बिहार विधानसभा भवन शताब्दी समारोह में दरभंगा के विपिन आज राष्ट्रपति के सम्मान में करेंगे गायन

आज बिहार विधान सभा भवन शताब्दी वर्ष समारोह में शंखनाद एवं स्त्रोत गायन प्रस्तुत करेंगे दरभंगा के मिर्जापुर निवासी डा. विपिन मिश्र मिला कला संस्कृति व युवा विभाग ने भेजा आमंत्रण। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शंख और डमरू वादन के लिए प्रसिद्ध हैं दरभंगा के लाल।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 09:07 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 09:07 AM (IST)
बिहार विधानसभा भवन शताब्दी समारोह में दरभंगा के विपिन आज राष्ट्रपति के सम्मान में करेंगे गायन
2013 में नरेंद्र मोदी विशिष्ट सम्मान सेवा पुरस्कार से सम्मानित कर चुके हैं। फाइल फोटो

दरभंगा, [ प्रिंस कुमार]। बिहार विधानसभा भवन शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पटना पहुंच चुके हैं। राष्ट्रपति के सम्मान में गुरुवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। समारोह में कला संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम जगत के प्रसिद्ध हस्तियां भाग लेंगी। इसमें दरभंगा शहर के मिर्जापुर निवासी डा. विपिन कुमार मिश्र भी शंखनाद एवं स्त्रोत गायन करेंगे। बता दें कि डा. विपिन के पास विभिन्न तरह के एक दर्जन से अधिक शंख हैं, जिसे वे देश के कई राज्यों के अलग-अलग मंचों पर बजा चुके हैं। बताते हैं कि शंख बजाने वाले लोगों का हृदय मजबूती से काम करता है, उन्हें सांस संबंधी संक्रमण का खतरा कम होता है। कोरोना काल में इसका बड़ा लाभ है। इसे बजाने से संपूर्ण मांसपेशियों का व्यायाम होता है। डॉ. विपिन गुजरात, महाराष्ट्र समेत विदेशों में भी अपनी प्रस्तुति से लोगों का मन मोहा चुके हैं। इन्हें 2013 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी विशिष्ट सम्मान सेवा पुरस्कार से सम्मानित कर चुके हैं।बताते हैं कि बचपन में साधु-संतों के हाथों में डमरू और शंख देखकर मन में इन्हें बजाने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई। डॉ. विपिन कुमार मिश्र कहते हैं, लगातार बीस वर्षों से शिव स्तोत्र समेत लगभग दो सौ स्तोत्र का प्रयोग कर शंख वादन किया है।

नेपाल के जनकपुर के कार्यक्रम से मिली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि

नेपाल देश के जनकपुर धाम में वर्ष 2004 में आयोजित राम जानकी विवाह महोत्सव में डॉ. विपिन कुमार मिश्र शंख और डमरू वादन के लिए पहुंचे थे। जहां 10 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ में प्रस्तुति करने का मौका मिला था। महोत्सव में मंत्रोच्चारण के साथ शंख और डमरू के संग विभिन्न स्तोत्र गायन से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया था। इसकी प्रसिद्ध आज भी नेपाल समेत अन्य देशों तक फैली हुई है। दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम में भी डॉ. विपिन ने प्रस्तुति दी थी। इसके साथ ही गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में आयोजित होने वाले बिहार महोत्सव में भी अपनी प्रस्तुति देते आ रहे हैं।

संगीत शिक्षक के रूप में शंख और डमरू वादन के लिए छात्रों को कर रहे प्रेरित

डा. विपिन कुमार मिश्र दरभंगा जिले के कुर्सो मछैता प्लस टू स्कूल में संगीत के शिक्षक हैं। छात्रों को शंख और डमरू वादन समेत अन्य संगीत नाट्य के गुर सिखाते हैं। डा. विपिन कहते हैं- शंख वादन तो सभी कर सकते हैं, लेकिन मंत्रोचारण के साथ शंख और डमरू का एक साथ वादन करना कठिन प्रक्रिया है। इसे सीखने के लिए साधना की जरूरत है। कहते हैं, पिता राजदेव मिश्र और माता स्व. अमीरा देवी की प्रेरणा से शंख और डमरू वादन के क्षेत्र में आज इतनी बड़ी उपलब्धि मिली है।

मंत्रोच्चारण के साथ शंख वादन कर गंभीर बीमारियों को भी किया जा सकता ठीक

स्तोत्र गायन के साथ शंख वादन कर गंभीर से गंभीर रोगियों को भी ठीक किया जा सकता है। सरकार अगर सूबे के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में संगीत आध्यात्म केंद्र खोलता है, तो इसका सकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है। डा. विपिन का दावा है कि अगर सरकार समुचित संसाधन उपलब्ध करवाएगी तो शंख वादन से बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। कहते हैं, भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु ने सिद्ध करके बताया है कि शंख को बजाने पर जहां तक उसकी ध्वनि पहुंचती वहां तक रोग उत्पन्न करने वाले कई प्रकार के हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं।

अबतक मिले सम्मान

- मिथिला रत्न सम्मान

- मिथिला विभूति सम्मान

- वेद श्री सम्मान

- विशिष्ट सम्मान सेवा पुरस्कार। 

chat bot
आपका साथी