सीतामढ़ी में सोरम नदी घाट पर पुल ध्वस्त रहने से 18 माह से वाहनों का आवागमन ठप

वर्ष 2019 के जुलाई माह में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 2 करोड़ 7 लाख 66 हजार की लागत से मटियार कला गांव होते सिंघरहिया चौक स्थित एनएच 77 को जोड़ने वाली पहुच पथ का निर्माण 2.808 किलोमीटर की सड़क व पुल का निर्माण कराया गया था।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 11:21 AM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 11:21 AM (IST)
सीतामढ़ी में सोरम नदी घाट पर पुल ध्वस्त रहने से 18 माह से वाहनों का आवागमन ठप
दो वर्ष पूर्व बना था पुल, छह माह बाद ही बाढ़ से हो गया ध्वस्त। फोटो- जागरण

सीतामढ़ी, जासं। बथनाहा प्रखंड क्षेत्र के सहियारा पंचायत के कटही टोला के समीप सोरम नदी घाट पर विगत दो वर्ष पूर्व बना पुल निर्माण के छह माह बाद पहली बाढ़ में ही ध्वस्त हो गया। जिससे पुल निर्माण की गुणवत्ता की पोल खुल गई थी । इस पुल के ध्वस्त होने से हजारों लोगों को विगत 18 माह से आवागमन में भारी कठिनाइयों सामना करना पड़रहा है। मालूम हो की वर्ष 2019 के जुलाई माह में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 2 करोड़ 7 लाख 66 हजार की लागत से सहियारा बाजार चौक से कटही टोला से सटे उत्तर झंडा चौक के समीप मटियार कला गांव होते सिंघरहिया चौक स्थित एनएच 77 को जोड़ने वाली पहुच पथ का निर्माण 2.808 किलोमीटर की सड़क व पुल का निर्माण कराया गया था। निर्माण के समय ही स्थानीय लोगों द्वारा पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर तत्कालीन वरीय अभियंता परवेज़ आलम को हस्ताक्षरित आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई गई थी। बावजूद विभागीय स्तर पर पुल निर्माण की जांच नही की जा सकी थी। जिस कारण पहली बाढ़ में ही पुल बीच में ही धंस गया है।

आवागमन बिल्कुल बंद पड़ा है

इस पुल की ध्वस्त होने की स्थिति इतनी भयावह है कि पैदल तो लोग किसी तरह पार कर जाते हैं। पर दोपहिया वाहन को पार करने से पूर्व वाहन चालक भगवान की दुहाई देकर लोगों की सहयोग से पार करने की विवशता बनी रहती हैं। चार पहिया वाहन की आवागमन बिल्कुल बंद पड़ा है। बताते चले कि इस सड़क मार्ग से लक्ष्मीपुर,हनुमान नगर,बदुरी,सोनबरसा थाना क्षेत्र के मड़पा, कचोर सहित दर्जनों गांवों के लोगों को सहियारा थाना अथवा जिला मुख्यालय से रीगा जाने के लिए एक मात्र सुगम सड़क है। स्थानीय लोगों की माने तो जीत के बाद क्षेत्र भ्रमण के दौरान विधायक अनिल राम को भी पुल की स्थिति अवगत कराते हुए इसके जीर्णोद्धार की मांग की गई थी। पर इसके निर्माण को लेकर कोई ठोस पहल नहीं किया जा सका है। जिस कारण आज तक इस होकर आवागमन प्रभावित है।इस संबंध में पूछने पर तत्कालीन जेई ललित मोहन ने बताया था कि।पुल ध्वस्त की सूचना मिलने पर मरम्मत को लेकर क्षतिग्रस्त स्थान पर तत्काल ईंट रखने की व्यवस्था कराई गई थी। लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध करने के कारण मरम्मत का कार्य नहीं किया जा सका। इस पुल निर्माण को लेकर स्टीमेट तैयार है। टेंडर होते ही निर्माण कार्य आरंभ कराया जाएगा । 

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