समस्तीपुर सदर अस्पताल में कार्टन में बंद अल्ट्रासाउंड मशीन, बाहर जांच कराते मरीज

प्रसव कक्ष में रात में आने वाली प्रसूताओं की पैथोलॉजी व अन्य जांच की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जिससे ऑन ड्यूटी चिकित्सक इलाज के अभाव में सीधे रेफर कर देते है। जबकि काफी संख्या मरीज प्राइवेट से जांच करा कर रिपोर्ट देते हैं।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 11:21 AM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 11:21 AM (IST)
समस्तीपुर सदर अस्पताल में कार्टन में बंद अल्ट्रासाउंड मशीन, बाहर जांच कराते मरीज
सदर अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ को अल्ट्रासाउंड जांच करने के लिए दिया गया था प्रशिक्षण।

समस्तीपुर, जासं। सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा होने के बावजूद इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है। लगभग 10 महीने से अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था ठप है। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जांच बंद है और मरीज मजबूरन अधिक पैसे देकर निजी जांच घर में जांच करवा रहे हैं। अल्ट्रासाउंड करने वाली मशीन को कार्टन में बंद कर ईसीजी कक्ष में रख दिया गया है। सदर अस्पताल में मरीजों के लिए अल्ट्रासाउंड कराने की सुविधा नहीं है। पैथोलॉजी जांच भी 24 घंटें नहीं हो रही है। ओपीडी अवधि में भी संचालित पैथोलॉजी केंद्र सिर्फ 14 तरह की जांच की जा रही है। ऐसे में यहां इलाज के लिए आने वाले अधिकतर मरीजों को जांच बाहर करानी पड़ती है। सदर अस्पताल में पैथोलॉजी जांच की सुविधा उपलब्ध है। लेकिन यह सुविधा सिर्फ ओपीडी संचालन की अवधि में ही मिल रही है। जबकि, इमरजेंसी में इलाज कराने पहुंचे मरीजों को इसकी सुविधा नहीं मिल रही है। जांच नहीं होने पर चिकित्सक सीधे मेडिकल कॉलेज रेफर कर देते है। सबसे अधिक परेशानी प्रसव कराने पहुंची महिलाओं को होती है।

प्रसव कक्ष में रात में आने वाली प्रसूताओं की पैथोलॉजी व अन्य जांच की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जिससे ऑन ड्यूटी चिकित्सक इलाज के अभाव में सीधे रेफर कर देते है। जबकि काफी संख्या मरीज प्राइवेट से जांच करा कर रिपोर्ट देते है। जबकि, अधिकतर परिजन मरीज की जान बचाने के लिए प्राइवेट अस्पताल जाना ही बेहतर समझते है। सिविल सर्जन डा. सत्येंद्र कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का पद रिक्त रहने की वजह से अल्ट्रासाउंड जांच बंद है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत जांच कराने का आदेश दिया गया है। पैथोलॉजी जांच की सुविधा भी मरीजों को 24 घंटा दी जानी है।

वर्ष 2019 में में शुरू किया गया था अल्ट्रासाउंड केंद्र

सदर अस्पताल में वर्ष 2018 में अल्ट्रासाउंड मशीन इंस्टॉल की गई थी। लेकिन रेडियोलॉजिस्ट के अभाव में जांच कार्य शुरू नहीं हुआ। बाद में दलसिंहसराय में कार्यरत रेडियोलॉजिस्ट डा. अशोक कुमार गुप्ता की प्रतिनियुक्ति 2019 में सदर अस्पताल में की गई। उसके बाद सदर अस्पताल में गर्भवती महिला के अलावे गंभीर व मेडिकल जांच के लिए लाई जाने वाली लड़कियों व महिलाओं की जांच शुरू हुई। इसी साल जनवरी में पूर्व से प्रतिनियुक्त डा. अशोक कुमार गुप्ता सेवानिवृत हो गए।

पोस्टिंग व प्रतिनियुक्ति का किया गया खेल

सदर अस्पताल में नियमित रूप से अल्ट्रासाउंड केंद्र के संचालन के लिए रेडियोलॉजिस्ट के पद पर पिछले वर्ष 2020 में डा. बलराम प्रसाद को पदस्थापित किया गया। लेकिन पोस्टिंग के कुछ दिनों बाद ही विभाग ने उनकी प्रतिनियुक्ति अनुमंडलीय अस्पताल दानापुर में कर दी। इसके बाद स्थानीय स्तर पर मामला उठाया गया। फिर विभागीय स्तर पर बड़े पैमाने पर चिकित्सकों का तबादला किया गया। इसमें डा. बलराम की प्रतिनियुक्ति रद करते हुए दानापुर में ही स्थायी रूप से पोस्टिंग कर दी गई।

नहीं की गई वैकल्पिक व्यवस्था

रेडियोलॉजिस्ट के पद पर कार्यरत दोनों चिकित्सक के नहीं रहने की स्थिति में अस्पताल प्रशासन द्वारा अल्ट्रासाउंड की जांच के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। अल्ट्रासाउंड जांच के बंद रहने से सबसे अधिक गर्भवती महिलाओं को परेशानी झेलनी पड़ रही है, खासकर जो दूर-दराज के क्षेत्र से इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचती है। ऐसी गर्भवती महिलाएं अधिकतर गरीब परिवार की होती है जिन्हें बिना जांच करवाए घर लौटना पड़ रहा है। या फिर प्राइवेट में अधिक रुपये देकर जांच कराने की मजबूरी बनी हुई है।

मरीजों को जांच की सुविधा नहीं मिलने से हो रही परेशानी

विशनपुर की महिला मरीज चंदा देवी ने बताया कि इलाज के लिए रात्रि में सदर अस्पताल पहुंची। यहां पर पैथोलॉजी जांच भी प्राइवेट केंद्र से बुलाकर कराई गई। इसके लिए राशि भी ली गई। खानपुर निवासी सपना कुमारी ने बताया कि इलाज के लिए ओपीडी में पहुंची। जहां पर महिला चिकित्सक ने अल्ट्रासाउंड कराने को कहा। लेकिन सदर अस्पताल में इसकी सुविधा नहीं मिली। सातनपुर निवासी रतिया देवी ने बताया कि चिकित्सक ने जरूरी जांच लिखी। जिसमें सभी जांच अस्पताल में नहीं की गई। ताजपुर निवासी अमोला देवी ने बताया कि महिला चिकित्सक से इलाज कराने आई है। लेकिन अभी तरह अल्ट्रासाउंड शुरू नहीं किया गया। 

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