मधुबनी और सीतामढ़ी के कई गांवों में फैला पानी, लोगों की बढ़ी परेशानी
मधुबनी के अंदौली गांव में टूटे बांध की पाइलिंग धौंस नदी में बही। पश्चिम चंपारण में पहाड़ी नदियों में उफान दोन क्षेत्र में बढ़ी परेशानी। समस्तीपुर और दरभंगा जिले के कई बाढ़ की चपेट में। शिवहर में कई स्थानों पर तटबंध में दबाव व कटाव।
मुजफ्फरपुर, जाटी। पड़ोसी देश नेपाल के जलग्रहण हुई बारिश से उत्तर बिहार में नदियों के जलस्तर में उतार -चढ़ाव जारी रहा। मधुबनी जिले के अंदौली में धौंस नदी के टूटे सुरक्षा बांध की पाइलिंग बहने से कई गांवों में पानी फैल गया है। इससे सीतामढ़ी जिले का चौरौत प्रखंड भी प्रभावित हो गया है। पश्चिम चंपारण के दोन क्षेत्र में तेज बारिश से पहाड़ी नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने लगी है। इससे कई गांवों का आवागमन बाधित हो गया है। छह गांवों के पास नदी का कटाव जारी है। गुरुवार को गंडक बराज से एक लाख 89 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। पूर्वी चंपारण के बंजरिया प्रखंड के सेमरा गुमटी के पास बाढ़ में ध्वस्त भिस्वा-कपरसंडी सड़क से आवागमन में परेशानी हो रही है। लोग नाव से आवागमन कर रहे हैैं।
मधुबनी जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। मधवापुर प्रखंड क्षेत्र में धौंस नदी का पानी बढऩे लगा है। साहरघाट कोसी नहर के सामने पहले से टूटे सुरक्षा तटबंध से पानी निकलने लगा है। बसवरिया गांव के पास चार जुलाई को टूटे सुरक्षा तटबंध से भी खेतों में फैलने लगा है। यमुनी, रातो नदी भी उफान पर है। बेनीपट्टी प्रखंड क्षेत्र में भी खतरा बढ़ गया है। धौंस, खिरोई, थुम्हानी और कोकरा नदी का पानी चौर और गांवों की ओर फैलने लगा है। अंदौली गांव के पास धौंस नदी के टूटे तटबंध की मरम्मत के दौरान पाइलिंग बह गई। इससे सीतामढ़ी जिले का चोरौत प्रखंड दूसरी बार बाढ़ की चपेट में आ गया है। सभी पंचायतों में पानी फैल गया हैै। दर्जनों गांव प्रभावित हो गए हैैं। रातो नदी की बाढ़ से कई गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से भंग हो गया है। चोरौत- भिट्टामोड़ एनएच -104 में चंद्रसैना डायवर्सन पर पांच फीट पानी बह रहा है। समस्तीपुर जिले के कई प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हैैं। हालांकि गंगा और बूढी गंडक के जलस्तर में कमी आई है। बागमती नदी भी कई दिनों से स्थिर है। शिवहर में बागमती के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। कई इलाकों में तटबंधों में कटाव व दबाव है। दरभंगा जिले के कई गांव पानी से घिरे हैैं। मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक का दबाव है।
बूढ़ी गंडक, बागमती व गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे
जासं, मुजफ्फरपुर : नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। जिले से गुजरने वाली बूढ़ी गंडक, बागमती व गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे रहा। इस बीच शहर के निचले इलाके सिकंदरपुर कुंडल बालू घाट आश्रम घाट में जलजमाव से लोग परेशान हैं। बाढ़ के पानी से अभी भी सैकड़ों घर डूबे हुए हैं। मिठनसराय, विजयीछपरा गांव के लोग बांध व फोरलेन पर शरण लिए हुए हैं। बाढ़ के पानी से घिरे लोगों को घर में आने जाने के लिए सहारा बना है। बूढ़ी गंडक का जलस्तर 52- 38 मीटर पर है जबकि खतरे का निशान 52. 53 मीटर है। बागमती का जलस्तर 54. 90 मीटर पर है जबकि खतरे का निशान 55.23 मीटर पर है । गंडक नदी का जलस्तर 53 . 67 मीटर पर है । जबकि खतरे का निशान 54 . 41 पर चिन्हित किया गया है।