उत्तर बिहार में सक्रिय नक्सली संगठनों के लिए सेफ जोन रहा है वीटीआर

नक्सली संगठन घंने जंगल और पहाड़ों के बीच की घाटियों में खुद को सेफ पाते हैं। उत्तर बिहार में सक्रिय नक्सली संगठन का बेस कैंप वीटीआर में संचालित होता रहा है। इसकी तस्दीक विगत कुछ वर्षों में हुई गिरफ्तारी में हो चुकी है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 08:43 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 08:43 AM (IST)
उत्तर बिहार में सक्रिय नक्सली संगठनों के लिए सेफ जोन रहा है वीटीआर
युवतियों ने भी ले रखी है ट्रेनिंग, गिरफ्तार युवती ने की थी तस्दीक। फाइल फोटो

बगहा, जासं। दो वन प्रमंडलों में बंटे वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वाल्मीकिनगर, हरनाटांड़, गोनोली, गोबर्द्धना, रघिया समेत अन्य वन क्षेत्रों में समय समय पर नक्सलियों की गतिविधि की सूचना मिलती रहती है। नक्सली संगठन घंने जंगल और पहाड़ों के बीच की घाटियों में खुद को सेफ पाते हैं। उत्तर बिहार में सक्रिय नक्सली संगठन का बेस कैंप वीटीआर में संचालित होता रहा है। इसकी तस्दीक विगत कुछ वर्षों में हुई गिरफ्तारी में हो चुकी है।पूर्व मुखिया मनोज सिंह की हत्या के बाद पुलिस ने 27 सितंबर 2018 को जिला पुलिस ने छापेमारी कर मुजफ्फरपुर की महिला नक्सली समेत चार काे गिरफ्तार किया। जिनकी पहचान मुजफ्फरपुर के पारु थाने के मतौलिया गांव निवासी रमेश पासवान के पुत्र सुजीत कुमार, मुजफ्फरपुर के जौनपुर थाने के दुग्गी पट्टी गांव निवासी योगेंद्र राम की पत्नी रेणु देवी उर्फ मंजू देवी उर्फ दीदी, बगहा पुलिस जिले के पिपरासी थाने के बहरी स्थान गांव निवासी कपिलदेव ठाकुर के पुत्र महेश ठाकुर एवं शंभू गिरी के पुत्र सोनू गिरी के रूप में की गई। गिरफ्तार नक्सलियों के पास से यूएस मेड पिस्टल, कारतूस व डेटोनेटर भी बरामद किए गए। पूछताछ के दौरान नक्सलियों ने यह स्वीकार किया कि वीटीआर में नक्सलियों का बेस कैंप संचालित होता। जहां स्थानीय युवाओं को भी प्रशिक्षित किया जाता। इससे पूर्व तीन जुलाई 2017 को हरनाटांड़ निवासी लक्ष्मण प्रसाद सोनी को गिरफ्तार किया गया। जिस पर नक्सलियों को संरक्षण देने का आरोप था। उसके पास से भी एसटीएफ ने एक देशी तमंचा, चार कारतूस, चार इलेक्ट्रानिक डेटोनेटर, पोस्टर व लेवी वसूलने वाले रसीद को जब्त की।

समय समय पर चलता सर्च अभियान

जंगल में नक्सलियों की धमक की सूचना मिलने पर समय समय पर वीटीआर में पुलिस टीम सर्च अभियान चलाती। इसके साथ वनवर्ती क्षेत्रों में एसएसबी जवानों की तैनाती भी की गई है। जिला पुलिस व एसएसबी जवानों की सख्ती के बावजूद नक्सली अपनी उपस्थिति का एहसास कराते रहे। बीते तीन वर्षों में हुई पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारियां इस बात की पुष्टि करती हैं।

अबतक की प्रमुख नक्सली घटनाएं :-

तीन जुलाई 2017 :- नक्सलियों को संरक्षण देने के आरोप में हरनाटांड़ के लक्ष्मण प्रसाद सोनी की गिरफ्तारी, देशी तमंचा समेत इलेक्ट्रानिक डेटोनेटर जब्त

12 अगस्त 2018 :- चंपापुर गोनौली पंचायत के पूर्व मुखिया मनोज सिंह के मलकौली स्थित घर पर पहुंचकर नक्सलियों ने गोली मारी, घटनास्थल पर ही मौत

27 सितंबर 2018 :- लौकरिया थाने के मोहना गांव के पास दोन नहर के समीप महिला समेत चार नक्सली गिरफ्तार, यूएस मेड पिस्टल व डेटोनेटर बरामद

30 जनवरी 2019 :- जिला पुलिस ने मुखिया हत्याकांड में मुख्य भूमिका निभाने वाली महिला नक्सली निशा मांझी को किया गिरफ्तार

10 जुलाई 2019 : एसटीएफ की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी करते हुए हार्डकोर नक्सली स्वामीनाथ उरांव को गिरफ्तार किया

23 नवंबर 2019 :- पटना से पहुंची एसटीएफ की टीम ने मोतिहारी से नक्सली श्यामबाबू को गिरफ्तार कर बगहा पुलिस को सौंपा, मुखिया हत्याकांड का नामजद अभियुक्त है श्यामबाबू

21 मार्च 2020 :- गोेबर्द्धना जंगल से 15 देसी बंदूकें बरामद, पुलिस व एसएसबी की संयुक्त कार्रवाई में मिली सफलता

10 जुलाई 2020 : एसएसबी व एसटीएफ की संयुक्त 

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