Water Conservation: जल संकट से चाहिए निदान तो घर-घर हो सोख्ता का निर्माण
Water Conservation वर्षा जल संचय से ही दूर होगी समस्या शहरवासियों को करनी होगी पहल। भू-जल को रीचार्ज कर इस समस्या से निपटा जा सकता है। इसके लिए घर-घर सोख्ता का निर्माण करना होगा। दैनिक जागरण के सहेज लो हर बूंदÓ अभियान को मिल रह लोगों का समर्थन।
मुजफ्फरपुर, जासं। भू-जल के दोहन से जमीन के नीचे संचित जल भंडार खत्म होता जा रहा है। इसका असर जल संकट के रूप में शहरवासियों को झेलना पड़ रहा है। भू-जल को रीचार्ज कर इस समस्या से निपटा जा सकता है। इसके लिए घर-घर सोख्ता का निर्माण करना होगा ताकि घरों से निकलने वाला बेकार पानी इसके माध्यम से जमीन के अंदर जा सके और जल का संचित भंडार बना रहे। इसके लिए शहरवासियों को स्वयं पहल करनी होगी।
नया मकान हो या पुराना, भावी पीढ़ी को जल संकट से बचाने के लिए सोख्ता का निर्माण करना होगा। वहीं जिला एवं निगम प्रशासन को भी चाहिए कि वह सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में सोख्ता का निर्माण कराए। इससे बारिश का पानी संचित हो पाएगा। सरकार को चाहिए की वह सोख्ता का निर्माण कराने वाले होल्डिंग स्वामियों को टैक्स में विशेष रियायत दे। शुक्रवार को दैनिक जागरण के 'सहेज लो हर बूंदÓ अभियान को लेकर लोगों ने अपनी राय रखी। समाजसेवी एवं अधिवक्ता संजय सिन्हा ने कहा कि सरकारी कार्यालयों एवं सार्वजनिक स्थानों पर प्रशासन द्वारा सोख्ता का निर्माण किया जाना चाहिए। इसका दोहरा लाभ मिलेगा। एक तो भू-जल रीचार्ज होगा और जलजमाव की समस्या से भी निजात मिलेगी।
प्रो. रेणु सिन्हा ने कहा कि स्टेशन, बस स्टैंड व मंदिरों के परिसर से सोख्ता एवं कुआं का निर्माण किया जाना चाहिए। इससे बारिश के पानी के साथ-साथ प्रयोग के बाद बचे पानी को भी जमीन के अंदर डाला जा सके। सबको इसके लिए प्रयास करना होगा।
वार्ड पार्षद एनामुल हक ने कहा कि लोगों के घरों से निकलने वाले गंदे पानी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर शुद्ध करके नदी में प्रवाहित किया जाना चाहिए। इससे नदी प्रदूषित भी नहीं होगी और पानी बेकार भी नहीं जाएगा।
अभियंता राकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि पाइप लाइनों व नलों से होने वाले लीकेज को रोकने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया जाना चाहिए। पानी की बर्बादी रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए। निगम इसकी पहल करे।