मरे हुए व्यक्ति के नाम पर बैंक से करना चाहता था जालसाजी, सीतामढ़ी का मामला चौकाने वाला

Sitamarhi Crime News जो मर गया है उसके नाम पर बैंक से जालसाजी कर पैसे निकालने में दो धराए पकड़े गए आरोप‍ित ने मरे हुए शख्‍स के बैंक पर अपनी तस्‍वीर च‍िपकाकर पहुंचे थे पैसे की न‍िकासी करने। मामले का पर्दाफाश हुआ सब हैरान रह गए।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 08:38 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 08:38 PM (IST)
मरे हुए व्यक्ति के नाम पर बैंक से करना चाहता था जालसाजी, सीतामढ़ी का मामला चौकाने वाला
सीतामढ़ी में जालसाजी कर पैसे निकालने में दो धराए। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

सीतामढ़ी (सोनबरसा), जासं। प्रखंड मुख्यालय स्थित इंडियन बैंक में मृतक के खाते से फर्जी तरीके से पैसा निकालने के आरोप में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। बैंक के सहायक प्रबंधक नीरज कुमार प्रसाद द्वारा सोनबरसा थाने में इस बात की लिखित शिकायत की गई थी। उन्होंने बताया कि 11 अक्टूबर को थाना क्षेत्र के पिपरा परसाईंन पंचायत के जानकीनगर वार्ड दो के निवासी स्व. विलास राय के पुत्र महेंद्र राय ने जालसाजी से घुरघुरा गांव के मृत रामलखन पंडित पिता स्व. लक्ष्मी पंडित के खाता संख्या 59079861575 से 17000 रुपए फर्जी तरीके से निकासी करने की कोशिश की। आरोपी ने मृतक के पासबुक पर अपनी फोटो चिपका लिया था। बैंक के पासिग ऑफिसर संजीत कुमार ने यह करतूत पकड़ ली। पूछताछ करने पर आरोपी ने बताया कि उसे गांव के ही कौशल किशोर राय के पुत्र कृष्ण कांत कुमार द्वारा ऐसा करने को कहा गया था। बैकर्स ने जांच के दौरान कृष्ण कांत कुमार के बैग से एक फिंगरप्रिंट स्कनर, दो एटीएम कार्ड व पांच पासबुक भी बरामद किया। बैंक में तैनात चौकीदार एव गार्ड के जरिये दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया गया। थानाध्यक्ष रविंद्र कुमार ने बताया कि बैंकर्स की लिखित शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

श‍िवहर ज‍िले में फर्जीवाड़े की प्राथमिकी

शिवहर। शिवहर सदर अस्पताल के नाम पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। सीएस के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आलोक में पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। बताया गया हैं कि, सीएस को एक जन्म प्रमाण पत्र मिला। यह प्रमाण पत्र शिवहर सदर अस्पताल द्वारा जारी किया है। जबकि, जांच में यह प्रमाण पत्र फर्जी निकला। इसके बाद सीएस ने जांच के आदेश दिए। वहीं प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया। ताकि, फर्जीवाड़े के रैकेट में शामिल लोगों को बेलकाब किया जा सके।

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