कोरोना वैक्सीन की बर्बादी में मुजफ्फरपुर का राज्य में दूसरा स्थान
डीएम ने पत्र में कहा है कि इसके पहले भी कई बार निर्देश देने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है डाटा एंट्री की स्थिति काफी निराशाजनक है। डाटा एंट्री आपरेटर के स्तर पर यह लापरवाही बरती जा रही है।
मुजफ्फरपुर, जासं। कोरोना वैक्सीन बर्बादी के मामले में मुजफ्फरपुर दूसरे स्थान पर चल रहा है। इसकी समीक्षा के बाद जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी बीपी वर्मा व जिला मूल्यांकन पदाधिकारी जयशंकर प्रसाद को चेतावनी दी है। डीएम के चेतावनी के बाद हड़कंप मचा है। जिला स्वास्थ्य समिति परिसर में जिला टीका प्रबंधक अजय कुमार की देखरेख में कर्मी डाटा अपलोड करते रहे। डीएम ने पत्र में कहा है कि इसके पहले भी कई बार निर्देश देने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है डाटा एंट्री की स्थिति काफी निराशाजनक है। डाटा एंट्री आपरेटर के स्तर पर यह लापरवाही बरती जा रही है। डीएम ने उक्त दोनों अधिकारियों को 48 घंटे के अंदर अभियान चलाकर बैकलाग को अपलोड करने का निर्देश दिया है। कहा है कि यदि बैकलाग अपलोड नहीं किया गया तो कार्रवाई की जाएगी। इधर सिविल सर्जन ने कहा कि टीकाकरण पर वैक्सीन दी गई, लेकिन वह अपलोड नहीं हुई। इसलिए उसे बर्बाद बताया जा रहा है।
एसकेएमसीएच व सदर अस्पताल में वैक्सीन को लेकर हंगामा
मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच व सदर अस्पताल में निबंधन में विलंब व वैक्सीन की कमी के कारण लोगों ने हंगामा किया। सुरक्षा प्रहरियों ने उनको शांत कराया। बारिश होने पर कई लोग इधर-उधर भागने लगे। बारिश खत्म होने के बाद दोबारा लाइन में लगने के लिए लोगों ने हल्ला मचाया। इस बीच 73 केंद्रों पर 7642 लोगों को टीका दिया गया। देर शाम 20 हजार कोविशील्ड की डोज भी मुखयालय से पहुंची। दस हजार कोवैक्सीन का डोज पहले से हैं। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा.एके पांडेय ने बताया कि गुरुवार को 90 केंद्रों पर टीकाकरण किया जाएगा।
नर्सिंग होम की होगी जांच, इलाज में उगाही का आरोप
इलाज में वसूली के खिलाफ जीरोमाइल स्थित एक निजी नर्सिंग होम के खिलाफ जांच होगी। इसके लिए बुधवार को सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा ने जांच कमेटी गठित की है। सीएस कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार एक बैंककर्मी ने कोरोना की दूसरी लहर में इलाज कराने के लिए अस्पताल में भर्ती हुआ। बैंककर्मी ने आरोप लगाया कि अस्पताल में भर्ती होने के दौरान नर्सिंग होम ने काफी पैसे वसूल किए और इलाज भी ठीक से नहीं किया।