West Champaran: जीएमसीएच में पांच नए वेंटिलेटर हुआ इंस्ट्रॉल, कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर तैयारी
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए गाइडलाइन का पालन जरूरी। कोरोना संक्रमण के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन से निपटने को लेकर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल बेतिया में तैयारी शुरू हो गई है। ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भरता खत्म हो गयी है।
बेतिया, जासं। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर अपनी व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटा हुआ है। पांच नए वेंटिलेटरों को भी इंस्ट्रॉल किया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. प्रमोद तिवारी ने बताया कि ओमीक्रॉन वेरिएंट काफी तेजी से फैलने वाला वायरस है। जिसके मद्देनजर तैयारी शुरू कर दी गयी है। क्योंकि अगर यह वायरस जिले में फैला तो मरीज की संख्या काफी तेजी से बढ़ेगी, जो कि कोरोना के सेकेंड वेव से काफी अलग होगा। श्री तिवारी ने बताया कि कोरोना के सेंकेड वेव के दौरान जीएमसीएच अस्पताल के चिकित्सकों, नर्सिंग ऑफिसर समेत सभी कर्मचारियों ने अपने विशिष्ट सेवा मरीजों को दी थी। जिसके चलते काफी संख्या में अच्छे होकर घर गए थे। उस समय से आज के समय में जीएमसीएच में काफी ज्यादा परिवर्तन हुआ है। अब अपने घर में ऑक्सीजन बन रहा है। ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भरता खत्म हो गयी है। अगर ऐसी परिस्थिति में मरीज बढ़ेंगे और उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत होगी तो ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं रहेगी।
कोरोना के नए वैरिएंट को ले अलर्ट, ऑक्सीजन की नहीं होगी किल्लत
बेतिया। कोरोना के नए वैरिएंट को स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है। हालांकि जिले में अब तक एक भी कोरोना संक्रमित की पहचान नहीं हुई है। लेकिन कोरोना के नए वैरिएंट से बचने के लिए तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है। एक तरफ जहां अधिक से अधिक लोगों के टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ अस्पताल की व्यवस्थाओं को अपडेट किया जा रहा है। अनुमंडल अस्पताल नरकटियागंज एवं बगहा में पहुंचकर स्वयं सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र कुमार चौधरी ने तैयारी का भौतिक सत्यापन किया। अस्पताल में कौन-कौन से उपकरण है? कौन सा नहीं है? ऑक्सीजन पाइप लाइन की स्थिति क्या है? दवा उपलब्ध है या नहीं। तमाम ङ्क्षबदुओं जानकारी प्राप्त की और कई दिशा निर्देश दिया। सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि कोरोना के नए वैरिएंट से निपटने के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट जारी किया गया है। अस्पतालों में 10 बेड का (सीसीसी) यानी कोविड केयर सेंटर बनाने का निर्देश दिया गया है। पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, थर्मल स्क्रीङ्क्षनग, पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता आदि तमाम व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है।
तीसरी लहर आई तो नहीं होगी ऑक्सीजन की कमी
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा हुआ था। लेकिन अब ऑक्सीजन की किल्लत नहीं हो पाएगी। सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि अनुमंडल अस्पताल बगहा एवं नरकटियागंज में ऑक्सीजन प्लांट ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू कर दी गई है। दोनों प्लांट के चालू हो जाने की वजह से अब फिलहाल ऑक्सीजन की किल्लत नहीं होनी चाहिए। लेकिन एहतियात के तौर पर सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता एवं आवश्यकताओं की जानकारी मांगी गई है। वहीं गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक डॉ प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए 4 पीएसए प्लांट जबकि एक लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है। प्लांट से अस्पताल में करीब 1780 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन की आपूर्ति संभव हो पाएगी। डी टाइप करीब 82 सिलेंडर फिलहाल अस्पताल में उपलब्ध है। जबकि 200 और सिलेंडर का डिमांड किया गया है।