एसकेएमसीएच में मरे कोरोना मरीजों का गलत डाटा पोर्टल पर अपलोड, मरीजों के नाम पता सही नहीं

एसकेएमसीएच प्रबंधक व आइडीएसपी के डाटा सहायक को मिली चेतावनीबोले एसीएमओ गलत डाटा इंट्री करने वाले पर अधीक्षक दर्ज करें प्राथमिकी मृतकों में दो सौ से ज्यादा लोगों का गलत डाटा पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 08:50 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 08:50 AM (IST)
एसकेएमसीएच में मरे कोरोना मरीजों का गलत डाटा पोर्टल पर अपलोड, मरीजों के नाम पता सही नहीं
एसकेएमसीएच में कोरोना संक्रमण को डाटा अपलोड करने में गड़़बडी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मुजफ्फरपुर, जासं। कोरोना से मौत के डाटा में गोलमाल का मामला उजागर हुआ है। राज्य मुख्यालय से डाटा की पड़ताल करने के बाद विभाग में खलबली है। जानकारी के अनुसार, एसकेएमसीएच में 1100 कोरोना मरीज भर्ती हुए। 385 की मौत हुई है। मृतकों में दो सौ से ज्यादा लोगों का गलत डाटा पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। किसी के नाम तो किसी के मोबाइल नंबर और पते में त्रुटि है।

सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने जल्‍द डाटा में सुधार का निर्देश दिया है। इस बीच गलत डाटा को मुख्यालय भेजने के लिए आइडीएसपी के डाटा सहायक से जवाब तलब करते हुए चेतावनी दी गई है। एसकेएमसीएच के प्राचार्य डा.विकास कुमार ने कहा कि गलत डाटा लोड करने से मुख्यालय से फजीहत झेलनी पड़ी है। इसके लिए अस्पताल प्रबंधक को चेतावनी दी गई है। वह समय पर मरीज का नाम, पता, मोबाइल नंबर सही-सही उपलब्ध कराएं। इसके साथ भविष्य में यह सुनिश्चित किया जाए कि यहां आने वाले हर मरीज का मोबाइल नंबर सही दर्ज हो। खासकर कोरोना व एईएस मरीज में शत प्रतिशत ध्यान देने की जरूरत है। कोरोना व एईएस के मरीज को सरकार मुआवजा व अन्य सुविधाएं दे रही हैं।

प्रधान सचिव सख्त, एसकेएमसीएच पहुंचे सीएस व एसीएमओ

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने सिविल सर्जन से 26 जुलाई की शाम छह बजे तक जिले में कोविड से मरे लोगों का आंकड़ा मेल करने का निर्देश दिया था। सोमवार को सिविल सर्जन व एसीएमओ एसकेएमसीएच पहुंचे। अधीक्षक से मुलाकात कर डाटा की गड़बड़ी पर चर्चा की। एसीएमओ डा. एसपी ङ्क्षसह ने बताया कि जिले में 806 लोगों की मौत कोरोना से हुई है। मृतकों का डाटा पोर्टल पर अपलोड किया गया था जिसमें गड़बड़ी मिली है। एसकेएमसीएच में ज्यादा गड़बड़ी है। काम में लापरवाही करने वाले डाटा आपरेटर पर प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए अधीक्षक व प्राचार्य को कहा गया है।

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