बदली स्थिति में जाग उठी हैं नारी, सब पर पड़ेगी भारी
एमडीडीएम कॉलेज में देश और समाज में महिलाओं की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन । एमडीडीएम कॉलेज छात्रसंघ ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर मातृशक्ति का परिचय दिया। यह भी जताया कि महिलाएं सबल और सशक्त हो चुकी हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले कार्यक्रम में देश और समाज के निर्माण में महिलाओं की भूमिका विषयक संगोष्ठी में प्राचार्य डॉ. ममता रानी ने कहा कि महिलाएं अपनी सोच बदल लें तो उनका उत्पीडऩ बंद हो जाएगा।
कुप्रथाओं से खुद लड़ें महिलाएं
हर महिला एक-दूसरे का सम्मान करे। गांधीजी के तीन बंदरों की तरह न किसी की बुराई करें, न बुरा देखें और न बोलें तो वे और सशक्त हो जाएंगी। पूर्व प्राचार्य डॉ. निर्मला कुमारी ने लक्ष्मीबाई की जीवनी से सीख लेने की नसीहत दी। कहा कि आधुनिक परिवेश मे दहेज प्रथा, धर्म, भाषा, जाति और लिंग जैसी कुप्रथा उनके लिए बड़ी समस्या है जिन्हें वे खुद ही समाप्त कर सकती हैं। धन्यवाद ज्ञापन छात्रसंघ अध्यक्ष सोनाली सिंह ने किया। मौके पर छात्रसंघ उपाध्यक्ष ईशा सिन्हा, महासचिव ईशा चौधरी, कोषाध्यक्ष अंकिता चौधरी, प्रतिनिधि चेतना आनंद, सपना कुमारी, आन्या, च्योति आदि मौजूद थीं।
सशक्तीकरण पर छात्राओं ने रखे िवचार
विश्वविद्यालय छात्रसंघ की महासचिव स्वर्णिम चौहान ने कहा कि जिस प्रकार रानी लक्ष्मीबाई ने बिना किसी की परवाह के अपनी भूमिका अदा की हमें भी वही राह अपनानी होगी। जूलॉजी ऑनर्स की छात्रा शुभम प्रिया ने कहा-'कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना, हमें सुनना नहीं किसी की बस अपनी धुन में है आगे बढ़ते रहना। यह कहकर उन्होंने ये जताने की कोशिश की कि अब वक्त और हालात दोनों बदल चुके हैं। महिलाओं का सशक्तीकरण इसी का नाम है। प्रियंका कुमारी, अंकिता ने भी विषय-वस्तु पर अपनी बातें रखीं।