स्वजनों ने पढ़ाई से रोका तो युवती ने ली न्यायालय की शरण

बगहा। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देकर सरकार बच्चियों की सुरक्षा व शिक्षा के लिए जागरूकता कार्यक्रम चला रही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 05:08 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 05:08 PM (IST)
स्वजनों ने पढ़ाई से रोका तो युवती ने ली न्यायालय की शरण
स्वजनों ने पढ़ाई से रोका तो युवती ने ली न्यायालय की शरण

बगहा। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देकर सरकार बच्चियों की सुरक्षा व शिक्षा के लिए जागरूकता कार्यक्रम चला रही है। लेकिन, बगहा दो प्रखंड के हरनाटांड़ की रहने वाली एक बेटी घर वालों की प्रताड़ना से तंग आकर अपनी सुरक्षा को लेकर दर दर भटक रही है। हरनाटांड़ निवासी हीरा प्रसाद गुप्ता की पुत्री रौशनी कुमारी अपनी पढ़ाई को जारी रखना चाहती थी। जिसका विरोध स्वजन कर रहे थे। आरोप है कि स्वजन रौशनी को बीते दो वर्षों से प्रताड़ित कर रहे हैं। घर से असुरक्षित रौशनी ने महिला थाना पहुंचकर सुरक्षा की गुहार लगाई। जहां कांड संख्या 28/2021 दर्ज कर कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई। रौशनी ने बताया कि उसका पिता हीरा प्रसाद गुप्ता, मां सुनिला देवी, छोटा भाई प्रिस कुमार व प्रियांसु कुमार लॉकडाउन के समय से मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। समय पर भोजन नहीं देने के साथ मारपीट आदि का आरोप लगाते हुए युवती ने मई में एक आवेदन थाना में देते हुए गुहार लगाई। न्याय के लिए उसने एसपी से भी मुलाकात की। लेकिन, उसके हितों की रक्षा नहीं हुई तो उसने न्यायालय की शरण ली। जहां एसीजेएम के न्यायालय द्वारा उसके सुरक्षा सहित भरण पोषण आदि की जिम्मेदारी सौंपते हुए उसको पिता के साथ भेज दिया गया। छात्रा की अधिवक्ता बंध्या वर्मा ने बताया कि इनका मामला घरेलू हिसा अधिनियम की धारा 12 के तहत दर्ज किया गया है। जिसके तहत सकारात्मक पहल करते हुए युवती को न्यायालय द्वारा माता पिता को सौंप दिया गया था। लेकिन न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते हुए स्वजनों ने 20 सितंबर को मोबाइल चारी का आरोप लगाते हुए उसकी पिटाई की। छात्रा ने कहा कि वह आगे की पढ़ाई करना चाहती है जबकि स्वजन शादी करने के लिए अमादा हैं।

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