इलाज व दवा नहीं मिलने से परेशान मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की शिकार पीडि़ता

सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा के सामने शिकायत मिलने के बाद वह सख्त हुए। उन्होंने तुरंत काउंसलर को बुलाया और स्थिति की जानकारी ली। काउंसलर ने बताया कि जबतक कोई चिकित्सक पर्ची पर काउंसिलिंग के लिए परामर्श नहीं देंगे वे कैसे काउंसिलिंग करें।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 08:55 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 08:55 AM (IST)
इलाज व दवा नहीं मिलने से परेशान मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की शिकार पीडि़ता
बाल संरक्षण इकाई अधिकारी सदर अस्पताल लेकर आए।

मुजफ्फरपुर, जासं। सदर अस्पताल में इलाज को लेकर बालिका गृह कांड की पीडि़ता परेशान हंै। न उनकी सही तरीके से काउंसिलिंग हो रही न दवा ही मिल रही है। सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा के सामने शिकायत मिलने के बाद वह सख्त हुए। उन्होंने तुरंत काउंसलर को बुलाया और स्थिति की जानकारी ली। काउंसलर ने बताया कि जबतक कोई चिकित्सक पर्ची पर काउंसिलिंग के लिए परामर्श नहीं देंगे, वे कैसे काउंसिलिंग करें। इसपर सीएस ने चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। सीएस ने उससे पूछा कि चिकित्सक के नहीं रहने से काउंसिलिंग का क्या ताल्लुक है? इसपर काउंसलर बोलीं कि चिकित्सक नहीं है तो नोडल अधिकारी भी यदि आदेश देंगे तो काउंसिलिंग कर दी जाएगी। इसके बाद नोडल अधिकारी डा.शिवशंकर ने तुरंत काउंसिलिंग करने का निर्देश दिया। पीडि़ता की काउंसिलिंग की गई। सीएस ने कहा कि मानसिक रोग विभाग में कई कर्मी हैैं और अगर चिकित्सक नहीं हैं तो कोई अगर काउंसिलिंंग के लिए आता है तो कागजी प्रक्रिया पूरी कर काउंसलिंग होनी चाहिए। 

इस तरह से चला मामला

बालिका गृह कांड की शिकार मानसिक रूप से बीमार एक पीडि़ता का फालोअप कर रहे बाल संरक्षण इकाई के कर्मी मंगलवार को सिविल सर्जन के पास पहुंचे। इकाई की कर्मचारी संगीता कुमार ने सिविल सर्जन को बताया कि विगत एक माह से इस पीडि़ता का इलाज, काउंसिलिंग नहीं हो रहा है। वहीं दवा भी नहीं मिल रही है। इससे उसकी हालत खराब हो रही है। अपने स्तर से पहल करें। सीएस ने तत्काल शिकायत दूर की। साथ ही एसकेएमसीएच से मानसिक चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति के लिए एसकेएमसीएच प्राचार्य को पत्र लिखा। सीएस ने बताया कि चिकित्सक के नहीं रहने से मेडिकल बोर्ड गठन में भी परेशानी आ रही है।  

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