होम डिलीवरी के नाम पर वेंडर उपभोक्ताओं से वसूल रहे निर्धारित दर से ज्यादा राशि Muzaffarpur News

जिले में निर्धारित दर 964 रुपये इसी दर में शहरी क्षेत्र में करना है होम डिलीवरी। घर पहुंचाने के बाद वेंडर प्रत्येक उपभोक्ताओं से औसतन 36 रुपये लेते अधिक।

By Murari KumarEdited By: Publish:Fri, 28 Feb 2020 01:35 PM (IST) Updated:Fri, 28 Feb 2020 01:35 PM (IST)
होम डिलीवरी के नाम पर वेंडर उपभोक्ताओं से वसूल रहे निर्धारित दर से ज्यादा राशि Muzaffarpur News
होम डिलीवरी के नाम पर वेंडर उपभोक्ताओं से वसूल रहे निर्धारित दर से ज्यादा राशि Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एलजीपी कंपनी का नियम है कि उपभोक्ताओं के घर पर पहुंचकर गैस सिलेंडर देना है। इसका पालन भी अधिकतर एजेंसी संचालक कर रहे हैं। लेकिन, इसके एवज में उपभोक्ताओं से ज्यादा राशि भी वसूली जा रही है। एजेंसी संचालक व वेंडर की मिलीभगत से होम डिलीवरी के नाम पर प्रत्येक दिन लाखों में कमाई की जाती है। 

 बता दें कि शहरी क्षेत्र में एजेंसी संचालकों को सरकार द्वारा निर्धारित 964 रुपये में गैस सिलेंडर की होम डिलीवरी करनी है। वेंडर जब इसे उपभोक्ता के घर पर पहुंचाते हैं तो एक हजार रुपये लेते हैं। कहा जाता कि खुदरा के अभाव में लोग एक हजार रुपये उन्हें देते हैं। वेंडर शेष राशि वापस नहीं करते। ऐसे में प्रत्येक सिलेंडर एक हजार रुपये लिए जा रहे हैं। यानी औसतन एक उपभोक्ता से 36 रुपये अधिक। ऐसे में शहरी क्षेत्र के गैस एजेंसी संचालकों व वेंडरों की कमाई प्रतिदिन लाखों में होती है। 

नंबर लगाने व सब्सिडी लेने को लगाना पड़ता चक्कर

खबड़ा इलाके के उपभोक्ता सांता सिन्हा का कहना है कि बिना अधिक रुपये लिए वेंडर जाता ही नहीं है। दूसरी ओर नंबर लगाने के एक सप्ताह बाद सिलेंडर दिया जाता है। साथ ही सब्सिडी की राशि के लिए भी उन्हें चक्कर लगाना पड़ता है। सिकंदरपुर की रेणू देवी ने कहा कि एक हजार रुपये लिया जाता है। तब गैस सिलेंडर वेंडर देता है। मालीघाट की पुष्पा देवी ने कहा कि 36 रुपये अधिक लिए गए हैं।

 सब्सिडी की राशि भी उनके खाते में नहीं आई। अहियापुर के राकेश कुमार ने कहा कि एक तो वेंडर सिलेंडर नहीं पहुंचाता और एजेंसी संचालक गोदाम से एक हजार में सिलेंडर देते हैं। बैरिया के नंदन कुमार ने कहा कि उनसे भी वेंडर ने एक हजार रुपये लिए हैं। सकरा के अशोक कुमार ने कहा कि एक महीने से सब्सिडी की राशि उनके खाते में नहीं आ रही है।  

खुशी से लोग दे देते दस-बीस

वेंडर रामेश्वर का कहना है कि जब हमलोग सिलेंडर लेकर किसी उपभोक्ता के घर पर जाते हैं तो खुशी से लोग दस-बीस रुपये अधिक देते है। खुदरा रहने पर हमलोग वापस कर देते हैं। नहीं तो उपभोक्ता स्वयं रख लेने की बात बोलते हैं। वेंडर मनोज, पवन समेत अन्य का भी कुछ यही कहना था। 

ग्रामीण क्षेत्रों में कोई देखने वाला नहीं

ग्रामीण क्षेत्रों के गैस वितरकों की मनमानी पर किसी का जोर नहीं है। एक तो उनके गोदाम पर पहुंचकर लोगों को घंटों इंतजार करना पड़़ता है तब उन्हें सिलेंडर मिलता है। साथ ही राशि भी निर्धारित दर से अधिक ली जाती है। ग्रामीण इलाके के उपभोक्ता गायघाट के रामेश्वर सिंह ने कहा कि उनसे पचास रुपये अधिक लिए गए। सकरा राजापाकड़ के अमित कुमार ने कहा कि ग्रामीण वितरक द्वारा उनसे एक हजार रुपये लिए गए हैं। 

एसडीओ पूर्वी डॉ. कुंदन कुमार ने कहा कि सभी गैस एजेंसी संचालकों को निर्धारित दर पर सिलेंडर देने का निर्देश दिया जा चुका है। अगर किसी उपभोक्ता से ज्यादा राशि ली जाती है तो संबंधित एजेंसी संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी। 

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