Bihar News: मोतिहारी में पौधशाला स्थापित कर महिलाओं ने तैयार की रोजगार सृजन की नई राह

East Champaran छह माह में एक पौधशाला में 20 हजार पौधे हुए तैयार एक पौधशाला से छह माह में एक लाख रुपये का हुआ मुनाफा इनकी पौधशाला को दीदी की पौधशाला के नाम से भी जाना जा रहा है ।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 05:23 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 05:23 PM (IST)
Bihar News: मोतिहारी में पौधशाला स्थापित कर महिलाओं ने तैयार की रोजगार सृजन की नई राह
पूर्वी चंपारण में महि‍लाओं ने पौधशाला स्थापित कर रोजगार सृजन का एक नया रास्ता तैयार किया। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पूर्वी चंपारण, [सत्येंद्र कुमार झा]। जीविका समूह की महिलाओं ने कोरोना काल में पौधशाला स्थापित कर रोजगार सृजन का एक नया रास्ता तैयार किया है। महिलाओं को पौधों की नर्सरी खोल इसे संचालित करना आसान नहीं था, पर आपदा में उन्होंने इस अवसर को हाथोंहाथ लिया और सफल तरीके से पौधशाला को संचालित कर अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई। इनकी पौधशाला को दीदी की पौधशाला के नाम से भी जाना जा रहा है। इससे न सिर्फ उनकी आय बढ़ रही, बल्कि पर्यावरण को संरक्षित करने के अभियान को भी बल मिल रहा है। जिले में समूह से जुड़ी आठ महिलाओं ने पौधशाला का संचालन कर रही हैं।

हर पौधशाला में करीब 20 हजार पौधे हैं। इनके पौधे मनरेगा व वन विभाग की योजनाओं में दिए जा रहे। नर्सरी संचालन करने वाली महिलाओं ने बताया कि नर्सरी में पौधों को तैयार करने में छह रुपये का खर्च आता है। वहीं उनके पौधों को सरकारी स्तर पर 11 रुपये में खरीदी जा रही है। प्रत्येक पौधों में पांच रुपये का बचत हो रहा है। पौधशाला से वे एक लाख रुपये तक मुनाफा कमा रही हैं। जीविका की सदस्यों ने इसकी क्षमता को बीस से पचास हजार पौधों के करने को ले प्रयासरत हैं। वहीं दूसरी तरफ इस वित्तीय वर्ष में भी आठ अन्य महिलाओं ने नए पौधशाला को स्थापित करने की कवायद प्रारंभ कर दी है।

आपदा को अवसर बना समृद्ध हुई महिलाएं

 केसरिया प्रखंड की बिजधरी माफी निवासी मदन राम की पत्नी बिन्दु देवी सुहानी जीविका महिला ग्राम संगठन से जुड़ी हैं। उनके पति मदन राम खेतों में मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। उनके परिवार में छह सदस्य हैं। परिवार की मासिक आय मात्र चार हजार के लगभग है। जिससे छह लोगों का भरण पोषण में परेशानी हो रही थी। बिन्दु देवी महिला जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी और बचत करना शुरू किया। वह अपने परिवार के सदस्यों की सलाह कर नर्सरी लगाने का प्रस्ताव ग्राम संगठन ने रखा। समूह से ऋण लेकर 20000 पौधों की नर्सरी लगाने का कार्य शुरू किया। जिसमें उनके पति और परिवार के अन्य सदस्यों ने साथ दिया। लगभग 6 माह की कड़ी मेहनत से बिन्दु देवी ने अपना नर्सरी तैयार कर लिया। जिससे लगभग 20000 पौधे तैयार कर विभाग को दिया।

अब उनके बच्चे स्कूल जाने लगे हैं। आर्थिक स्थिति पहले से काफी बेहतर हुई है। घोड़ासहन के लौखान पंचायत के कौरेमा लौखान गांव निवासी ब्रजकिशोर कुमार की पत्नी मौसम कुमारी किशोर जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं। उनके परिवार में कुछ 6 सदस्यों का है। मौसम भी मजदूरी कर परिवार का सहयोग करती थी। वह 2014 में किशोर जीविका स्वयं सहायता समूह में जुड़ी। जल जीवन हरियाली योजना के अन्तर्गत वन विभाग की तरफ से जीविका दीदीयों को नर्सरी लगाने का प्रस्ताव आया तो वह तैयार हो गई। इस कार्य में पति और परिवार के अन्य सदस्यों का साथ मिला। जमीन किराया पर लेकर 20 हजार पौधों की नर्सरी छह माह के अन्दर तैयार कर दिया। इससे उसे एक लाख रुपये का मुनाफा हुआ। इसी प्रकार चकिया के बलवा निवासी नवल प्रसाद की पत्नी रेशमी देवी ने भी पौधशाला को स्थापित कर इससे बेहतर आय अर्जित कर रही हैं।

 - महिलाओं का पौधशाला स्थापित करना सराहनीय है। इससे वे आर्थिक रूप से मजबूत होकर अपने परिवार को समृद्धि की राह पर ले जा रही हैं। उन्हें जहां भी मदद की जरूरत होती है दी जाती है।

 वरुण कुमार, जिला प्रबंधक, जीविका

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