पश्चिम चंपारण में अनोखी शादी, नदी तैरकर शादी करने आया दूल्हा और नाव पर हुई दुल्हन की विदाई

पश्चिम चंपारण में दूल्हा-दुल्हन के सामने घर में घूस रहा था बाढ़ का पानी यहां एक दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ ने मचाई तबाही बेटी की शादी में हुई परेशानी बारात में सिर्फ दूल्हा उसके पिता और भाई ही पहुंचे पाएं।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 02:25 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 02:25 PM (IST)
पश्चिम चंपारण में अनोखी शादी, नदी तैरकर शादी करने आया दूल्हा और नाव पर हुई दुल्हन की विदाई
पश्‍च‍िम चंपारण में नाव पर व‍िदा होती दुल्‍हन। जागरण

पश्चिम चंपारण, जासं। प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ की तबाही है। सबसे अधिक परेशानी उन लोगों को हुई, जिनके घरों में शादी के आयोजन होने वाले थे। बरात तो कहीं नहीं आई, किसी तरह से दूल्हा एवं उनके पिता और भाई को बुलाया गया। कई जगहों पर ऐसी स्थिति आई कि शादी के मंडप में दूल्हा-दूल्हन बैठे हैं और बाढ़ का पानी भर रहा है।

शादी के बाद ससुराल के लिए विदाई चार पहिये पर नहीं एक दूजे के साथ नाव पर विदा होना पड़ा। वैसे भी प्रखंड का तिरवाह का इलाका बरसात के दिनों में यहां की बेटियों को डोली या फिर चार पहिये वाहनों में मायके से ससुराल के लिए विदा नहीं होती हैं। इनके माता पिता अपनी लाडली की विदाई बाढ़ में सभी रास्ते बंद होने से नाव में बैठाकर करते हैं। वही हाल इस साल भी हुआ है। जून महीने में कभी बाढ़ नहीं आती थी। इसी को लेकर शादी विवाह के लिए इसी महीने का चयन होता है। बावजूद प्रकृति के सामने सभी की सोच फेल हो गई। लगातार बारिश के बाद सिकरहना(बूढी गंडक) के बाढ का तांडव है।

नाव पर वर के साथ आए स्वजन

प्रखंड के सरगटिया पंचायत के मगलहियां में शुक्रवार की रात आरथ मुखिया की पुत्री माधुरी कुमारी, सुंदरगांवा के रामानंद साह की बेटी अनिता कुमारी की शादी हुई। सिकटा प्रखंड के सुगहाभवानीपुर के लालू मुखिया के पुत्र टुनटुन कुमार की बरात मगलहियां आरथ मुखिया के यहां आई। वहीं पूर्वी चंपारण के रामगढवा थाना के मुडला निवासी गौरीशंकर साह के पुत्र गुड्डू कुमार बरात लेकर सुंदरगांवा के रामानंद साह के यहां पहुंचे। गांव से दो किलोमीटर दूर सरगटिया नहर से गांव में आने वाली सड़क पर छह फीट पानी था। आने का मार्ग बंद था। बरात आने की सूचना पर ग्रामीण नाव लेकर पहुंच दूल्हे संग उसके स्वजनों को नाव पर सवार कराकर गांव लेकर आए।

नाव में बैठकर विदा हुई बेटी

बेटी के पिता के दरवाजे पर लगे पंडाल व शादी के मंडप में सिकरहना नदी का पानी भरा था। अंतत: शादी के मंडप को रस्सी से जोड़कर ऊंचे स्थान पर किसी तरह शादी हुई। अब विदाई की ङ्क्षचता सताने लगी। अंतत: बेटियों की विदाई नाव पर बैठाकर की गई।

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