राह चलते कदमों को नहीं मिल रहा फुटपाथ

शहर के वीआइपी मार्ग समाहरणालय रोड का बुरा हाल है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 01:40 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 01:40 AM (IST)
राह चलते कदमों को नहीं मिल रहा फुटपाथ
राह चलते कदमों को नहीं मिल रहा फुटपाथ

मुजफ्फरपुर : शहर के वीआइपी मार्ग समाहरणालय रोड का बुरा हाल है। यहां लोग राह चलते फुटपाथ की तलाश करते नजर आते हैं। एक तरफ सड़क पर वाहनों की रेलमपेल और दूसरी तरफ फुटपाथ पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा। और तो और प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के सामने फुटपाथ से सड़क तक फल मंडली में तब्दील है। किसी की मजाल जो उनको हटा सके। वह भी तब जब प्रशासन द्वारा जिलाधिकारी आवास से सरैयागंज टावर तक की सड़क नो वेडिंग जोन के रूप में घोषित की गई है। नगर निगम अतिक्रमण तो हटाया है, लेकिन महज दो-चार घंटे के लिए। अतिकमण हटाने के नाम पर अतिक्रमणकारियों एवं नगर निगम के बीच चूहा-बिल्ली का खेल सालों से चल रहा है।

जिलाधिकारी आवास से सरैयागंज टावर तक सड़क पर यातायात का भारी दबाव है। इसी मार्ग में जिलाधिकारी आवास, समाहरणालय, जिला न्यायालय, प्रधान डाकघर, बीएसएनएल कार्यालय, रेलवे प्रशिक्षण केंद्र, शहीद खुरीराम बोस एवं प्रफुल्ल चाकी स्मारक, रेडक्रास भवन एवं बैंक, खुदीराम बोस खेल मैदान, प्रमंडलीय आयुक्त का कार्यालय, जिला जज का आवास, नगर भवन, नगर आयुक्त का कार्यालय, होमगार्ड कार्यालय सबकुछ है। इस मार्ग पर वाहनों के साथ-साथ पैदल चलने वालों का भारी दबाव है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा इसे नो-वेडिंग जोन घोषित किया गया, लेकिन कागज पर। हकीकत इसके ठीक विपरीत है। फुटपाथ तो फुटपाथ आधी सड़क तक अतिक्रमणकारियों के पांव फैले हैं। सबसे खराब स्थिति प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के सामने फुटपाथ एवं सड़क की है। सड़क का यह हिस्सा पूरी तरह से फल मंडी बन चुका है। वहीं प्रधान डाकघर एवं रेलवे प्रशिक्षण केंद्र के सामने की सड़क पर फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा है। मीना बाजार के पास दुकान का सामान सड़कों पर सजा रहता है। खुदीराम बोस मैदान के पास सड़क कपड़ा मंडी बन गई है। इसी मार्ग से प्रमंडलीय आयुक्त एवं जिलाधिकारी दिनभर में आधा दर्जन बार गुजरते हैं, लेकिन किसी ने भी फुटपाथ व सड़क को अतिक्रमणमुक्त कराने के लिए कठोर निर्णय नहीं लिया। परिणाम यह होता है कि पैदल चलने वालों को जान जोखिम में डालकर वाहनों के बीच गुजरना पड़ता है। वहीं जाम की समस्या भी आम है।

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जब प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के सामने से अतिक्रमण नहीं हट रहा तो पूरे शहर का भगवान ही मालिक है। ऐसे में प्रशासन से क्या उम्मीद लगा सकते हैं। निगम भी बस अतिक्रमण हटाने नाम पर खानापूरी करता है। पैदल चलने वालों की कौन फिक्र करता है।

दिनेश कुमार, माड़ीपुर शहर में फुटपाथ सिर्फ कहने के लिए है। उसे फूड मंडी कहना ज्यादा बेहतर है। सड़क किनारे या तो अवैध पार्किंग है या फिर स्थायी दुकानदारों की दुकान का सामान सजा है। चलने वाले जान जोखिम में डालकर वाहनों के बीच से आगे बढ़ते हैं।

मुरलीधर नारानोली, सोनर पट्टी

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