जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा, पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा झंझारपुर

मंत्री ने मुख्य अभियंता से कहा कि रिंग बांध को डेवलप कर करीब एक किमी में वाकिंग ट्रैक भी बनाएं। एक सवाल के जवाब में कहा कि नदी के पानी की धार की चौड़ाई करीब 450 मीटर है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 12:36 PM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 12:36 PM (IST)
जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा, पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा झंझारपुर
कमला पुराना पुल के पास रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के तहत होगा काम। फाइल फोटो

झंझारपुर ( मधुबनी), संस। जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि भारत माला प्रोजेक्ट के तहत यहां एनएच का निर्माण होगा, जो इस रिवर फ्रंट एरिया से मात्र एक से डेढ़ किमी की दूरी पर होगा। प्रचार- प्रसार के बाद यह क्षेत्र भविष्य का दर्शनीय स्थल होगा और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी हेागा। मंत्री ने मुख्य अभियंता से कहा कि रिंग बांध को डेवलप कर करीब एक किमी में वाकिंग ट्रैक भी बनाएं। ताकि रेलवे स्टेशन बाजार के निवासी को घूमने में परेशानी न हो। एक सवाल के जवाब में कहा कि नदी के पानी की धार की चौड़ाई करीब 450 मीटर है, लेकिन जहां भी नदी पर पुल बना है उसकी लंबाई 150 मीटर के लगभग है। इससे पानी का वेग समान रूप से प्रवाहित नहीं हो पाता और बांध पर दबाव बनता है। विभाग इस समस्या को दूर करेगा। संभव है कि कमला बलान नदी पर बने पुराने पुल की ऊंचाई निकट भविष्य में बढ़ाई जाए। शनिवार को अचानक मंत्री उक्त स्थल पर स्पॉट वेरिफिकेशन को पहुंच गए। उक्त स्थल को देख खुश हो गए। साथ चल रहे मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता को इस प्रोजेक्ट पर कागजी काम करने का तत्काल निर्देश दे दिया। मंत्री को जानकारी दी गई कि कुछ जमीन रेलवे की है। कहा कि रेलवे के साथ समन्वय कर समस्या को दूर कर लिया जाएगा। 

झंझारपुर शहर को बचाने के लिए बांध में लगाई जाएगी आयरन सीट

मंत्री ने कमला बलान के बाएं तटबंध 49.5 वें किमी पिपराघाट के क्षतिग्रस्त बांध के मरम्मत कार्य का निरीक्षण किया। कहा कि अभियंताओं ने समय रहते बांध को बचाया। अन्यथा झंझारपुर शहर का अस्तित्व खतरा में पड़ सकता था। यहां नदी यूटर्न लेकर सीधा बांध से टकराती है और मुड़ती है। इसलिए यहां खतरनाक जोन है। मुख्य अभियंता, समस्तीपुर से कहा कि यहां आयरन सीट बांध में लगाने की अनुशंसा करें। नदी की पुरानी धार का चैनल ऊंचा हो गया है, इसे साफ कराया जाएगा। ताकि बांध पर पानी का दबाव रोका जा सके। एक साल के अंदर बाएं और दाएं तटबंध का सु²ढ़ीकरण, ऊंचीकरण होगा। इस पर कालीकरण भी होगा। इस काम के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। झंझारपुर में पहली बार विभाग ने नरुआर में बांध टूटने पर वर्ष 2019 में आयरन सीट बांध में लगाई थी। यही काम झंझारपुर शहर एवं स्टेशन बाजार को बचाने के लिए भी किया जाएगा। बांध पर सड़क निर्माण का काम अक्टूबर से प्रारंभ हो जाएगा।  

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