Weather Forecast Muzaffarpur: आसमान साफ रहने की संभावना

Weather Forecast Muzaffarpur मौसम पूर्वानुमान में कहा है कि पूर्वानुमान की अवधि में उत्तर बिहार के जिलों में आसमान प्रायः साफ तथा मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 07:35 AM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 07:35 AM (IST)
Weather Forecast Muzaffarpur: आसमान साफ रहने की संभावना
न्यूनतम तापमान 13 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर समस्तीपुर, जासं। जिला समेत पूरे उत्तर बिहार के जिलों में अगले कुछ दिनों तक आसमान पूरी तरह साफ और मौसम शुष्क रहेगा। यह कहना है मौसम विभाग का। अगले 28 नवंबर तक के लिए जारी मौसम पूर्वानुमान में डा. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विभाग ने यह बात कही है। मौसम पूर्वानुमान में कहा है कि पूर्वानुमान की अवधि में उत्तर बिहार के जिलों में आसमान प्रायः साफ तथा मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। जबकि न्यूनतम तापमान 13 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 75 से 85 प्रतिशत तथा दोपहर में 55 से 60 प्रतिशत रहने की संभावना है। औसतन 4 से 7 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से समस्तीपुर, वैशाली, सारण तथा सिवान में पछिया हवा तथा अन्य जिलों में पुरवा हवा चलने की संभावना है। 

शिवहर में हल्की धुंध और सर्द हवाओं के साथ जिले में रोजाना ठंड का असर बढ़ रहा है। बुधवार की सुबह इलाके में सर्दी का सितम बरकरार रहा। आसमान में बादल छाए रहे। तेज हवा भी बहती रही। इसके पहले मंगलवार की रात भी सर्द रही। वहीं मंगलवार की सुबह इलाके में धुंध लगा रहा। तापमान में गिरावट और शीतल हवाओं की वजह से जनजीवन प्रभावित होता दिखा। हालांकि बुधवार को मंगलवार की अपेक्षा इलाके में एक घंटे पहले सूरज निकला। मौसम विभाग के अनुसार अब दिन की अपेक्षा रातें सर्द रहेगी। अधिकतम तापमान 25 डिग्री तक हो सकता है। न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। इस दौरान सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 70 और दिन में 50 फीसद रहने की संभावना है।

रासायनिक खादों के प्रयोग से खराब हो रहा मिट्टी का स्वास्थ्य

मुजफ्फरपुर : जिले में रबी मौसम में मुख्यत : गेहूं, मक्का, जौ, चना, मसूर, मटर, राई, सरसो तथा आलू की खेती की जाती है। गेहंू 1.1.09 लाख तथा मक्का 19 हजार हेक्टेयर में खेती की जाती है। हर साल 3.37 मे. टन गेहंू का पैदा की जाती है। गेहूं का उत्पादन मुख्यत : रासायनिक खादों का प्रयोग करके किया जाता है जिससे मृदा का स्वास्थ्य दिन प्रतिदिन खराब होता जा रहा है। अगर जैविक उर्वरक का प्रयोग किया जाए तो फसल के दानों की गुणवत्ता, मृदा के स्वास्थ्य तथा वातावरण को भी प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है। जैविक खेती में फसल का उत्पादन ऐसी विधियों द्वारा किया जाता है कि जिससे प्राकृतिक द्वारा दिए गए संसाधनों का उपयोग करते हुए किया जाता है। यह बातें जिला कृषि विभाग द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित बैठक में कही गई।

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