सीतामढ़ी में पति ही रिहाई के लिए पहुंचीं नेपाल की दो महिलाएं, लॉकडाउन से बांधा
पुलिस अधीक्षक व सदर एसडीपीओ से मिलना चाहती है पर लॉकडाउन की वजह से जा नहीं पा रही हैं। वह बड़े अधिकारी तक न्याय के लिए अपनी बात पहुंचाना चाहती है। वहीं लॉकडाउन की वजह से तमाम कार्य प्रभावित है।
सीतामढ़ी, जासं। मूल रूप से नेपाल की रहने वाली ललिता कुमारी व सोनी देवी अपने पति की रिहाई के लिए थाना व पुलिस निरीक्षक के पास गुहार लगाती फिर रही है। मलाही गांव में पिछले महीने पुलिस पर पत्थरबाजी करने के आरोप में अन्य लोगों के साथ पुलिस ने ललिता के पति ऋषि पाल एवं सोनी के पति चंद्रपाल को पकड़कर जेल भेज दिया। दोनों महिलाओं का कहना है कि पुलिस पर हुई पत्थरबाजी वाली घटना में उनके पति का दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। वह नेपाल के बहादुरपुर की रहने वाली है। पंजाब में रहकर गुजर-बसर करती है। कुछ दिन पूर्व मलाही गांव अपने रिश्तेदार के यहां आई थी।
जहां लॉकडाउन में फंस गई। हालांकि, मलाही गांव में जमीन खरीद कर घर भी बनवा रही है। अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ ननद सुनीता देवी व मां मीना देवी को लेकर थाना व पुलिस निरीक्षक कार्यालय पहुंची थी। वही बताया कि वे लोग पुलिस अधीक्षक व सदर एसडीपीओ से मिलना चाहती है पर लॉकडाउन की वजह से जा नहीं पा रही हैं। वह बड़े अधिकारी तक न्याय के लिए अपनी बात पहुंचाना चाहती है। इधर, रीगा सर्किल इंस्पेक्टर दयाशंकर प्रसाद ने भी यह माना कि कुछ निर्दोष जेल चले गए हैं। पर उन्होंने यह भी कहा कि 200 से अधिक लोग थे, हो सकता है की वो उस भीड़ का हिस्सा हो। अधिकारी जांच कर रहे हैं।
दो पक्षों में मारपीट, प्राथमिकी दर्ज
सुप्पी। दो पक्षों में मारपीट के मामले में एक दूसरे के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। एक पक्ष के संतोष कुमार पासवान द्वारा दर्ज प्राथमिकी में राकेश पासवान, रुपेश पासवान व विकेश पासवान पर दरवाजे पर आकर मारपीट करने का आरोप लगाया गया है। वही, राकेश पासवान द्वारा प्राथमिकी में संतोष कुमार पासवान पर अपने साथ मारपीट करने का आरोप लगाया गया है। वहीं पुपरी गांव में आपसी विवाद को लेकर हुई मारपीट की घटना में दो लोग जख्मी हो गए। जख्मी छोटू दास और सीतराम धनकार का इलाज पीएचसी में कराया गया।