शिवहर में जलजमाव ने छीनी मिट्टी की खुशबू, किसान हो रहे निराश

एक दशक से खेतों में नही उपज रहा अनाज। बार-बार गुहार के बाद भी किसानों की फरियाद की जा रही अनसुनी।इलाके के किसान अब आंदोलन के मूड में। सालोंभर जलजमाव रहने के कारण तरियानी प्रखंड के पोझिया बेलहिया और सलेमपुर समेत कई गांवों में खेती आसान नहीं रह गई है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 06 Dec 2020 07:42 AM (IST) Updated:Sun, 06 Dec 2020 07:42 AM (IST)
शिवहर में जलजमाव ने छीनी मिट्टी की खुशबू, किसान हो रहे निराश
तरियानी के दर्जनों गांवों के किसान दशकों से पानी की सजा झेल रहे है। फोटो : जागरण

शिवहर, जेएनएन। कहीं पानी की तबाही तो कहीं पानी के लिए तबाही। इन सबके बीच शिवहर जिले की तरियानी प्रखंड के हजारों एकड़ जमीन में सालोभर जलजमाव रहने के चलते मिट्टी की खुशबू छीन गई है और किसानों की मुस्कान भी। दशकों से मालगुजारी अदा करने के बावजूद किसानों के लिए जमीन बोझ बन गई है। सालोंभर जलजमाव रहने के कारण तरियानी प्रखंड के पोझिया, बेलहिया और सलेमपुर समेत कई गांवों में सैकड़ों एकड़ जमीन पर खेतों में खेती की राह आसान नहीं रह गई है। एक दशक से इस इलाके के खेतों से अन्न भी नहीं उपज रहा है। लिहाजा, किसान मायूस है।

प्रशासन की ओर से पहल नहीं

हैरत कि बात यह की शासन-प्रशासन द्वारा किसानों को उनकी परेशानी से निजात दिलाने की कभी पहल तक नहीं हो सकी और नहीं किसानों को कोई मुआवजा ही मिल पाया। हालांकि, अब इलाके के किसान आंदोलन के मूड में है। करीब ढाई सौ एकड़ जमीन जलजमाव की गिरफ्त में है। बाढ़ के दौरान हर साल यहां बागमती नदी का पानी स्थायी ठिकाना बना लेता है। इसमें बारिश का पानी मिलकर तबाही का कारण बन जाता है। इस बार भी इलाके की यही स्थिति हैं। बेलहिया के किसान राजेंद्र सिंह व अनिल कुमार बताते हैं कि उनके लिए जमीन बोझ बन गई हैं। मालगुजारी अदा तो कर रहे है, लेकिन यह पैसा भी पानी में जा रहा हैं।

सब्सिडी योजना के लाभ से इलाके के किसान वंचित

उधर, अब जबकि कृषि इनपुट सब्सिडी योजना के लाभ से इलाके के किसानों को वंचित कर दिया गया है, लिहाजा किसानों का जख्म बढ़ गया है। अब इलाके के किसान आंदोलन के मूड में है। रालोसपा नेता ठाकुर धर्मेंद्र सिंह ने इस मुद्दे पर 14 दिसंबर को धरना प्रदर्शन का एलान किया है। कहा हैं कि तरियानी की दर्जनों गांवों के किसान दशकों से पानी की सजा झेल रहे है। जबकि, इस बार आई बाढ़ से तरियानी समेत पूरे जिले के किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था। इसके पूर्व बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और कोरोना की वजह से किसानों की हालत खराब हो गई है। बावजूद इसके किसानों को इस योजना से वंचित कर दिया गया है। तरियानी में जलजमाव और फसल इनपुट सब्सिडी के लाभ को लेकर वह आंदोलन की तैयारी में है। कहा कि हर हाल में किसानों को उनका हक दिलाया जाएगा। 

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