मुजफ्फरपुर में कोरोना से मरे 991 की सूची का हो रहा सत्यापन
सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने बताया कि हर दिन तीन से चार आवेदन मरने वाले के स्वजन जमा करा रहे हैं। जो आवेदन आ रहा उनकी जांच के बाद ही कोरोना से मौत की सूची बनाकर मुख्यालय जाएगी। अभी तक जो आवेदन आ रहे है।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। कोरोन से मरने वाले 991 लोगों की सूची का सत्यापन चल रहा है। सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने बताया कि हर दिन तीन से चार आवेदन मरने वाले के स्वजन जमा करा रहे हैं। जो आवेदन आ रहा उनकी जांच के बाद ही कोरोना से मौत की सूची बनाकर मुख्यालय जाएगी। अभी तक जो आवेदन आ रहे है, उसमें अपने जिले कि मृत की संख्या कम है। अभी तक जिले से 991 कोरोना से मृत की सूची का सत्यापन चल रहा है। जांच के बाद196 मृतक के आश्रितों को 4-4 लाख अनुग्रह राशि के रूप में उनके खाते में निधि गया है।
कोरोना व एईएस योद्धा सम्मानित
सकरा, संस : प्रखंड की खालीकनगर गौडीहार पंचायत भवन सभागार में मंगलवार को पंचायत के मुखिया महेश शर्मा ने कोरोना व एईएस जागरूकता अभियान चलाने वालों को फूल माला व प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। मौके पर बीडीओ ने कहा कि ओडीएफ से लेकर एईएस तक के कार्यक्रम मे पंचायत के तमाम स्वंयसेवकों की भूमिका संतोषजनक रही है। मुखिया महेश शर्मा के नेतृत्व में लोगों ने जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को बीमारी से बचाने का काम किया है। बरियारपुर ओपी के थानाध्यक्ष लाल किशोर गुप्ता ने स्वंयसेवकों के कार्यों की सराहना की। मौके पर करीब सौ स्वंयसेवकों को सम्मानित किया गया।
नर्स के सहारे एसएनसीयू के बच्चे, आक्रोश
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल परिसर में एसएनसीयू में भर्तीं बच्चे का इलाज नर्स के सहारे चल रहा है। मंगलवार को स्वजनों ने आक्रोश जताते हुए सिविल सर्जन से शिकायत की। अपने बच्चे के इलाज को लेकर आई कौशल्या ने बताया कि तीन दिनों से चिकित्सक यहां पर नहीं आए। इधर अस्पताल उपाधीक्षक डा. एनके चौधरी ने बताया कि शिशु रोग विशेषज्ञ की नाइट ड्यूटी दो दिन लगी थी, इस कारण वह नहीं जा सके हैं। लेकिन आनकाल वह एसएनसीयू के गंभीर मरीज को आकर केयर कर रहे हैं। जीरो से 28 दिन तक के गंभीर रूप से बीमार नवजात के समुचित उपचार को लेकर एसएनसीयू की स्थापना की गई है। एसएनसीयू में एक चिकित्सक के साथ 12 ए ग्रेड नर्स पदस्थापित हैं। सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने कहा कि एसएनसीयू के लिए अलग से रोस्टर जारी होना चाहिए। वहां पर तीन दिन से चिकित्सक का नहीं जाना गंभीर मामला है। इसकी जांच कर रोस्टर बनाने वाले पर सख्त एक्शन होगा।