लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त
मानसून की दस्तक के साथ ही पिछले चौबीस घंटे से जारी बारिश से उत्तर बिहार की नदियां खतरे के निशान की ओर अग्रसर हैं।
मुजफ्फरपुर : मानसून की दस्तक के साथ ही पिछले चौबीस घंटे से जारी बारिश से उत्तर बिहार की नदियां खतरे के निशान की ओर अग्रसर हैं। शहर में जलजमाव से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। मिठनपुरा, मदनानी लेन, ब्रह्मापुरा, बालूघाट, सिकंदरपुर, बीबीगंज आदि इलाकों में कई जगहों पर टापू का नजारा दिख रहा है। बुधवार को जिले में 36.16 मिमी बारिश हुई। जून महीने में औसत बारिश 164.1 मिमी होनी चाहिए। मानसून की सक्रियता के कारण 164.1 मिमी बारिश हो चुकी है। शहरी इलाके में बरसात के समय निर्माण काम जारी रहने के कारण हाथी चौक से पीएंडटी जाने वाली सड़क पर चलना मुश्किल हो रहा है। लोग सड़क पर गिरकर चोटिल हो रहे हैं। जिले से गुजरनी वाली बूढ़ी गंडक, बागमती सहित सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। हालांकि सभी खतरे के निशान से नीचे ही हैं। वाल्मीकि बराज से 2.64 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। आपदा विभाग के अनुसार, बूढ़ी गंडक का जलस्तर 47.08 मीटर पर है। जबकि यहां पर खतरे का निशान 52.41 मीटर है। बागमती का जलस्तर 52.92 मीटर पर है। यहा खतरे का निशान 55.23 मीटर है। बारिश के पानी में बह गया बिचड़ा मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, आगामी 24 घंटे तक मध्यम से भारी वर्षा की संभावना है। 20 जून तक मानसून सक्रिय रहेगा इसके कारण लगातार बारिश होगी। इस दौरान 60 से 70 मिमी बारिश हो सकती है। अधिकतम तापमान 30 से 32 डिग्री के बीच रहेगा। जबकि न्यूनतम तापमान 22 से 24 डिग्री रहेगा। इस दौरान औसतन 15 से 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान है। भारी वर्षा होने के साथ बिजली चमकने या गड़गड़ाहट की आवाज की आशंका बनी रहेगी। वज्रपात भी होगा। इधर जेठ माह में ही लगातार बारिश होने के कारण किसान अब तक धान का बिचड़ा नहीं गिरा सके हैं। थोड़ी बहुत कही गिराया भी गया तो वह बारिश के पानी में बह गया। निचले हिस्सों के खेतों में जलजमाव शुरू हो चुका है। इसको लेकर किसान अभी से ही परेशान हो रहे हैं। कुढ़नी के किसान मनोज कुमार ने बताया कि लगातार बारिश से धान का बिचड़ा गिराना मुश्किल हो रहा है।
बियाडा की ओर से पंपसेट की नहीं हुई व्यवस्था
उत्तर बिहार उद्यमी संघ महामंत्री विक्रम कुमार विक्की ने बियाडा के अभियंता अनिल कुमार को पानी निकासी को लेकर पूरे इलाके का भ्रमण कराया। जलनिकासी की रणनीति बनी। इनके साथ सचिव पुष्कर शर्मा, उद्यमी अवनीश किशोर, संगठन मंत्री शशांक श्रीवास्तव शामिल रहे। पूरे परिसर में मुख्य सड़क पर जलजमाव है। इसके कारण यहां पर आने जाने में परेशानी है। फेज वन की 50 इकाई के मुहाने पर जलजमाव के कारण उत्पादन पर असर पड़ रहा है। बियाडा की ओर से जलनिकासी के लिए पंपसेट की व्यवस्था नहीं की गई है।