पूर्वी चंपारण में अनूठी पहल, डीईओ लगाते झाड़ू, विद्यार्थी साफ करते क्लासरूम

East Champaran News मोतिहारी में जुलाई में पदस्थापना के साथ ही डीईओ ने स्वच्छता को लेकर शुरू किया मिशन पॉसिबल शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों से लेकर सरकारी स्कूलों में कर्मी शिक्षक व विद्यार्थी सफाई के प्रति हुए जागरूक।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 11:43 AM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 11:54 AM (IST)
पूर्वी चंपारण में अनूठी पहल, डीईओ लगाते झाड़ू, विद्यार्थी साफ करते क्लासरूम
अपने कार्यालय कक्ष की सफाई करते जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार। (फाइल फोटो)

पूर्वी चंपारण, {संजय कुमार स‍िंह} । श्री महावीर राजकीय मध्य विद्यालय लुअठहां। कोरोना के चलते कई महीने से बंद होने के चलते यहां झाडिय़ां उग आई थीं। कक्षाओं में धूल जम गई थी। कैंपस में चारों ओर गंदगी फैल गई थी। बीते 16 अगस्त को स्कूल खुलने से पहले कर्मचारियों से थोड़ी-बहुत सफाई कराई गई। बाद में विद्यार्थियों के प्रयास से आज विद्यालय साफ-सुथरा है। ऐसी स्थिति जिले के अधिकतर सरकारी विद्यालयों की है। यह हुआ है यहां के डीईओ (जिला शिक्षा अधिकारी) के प्रयास से।

शिक्षा विभाग के विभिन्न कार्यालयों और विद्यालयों में सफाई और स्वच्छ वातावरण के लिए उन्होंने एक महीना पहले यह अभियान शुरू किया। इसे नाम दिया 'मिशन पॉसिबलÓ। डीईओ खुद अपने कार्यालय में झाड़ू लगाने के साथ मेज-कुर्सी की सफाई करते हैं। पांच जुलाई को पदस्थापना के साथ ही डीईओ संजय कुमार ने इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिया। अधिकारियों के साथ बैठक कर स्वच्छ वातावरण के लिए नियमित सफाई पर जोर दिया। यह तय हुआ कि नियमित सफाई के अलावा महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को शिक्षा विभाग के कार्यालय से लेकर सभी विद्यालयों में यह अभियान चलाया जाए। इसमें अधिकारी से लेकर शिक्षक व विद्यार्थी भी हिस्सा लें। इससे बच्चे स्वच्छता की अहमियत समझेंगे।

पहले चरण में 24 जुलाई को अपने कार्यालय कक्ष की स्वयं सफाई कर अन्य को प्रेरित किया। 16 अगस्त से स्कूलों के खुलने पर सभी जगह इसे अनिवार्य कर दिया गया। डीईओ ने इसकी शुरुआत श्री महावीर राजकीय मध्य विद्यालय लुअठहां से की। उन्होंने खुद अपने हाथ में झाड़ू लेकर परिसर की सफाई की। बच्चों और शिक्षकों को इसके लिए प्रेरित किया। कागज के टुकड़ों को इधर-उधर नहीं फेंक डस्टबीन में डालने की बात कही। अब शिक्षक, प्रधानाचार्य और विद्यार्थी अपने कैंपस की सफाई के साथ वहां लगे पेड़-पौधों में पानी भी डालते हैं। अधिकारी हर शनिवार को दफ्तर, कुर्सी-टेबल, अलमारी व कैंपस खुद साफ करते हैं। इससे स्कूल का नजारा बदल गया है।

प्रधानाध्यापक बलिराम सिंह का कहना है कि विद्यार्थियों में सफाई के प्रति जागरूकता आई है। अब वे इधर-उधर गंदगी नहीं फैलाते। अपनी कक्षा की सफाई खुद करते हैं। डीईओ का कहना है कि अगर सफाई को हम अपनी आदत बना लें तो कई तरह की बीमारियों से हम बच सकते हैं।

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