सड़क पर अनियंत्रित रफ्तार इस तरह जान को इस डाल रहा खतरे में, ऐसे खुद को बचाएं
आगे निकलने की होड़ व तेज रफ्तार से खत्म हो रही जिंदगी। परिवहन नियमों को नजरअंदाज करने से उजड़ रहे परिवार। वाहनों की अनियंत्रित रफ्तार नशे में ड्राइविंग हेलमेट का प्रयोग नहीं करना चार पहिया में सीट बेल्ट का प्रयोग नहीं करना समेत कई असावधानी से हादसे होते हैं।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सड़क हादसे लोगों की जिंदगी तबाह कर रहे हैं। किसी की जान जा रही तो कोई अपंग होकर जीने को मजबूर है। पिछले कई वर्षों से सड़क हादसों में लगातार वृद्धि हो रही है। यातायात नियमों की अनदेखी इसकी मुख्य वजह है। वाहनों की अनियंत्रित रफ्तार, नशे में ड्राइविंग, हेलमेट का प्रयोग नहीं करना, चार पहिया में सीट बेल्ट का प्रयोग नहीं करना समेत कई असावधानी से हादसे होते हैं। हर महीने हजारों नई गाडिय़ां सड़कों पर आ जाती हैं। ट्रैफिक का लोड सड़क पर बढ़ता जा रहा है। पैदल चलना भी मुश्किल होता जा रहा है। ड्राइविंग करते समय गति सबसे बड़ा फैक्टर होती है। अक्सर देखा जाता है कि रोड अच्छी होने पर ड्राइवर स्पीड बढ़ा देता है। ये हादसे की बड़ी वजह बन रही है। खासकर एनएच व एसएच पर अधिकतर हादसे अनियंत्रित रफ्तार व आगे निकलने की होड़ में होते हैं। ठंड के समय कुहासा भी हादसों का कारण बनता है। अधिकतर वाहन मालिक भी नियमों को नजरअंदाज करते हैं। डीटीओ रजनीश लाल ने कहा कि सड़क हादसों को नियंत्रित करने के लिए परिवहन विभाग लगातार लोगों को जागरूक करता है। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना भी किया जाता है। फॉग लाइट को लेकर सभी वाहन मालिकों को निर्देश दिए गए हैं। लाइट पर ब्लैक टेप लगाने का आदेश दिया गया है।
ठंड में कोहरे से बढ़ जाते हादसे
ठंड बढऩे के साथ ही कोहरे का प्रकोप बढऩे लगता है। इस मौसम में होने वाले सड़क हादसों में 50 फीसद से अधिक कोहरे के कारण होते हैं। चालक अनियंत्रित होकर संतुलन खो देते हैं। नतीजा हादसे होते हैं। परिवहन विभाग के नियमानुसार ठंड के मौसम में फॉग लाइट अनिवार्य है। इससे कोहरे से होने वाले हादसों को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन अधिकतर वाहनों में इसे नजरअंदाज किया जा रहा है। साथ ही बीम लाइट, रेडियम स्टीकर, इंडीकेटर आदि महत्वपूर्ण होते हैं। अधिकतर लोग इसका पालन नहीं करते।
एनएच व एसएच पर होते अधिक हादसे
मुजफ्फरपुर से होकर गुजरने वाले कई एनएच व एसएच पर आएदिन हादसे हो रहे हैं। मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर-शिवहर, मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर-मोतिहारी आदि रूटों पर आएदिन हादसे होते हैं। साथ ही प्रखंड मुख्यालय को जोडऩे वाली सड़कों पर भी हादसे होते रहते हैं।
कोहरे के कहर से बचाव का कवच
कोहरे में वाहन को फॉग के अनुसार अपडेट करना जरूरी है। इसमें सबसे जरूरी है फॉग लाइट। इसकी मदद से आप कोहरे में हेडलाइट के मुकाबले ज्यादा अच्छी तरह और दूर तक देख पाएंगे। इससे निकलने वाली रोशनी कम दूरी तक जाती है, लेकिन ज्यादा वाइड एरिया कवर करती है। इन लाइट्स को वाहन के बंपर में नीचे की ओर फिट कराना बेहतर रहता है। इससे लाइट्स सड़क के करीब रहती हैं और घने कोहरे में आगे की सड़क ज्यादा साफ दिखती है। फॉग लाइट के साथ बड़ी हेडलाइट भी जलाएं।
ठंड में ये बरतें सावधानियां
- हेडलाइट्स को हाई बीम पर नहीं रखें। ऐसा करने से रोशनी बिखर जाती है और नजर कुछ नहीं आता। हेडलाइट्स हमेशा लो बीम पर रखने से आपको देखने में आसानी होगी। साथ ही सामने वाले की गाड़ी की भी सही स्थिति का पता चल सकेगा। कोहरे से विजिबिलिटी खराब है तो कभी तेज रफ्तार व जल्दबाजी न दिखाएं। स्पीड को कंट्रोल में रखें। ओवरटेक करने से बचें। आगे वाले वाहन के पीछे एक निश्चित फासले से चलें।
चार वर्ष में सड़क हादसे
2017 : 231
2018 : 290
2019 : 310
2020 : 281 (15 नवंबर तक)
चार वर्ष में गई जान
2017 : 252
2018 : 295
2019 : 312
2020 : 271 (15 नवंबर तक)
इतने वाहन दुर्घटना के शिकार
बाइक : 375
बस : 165
छोटे वाहन : 195
(नोट : आंकड़े सरकारी, निजी एवं सूत्रों से मिली जानकारी पर आधारित, आंशिक संशोधन संभव)
हादसे में खत्म हो गईं खुशियां
मधुबनी से मुजफ्फरपुर आने के दौरान कुढऩी के विक्की सिंह की बाइक एक चार पहिया से टकरा गई। हादसे में उनके कूल्हे की हड्डी टूट गई। वह अपंग बनकर जिंदगी काट रहे हैं। सिर में चोट लगने से जिंदगी माधोपुर के सुरेश सहनी की जिदंगी बर्बाद हो गई। उनकी पत्नी किरण देवी कहती हैं कि मौत से बड़ी सजा झेल रही हैं। सड़क हादसे में भले ही जान बच गई, लेकिन अब जिंदगी अपाहिज बनकर रह गई है।