जल संसाधन मंत्री का दावा, कुशेश्वरस्थान को बाढ़ से राहत दिलाना सीएम नीतीश कुमार की प्राथमिकता

जल संसाधन मंत्री संजय झा ने लिया बाढ़ प्रभावित इलाके का जायजा कहा- बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना का काम सितंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य मिलेगी बाढ़ से राहत। सीएम ने बाढ़ 2020 की अवधि में इस इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया था।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 09:18 AM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 09:18 AM (IST)
जल संसाधन मंत्री का दावा, कुशेश्वरस्थान को बाढ़ से राहत दिलाना सीएम नीतीश कुमार की प्राथमिकता
तीन घंटे से अधिक समय तक बाढ़ से घिरे गांवों का हाल जाना। फोटो- जागरण

दरभंगा, जासं। जल-संसाधन सह सूचना व जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि कुशेश्वरस्थान और आसपास के बड़े इलाके में साल के करीब छह महीने बाढ़ का पानी जमा रहता है। यहां कमला, करेह और कोसी नदी आकर मिलती हैं। कुशेश्वरस्थान और आसपास के बड़े इलाके को बाढ़ से राहत दिलाना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्राथमिकताओं में शामिल है। सीएम ने बाढ़ 2020 की अवधि में इस इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया था। इसे बाढ़ से राहत दिलाने की योजना के कार्यान्वयन का निर्देश जल संसाधन विभाग को दिया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना फेज-3बी का काम शुरू करा दिया है। इसे सितंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है। फेज-5ए का काम कराया जाना है। इससे 3.36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को बाढ़ से राहत मिलेगी। 

इससे पूर्व मंत्री ने मंगलवार को जिले में कुशेश्वरस्थान और आसपास के बाढ़ प्रभावित इलाकों का मोटरबोट से जाकर निरीक्षण किया। तीन घंटे से अधिक समय तक बाढ़ से घिरे गांवों का हाल जाना। जल संसाधन विभाग द्वारा कमला बलान नदी के दायां तटबंध के किमी 111.29 पर ग्राम फुहिया में कराए गए कटाव निरोधक कार्य और कुशेश्वर स्थान में कराए गए बाढ़ संघर्षात्मक कार्यों का भी निरीक्षण किया। कमला बलान के दाएं तटबंध पर कोठराम ग्राम और बाएं तटबंध पर पुनाच ग्राम में हुए कार्यों का भी निरीक्षण किया। जल संसाधन मंत्री ने दरभंगा डीएम से राहत व बचाव कार्यों और कम्युनिटी किचन की जानकारी ली। जिला प्रशासन द्वारा प्रभावित इलाकों में नाव से भोजन भेजने की व्यवस्था को सराहनीय बताया।

बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना

मंत्री ने बताया इस योजना के फेज 3बी और 5 ए के तहत मुजफ्फरपुर, दरभंगा और समस्तीपुर जिले में दो चरणों में कार्य कराया जाना है। प्रथम चरण में फेज-3बी के तहत मौजूदा सिरनिया-फुहिया तटबंध का 70.42 किमी की लंबाई में सु²ढ़ीकरण और प्रस्तावित रीच की अंतिम छोर पर फुहिया के पास तटबंध-रहित 4.00 किमी भाग में नए तटबंध के निर्माण के साथ रुपांकण के अनुसार संरचना निर्माण किया जा रहा है। फेज 3बी का कार्य 52 प्रतिशत पूरा हो चुका है।

फेज 5ए के तहत बागमती दाएं तटबंध का बेनीबाद से हायाघाट (किमी 89.08 से किमी 110.96) और बागमती दाएं तटबंध का बेनीबाद से सोरमघाट के बीच नवनिर्माण और बागमती बाएं तटबंध से खिरोई दायां तटबंध तक 13.54 किमी लंबाई में जैकेंङ्क्षटग तटबंध का निर्माण और संरचना निर्माण किया जाना है। इसके कार्यान्वयन से 3.36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को जल प्लावन की स्थिति से राहत मिलेगी।

चौबीस घंटे करें तटबंधों की निगरानी

मंत्री सने कमला दायां तटबंध के किमी 111.29 पर फुहिया में कराए गए कटाव निरोधक कार्य, कमला बलान के दाएं तटबंध पर कोठराम और बाएं तटबंध पर पुनाच में बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों का भी निरीक्षण किया। बताया कि अधिकारियों को चौबीसों घंटे तटबंधों की निगरानी का निर्देश दिया गया है। कुछ दिनों पहले पेट्रोङ्क्षलग के दौरान कमला बलान के दाएं तटबंध पर तीन बड़े शाही द्वारा बनाए गए छेद मिले थे। समय पर इसे बंद नहीं किया जाता तो बड़ा हादसा का कारण बन सकता है। तटबंधों की सतत निगरानी जारी है।  

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