मुजफ्फरपुर में विश्व मृदा दिवस पर किसानों को किया जागरूक

विश्व मृदा दिवस पर रविवार को जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 01:41 AM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 01:41 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में विश्व मृदा दिवस पर किसानों को किया जागरूक
मुजफ्फरपुर में विश्व मृदा दिवस पर किसानों को किया जागरूक

मुजफ्फरपुर। विश्व मृदा दिवस पर रविवार को जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। किसानों को मृदा संरक्षण की जानकारी दी गई। इसके साथ ही दो हजार किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया। संयुक्त कृषि भवन मुशहरी स्थित जिला कृषि कार्यालय के सभागार में मुख्य समारोह का आयोजन किया गया। जिला कृषि पदाधिकारी शिलाजीत सिंह ने कहा कि अपने स्वास्थ्य की तरह अपने मिटटी के स्वास्थ्य का भी चिता करे। समय पर मिट्टी की जांच से उसमें मौजूद पोषक तत्व एवं उर्वरा शक्ति की जानकारी किसानों को मिलती रहती है। अभी किसान अधिक उपज की लालच में रसायन एवं उर्वकर की मात्रा लगातार खेतों में बढ़ाते जा रहे हैं। इसका दुष्परिणाम मिट्टी के साथ मानव स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। जरूरत है सभी को सजग होने की और खेतों और अपने आपको स्वस्थ रखने की जरूरत है। सरकार की ओर से जांच और सलाह की हर जगह सुविधा है। किसान उसका लाभ ले। कार्यक्रम में आत्मा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर भूपेन्द्र मनी त्रिपाठी व डिप्टी डायरेक्टर विनोद कुमार ने मिट्टी जांच की विधि एवं उसकी विशेषताओं से किसानों को अवगत कराया। उस दौरान डीएओ ने कार्यक्रम में शामिल क्षेत्र के करीब 150 महिला एवं पुरुष किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड सौंपा। मौके पर सहायक निदेशक तकनीकी गौरीशंकर झा, मुशहरी बीएओ शत्रुघ्न पंडित, श्यामा प्रसाद के अलावा किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक मौजूद थे।

डीएपी की कमी पर फास्फेटिक उर्वरक का करें प्रयोग : कृषि विज्ञान केंद्र सरैया में विश्व मृदा दिवस पर संगोष्ठी हुई। इसका उद्घाटन दीप जलाकर पद्मश्री राजकुमारी देवी ने किया। मृदा वैज्ञानिक डा.केके सिंह ने विश्व मृदा दिवस की थीम मिट्टी की लवणता को रोकना, मिट्टी की उत्पादकता को बढ़ावा देना है, और मिट्टी के स्वास्थ्य का किसान भाई कैसे ख्याल रखें इसके लिए जैविक खेती पर प्रकाश डाला। साथ ही रसायनिक उर्वरक व रसायन किस प्रकार मिट्टी, जल, वायु को हानि पहुंचा रहे हैं यह भी बताया। डीएपी की कमी पर उन्होंने अन्य फास्फेटिक उर्वरक जैसे एनपीके व एसएसपी के प्रयोग का सुझाव दिया। साथ ही मिट्टी नमूना जाच के बाद उर्वरक का प्रयोग करने की सलाह दी। वैज्ञानिक डा.तरुण कुमार ने बताया कि किसान कम से कम तीन वर्ष में एक बार मिट्टी व पानी की जाच कराएं। इससे उनको खेत में पोषक तत्वों की कमी का पता चल जाएगी। कृषि विज्ञान केंद्र की प्रयोगशाला में किसानों को मिट्टी जाच की सुविधा दी जा रही है। कार्यक्रम में करीब 50 किसानों ने भाग लिया। इसमें दुर्गेश कुमार, सुनील कुमार, प्रतिभा कुमारी आदि थीं।

मीनापुर : प्रखंड मुख्यालय स्थित ई किसान भवन सभागार में विश्व मृदा दिवस समारोह कार्यक्त्रम कृषि विभाग द्वारा किया गया। अध्यक्षता प्रखंड आत्मा अध्यक्ष राजकिशोर प्रसाद ने की। उन्होंने अपनी सेहत की तरह खेतों की मिट्टी की जाच कराने का आग्रह करते हुए जैविक खाद डालने की बात कही। प्रखंड कृषि पदाधिकारी दिलीप कुमार सिंह ने मिट्टी जाच कराने के फायदे बताए। प्रखंड की दो पंचायतों पानापुर व चाद पराना के किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण किया गया। इसमे पानापुर के 608 व चाद पारना के 273 किसानों को उनके खेतों के मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए गए। प्रखंड की शेष 26 पंचायतों में शिविर लगाकर किसानों के खेतों के मृदा स्वास्थ्य कार्ड बांटे जाएंगे। मौके पर कृषि समन्वयक राजीव कुमार नित्यानंद सिंह, बीटीएम सुदाति कुमारी आदि थीं।

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