दरभंगा में दस महीनों से कागज की नाव पर सवार है एम्स की स्थापना की प्रक्रिया

दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना में देरी को लेकर भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को भेजा पत्र केंद्रीय सचिव ने भेजे गए नए पत्र में कहा- एम्स के लिए चयनित भूखंड से हटे अतिक्रमण

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 01:22 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 01:22 PM (IST)
दरभंगा में दस महीनों से कागज की नाव पर सवार है एम्स की स्थापना की प्रक्रिया
बिहार के दूसरे बड़े चिकित्सा संस्थान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दरभंगा में बनना है।

दरभंगा, जासं। दरभंगा में बिहार के दूसरे बड़े चिकित्सा संस्थान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना को लेकर चली रही सरकारी कवायद पिछले दस महीनों से कागज की नाव पर सवार है। एम्स की स्थापना को लेकर पहले से जारी नियमों के अनुरूप इसका निर्माण कार्य कैबिनेट की मंजूरी की तिथि से लेकर 48 महीने में पूरी कर ली जानी है। लेकिन, दरभंगा एम्स की स्थापना से जुड़े कार्य अबतक कागज और निरीक्षण के चक्कर में घूम रहे हैं। बावजूद इसके कि जमीन चिह्नित कर ली गई। उसे एम्स के मानकों पर तैयार कर संबंधित विभाग को सौंप दिया जाना है।

स्थानीय स्तर पर कई कार्य किए जाने हैं, जिसे राज्य सरकार को पूरा कराना है।लेकिन, अबतक हुए कार्यों की बात करें तो प्रारंभिक तौर पर की जानेवाली कागजी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। इससे संबंधित रिपोर्ट जिला प्रशासन की ओर से भेजा जा चुका है। अब राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को इस मामले में फैसला लेना है।

निर्माण कार्य के लिए प्रारंभिक तौर पर आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने की बाबत भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को पत्र भेजा है। पत्र में कहा है कि 15 सितंबर 2020 को केंद्रीय कैबिनेट ने 1264 करोड़ की लागत से बननेवाले दरभंगा एम्स को मंजूरी दी थी। इसके निर्माण कार्य को कैबिनेट की मंजूरी मिलने की तिथि से 48 महीने में पूरा कर लिया जाना है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से एम्स के लिए चयनित भूमि पर पहले से कुछ प्रारंभिक कार्य कराकर केंद्र को जमीन सौंपना है। इसमें संबंधित भूखंड को अतिक्रमणमुक्त कराना है, पेयजल, बिजली, सड़क संपर्क जैसे कार्यों के अलावा संबंधित भूखंड पर मिट्टी भराई का काम पूरा किया जाना है। इसके लिए मंत्रालय की ओर से 8 जनवरी 2020 व 15 अक्टूबर 2020 को पत्र भेजा गया। केंद्रीय सचिव ने राज्य सरकार से मुख्य सचिव को कहा है कि इससे पहले सरकार के पूर्व मुख्य सचिव से भी संवाद हुआ था। उन्होंने संवाद से संबंधित तमाम पत्र भी 31 मई 2021 को भेजे गए नए पत्र के साथ संलग्न किए हैं। कहा है कि इस मामले की समीक्षा करें और जितनी जल्दी हो सके स्थानीय स्तर पर कराए जानेवाले कार्य शीघ्र पूरे कर लिए जाएं ताकि एम्स का लाभ शीघ्र राज्य व संबंधित इलाके की जनता को दिया जा सके।

दिसंबर 2020 में स्वास्थ्य राज्य मंत्री व तकनीकी टीम कर चुकी है दौरा

केंद्रीय सचिव ने अपने पत्र में 24 दिसंबर 2020 को केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के निरीक्षण और समीक्षा बैठक के साथ-साथ 13 मार्च 2021 को तकनीकी टीम द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद 14 अप्रैल 2021 को हुए पत्राचार का भी हवाला दिया है। बता दें कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल परिसर में एम्स के लिए जमीन चयनित है। संबंधित भूखंड के निरीक्षण में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे व तकनीकी टीम के साथ स्थानीय सांसद गोपालजी ठाकुर व जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ राज्य स्तर के भी अधिकारी शामिल थे। जिला प्रशासन के स्तर पर किए जानेवाले कार्यों को पूरा करने के साथ-साथ तमाम नए कार्यों को कराने से संबंधित प्रस्ताव व दस्तावेज विभागीय मंत्रालय को भेजा जा चुका है। केंद्रीय सचिव ने पत्र की प्रतिलिपि स्थानीय सांसद को भी भेजी है।

chat bot
आपका साथी