय कुमार गुप्ता ने कहा कि समाज से दूर रहने और लंबी सजा के कारण कई बंदी कुंठित हो जाते हैं। कोशिश की जा रही है कि योग से इसे दूर किया जा सके। उनके अंदर सकारात्मक उर्जा का प्रवाह हो।

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