कोरोना पीड़ितों पर कौन दवा रही कारगर, यह देखने मुजफ्फरपुर आ रही यूनिसेफ की टीम
कोरोना से स्वस्थ्य हुए लोग व कोरोना टीकाकरण के दोनों डोज ले चुके लोगों से टीम मिलेगी। न्यूयार्क से आने वालों में मुख्य रुप से विद्या गणेश शामिल हैं। इनके साथ राज्य व जिला स्तरीय टीम भी भ्रमण में शामिल होगी ।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना के दूसरे लहर में जो इलाज हुआ कितना असरदार रहा। इसकी पड़ताल करने यूनिसेफ की टीम मुजफ्फरपुर आएगी। टीम के विशेषज्ञ यह पड़ताल करेंगे कि जो लोग कोरोना पीड़ित हुए उनका किस तरह से इलाज हुआ। जो लोग इलाज के दौरान मर गए वह किस परिस्थिति में अस्पताल पहुंचे थे। इन सब की जानकारी लेगी टीम। न्यूयार्क से मुजफ्फरपुर आने वाली स्कीम को कहां- कहां जाना है इसकी तैयारी चल रही है। सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा ने बताया कि टीम को हर स्तर पर सहयोग किया जाएगा। यूनिसेफ के जिला समन्वयक राजेश कुमार ने कहा कि 18 अक्टूबर को न्यूयॉर्क की टीम आएगी। दो दिनों तक क्षेत्र भ्रमण होगा। कोरोना वैक्सीन लेने के बाद व्यक्ति कितना स्वस्थ है या फिर उसे कौन सा साइड इफेक्ट है। इसकी पड़ताल होगी।
जानकारी के अनुसार कोरोना से स्वस्थ्य हुए लोग व कोरोना टीकाकरण के दोनों डोज ले चुके लोगों से टीम मिलेगी। न्यूयार्क से आने वालों में मुख्य रुप से विद्या गणेश शामिल हैं। इनके साथ राज्य व जिला स्तरीय टीम भी भ्रमण में शामिल होगी ।10 लोगों की टोली के साथ अलग-अलग जगह पर जाकर पड़ताल की जाएगी। टीम लोगों से मिलकर जानेगी कि कोरोना से स्वस्थ्य होने के बाद उन्हें किन किन तरह की परेशानी हो रही हैं। कोरोना से स्वस्थ्य होने के बाद शरीर के किसी ऐसे हिस्से जहां उन्हें परेशानी हो रही है । टीम उन लोगों से भी मिलेगी जो कोरोना टीका के दोनों डोज ले चुके हैं। दोनों डोज लेने के बाद उनके शरीर में किसी तरह की कोई परिवर्तन तो नहीं है या फिर उन्हें परेशानी तो नहीं हुई हैं। टीका लेने के बाद उनके शरीर में कोई बदलाव सा दिखा है। यूनिसेफ के जिला समन्वयक राजेश कुमार ने बताया कि न्यूयार्क से टीम दो दिनों तक जिले में सर्वे करेगी। इस दौरान टीम सबसे पहले मुशहरी व मीनापुर जायेगी। इस साल इस बीमारी का सबसे ज्यादा असर शहर व इससे सटे मुसहरी इलाके में रहा। इसलिए शहर में भी कई जगहों पर जाने का कार्यक्रम बनाया जा रहा है। जहां लोगों से मिलकर पूरी जानकारी जुटायेगी जाएगी। भ्रमण के दौरान सदर अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चल रही कोरोनावायरस की जांच व टीकाकरण स्थल की व्यवस्था की भी पड़ताल करेगी। कोरोना टीका व कोरोना जांच किस तरह से की जा रही है, मानक के हिसाब से वह सही है क्या। उन्होंने कहा कि टीम उन प्रखंडों में भी जायेगी जहां सबसे अधिक लोग कोरोना से पीड़ित हुए हैं। उनके परिवार के सदस्यों से मिलकर मृत व्यक्ति का कहा इलाज हुआ था और इलाज के दौरान जो दवा लिखी गई तो उसके पुर्जा में कौन कौ जानकारी लेगी कि इलाज में कौन कौन से दवा चलाया गया।
यूनिसेफ के जिला समन्वयक ने बताया कि मरीजों की सूची उनका जो भी ब्योरा स्वास्थ विभाग के पास है वह सब संग्रह किया जा रहा है। टीम आने के बाद सिविल सर्जन व जिलाधिकारी से भी मिलकर बात करेगी। पड़ताल में जो रिपोर्ट आएगी वह मंत्रालय व फिर स्थानीय अधिकारियों से भी बाद के दिनों में शेयर किया जाएगा। तीसरे लहर की संभावना को देखते हुए यह सब तैयारी की जा रही है। पड़ताल के बाद यह सामने आएगी कि आने वाले दिनों में यदि कोरोना होता है तो उसका लाइन आफ ट्रीटमेंट क्या होना चाहिए। सिविल सर्जन ने बताया कि कोरोना जांच व इलाज की हर स्तर पर व्यवस्था है। फिलहाल अभी जिले में एक भी मरीज नहीं है। बावजूद इसके प्रति दिन सरकारी बस पड़ाव, रेलवे जंक्शन, सदर अस्पताल स्तर पर छह हजार जांच का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा वैक्सीन का काम चल रहा है । अभी पूजा पंडाल में 2 दिन का विशेष शिविर लगाया गया है। इसके अलावा भी नियमित टीकाकरण सदर अस्पताल व पीएचसी स्तर पर किया जा रहा है। जरुरत मुताबिक नगर निगम व पंचायत स्तर पर विशेष शिविर का आयोजन चल रहा है। सिविल सर्जन ने कहा कि टीम के आने के बाद जो पड़ताल वाली रिपोर्ट होगी उस पर अमल किया जाएगा।