मुजफ्फरपुर में विकास मित्र देंगे प्रमाणपत्र, उनके टोला में नहीं होता शराब का निर्माण या सेवन

Muzaffarpur news सेविका सहायिका एएनएम और आशा भी शराब बनने बेचने या सेवन करने की देंगी जानकारी शराबबंदी कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने को लेकर बनी रणनीति अमल कराने के निर्देश सूबे में पूर्णशराबंदी के बावजूद शराब पीने और बेचने वाले काफी सक्रिय हैं।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 09:42 AM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 09:42 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में विकास मित्र देंगे प्रमाणपत्र, उनके टोला में नहीं होता शराब का निर्माण या सेवन
शराब बेचने और पीने वालों पर नकेल की तैयारी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मुजफ्फरपुर, जासं। राज्य में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद शराब निर्माण, बिक्री या इसके सेवन को लेकर चौकीदार एवं दफादारों को आसूचना का मुख्य माध्यम बनाया गया था। पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समीक्षा के बाद कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए नई रणनीति बनी है। अब विकास मित्र, आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका एवं सहायिका, आशा एवं एएनएम की भी मदद ली जाएगी। उनसे शराब निर्माण, बिक्री और सेवन की जानकारी ली जाएगी। वहीं जीविका दीदियों को जागरूकता के कार्य में लगाया जाएगा। इस संबंध में उत्पाद अधीक्षक ने सभी जिले के डीएम, एसएसपी/एसपी को पत्र भेजा है।

जारी पत्र के अनुसार सभी विकास मित्रों से इस बात का प्रमाणपत्र लिया जाएगा कि उनके टोले में शराब निर्माण, बिक्री और सेवन नहीं हो रहा है। साथ ही वे इस संबंध में जानकारी भी उपलब्ध कराएंगे। इसके लिए एसडीओ और एसडीपीओ को नियमित रूप से विकास मित्र के साथ बैठक करेंगे। सेविका एवं सहायिका, आशा एवं एएनएम के साथ एसडीओ की मौजूदगी में सीडीपीओ बैठक करेंगे। सभी को समाज में शराब निर्माण, बिक्री एवं सेवन की जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

दूसरे से शराब बिकने की मिली सूचना तो नपेंगे चौकीदार

जिले में चौकीदार परेड नियमित रूप से कराई जाएगी। इसमें शराब के बारे में जानकारी ली जाएगी। अगर दूसरे माध्यम से शराब के बारे में सूचना दी गई तो इसके सही पाए जाने पर संबंधित क्षेत्र के चौकीदार पर कार्रवाई की जाएगी।

जेल से बाहर निकले पुराने शराब धंधेबाजों पर नजर

जेल से जमानत पर छूटे शराब के पुराने धंधेबाजों पर नजर रखने को कहा गया है। वहीं शराब के धंधे में लिप्त लोगों पर भी नजर रहेगी। जमानत पर छूटे ऐसे लोग की शराब धंधे में संलिप्तता होने पर गुंडा पंजी में नाम दर्ज कर सीसीए की कार्रवाई की जाएगी। चुलाई शराब के ठिकानों का डाटाबेस बनाकर नियमित रूप से छापेमारी की जाएगी। इसके अलावा होम्योपैथी दवा दुकानों का निरीक्षण करने के साथ गुड़ निर्माण पर भी नजर रखी जाएगी। सबसे महत्वपूर्ण होम डिलीवरी के समूह को तोडऩे के लिए गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी होगी।

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