West champaran: एमेच्योर नेचुरोलॉजिस्ट प्रशिक्षण में जिले के दो छात्रों ने लहराया परचम, मिला सम्मान

उक्त राष्ट्रीय स्तर के ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए बगहा दो प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मध्य सह माध्यमिक विद्यालय पचरूखा से तारा कुमार और गौनाहा प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय सेमरी डोमरी से अभिषेक कुमार का चयन हुआ था।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 03:40 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 03:40 PM (IST)
West champaran: एमेच्योर नेचुरोलॉजिस्ट प्रशिक्षण में जिले के दो छात्रों ने लहराया परचम, मिला सम्मान
प्रतिभागी छात्र को पुरस्कृत करते क्षेत्र निदेशक एचके राय व अन्य। जागरण

पश्चिम चंपारण, जासं। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इण्डिया और निकॉन इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड ने पूरे भारत वर्ष से ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले 45 छात्र-छात्राओं को जीव जन्तुओं तथा जैव विविधता के विषय में शिक्षा देने एवं प्रशिक्षित करने तथा उन्हें कौशल युक्त बना कर भविष्य में संभावित नेचरगाइड बनाने के लिए एमेच्योर नेचुरोलॉजिस्ट ट्रेङ्क्षनग प्रोगाम चलाया था। जिसमें पूरे भारत से 45 छात्र-छात्राओं का चयन किया गया था। जिसमें पूरे बिहार से मात्र दो छात्रों का चयन हुआ था और दोनों छात्र पश्चिम चम्पारण जिले के हैं। उक्त राष्ट्रीय स्तर के ट्रेङ्क्षनग प्रोग्राम के लिए बगहा दो प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मध्य सह माध्यमिक विद्यालय पचरूखा से तारा कुमार और गौनाहा प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय सेमरी डोमरी से अभिषेक कुमार का चयन हुआ था। दोनों छात्रों ने इस राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में सफलता अर्जित किया है। तारा कुमार को विद्यालय के शिक्षक सुनील कुमार का मार्गदर्शन मिलता रहा। शिक्षक ने शिक्षण कार्य के साथ-साथ सदैव पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता, कचरा प्रबंधन एवं अन्य रचनात्मक तथा क्रियात्मक कार्यों, गतिविधियों के द्वारा विद्यार्थियों को जानकारी देते रहते हैं जो अत्यंत ही प्रशंसनीय है। परियोजना निदेशक बाँकेलाल प्रजापति के अनुसार इन दोनों प्रतिभागियों को वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के क्षेत्र निदेशक हेमकान्त राय द्वारा प्रमाणपत्र, दूरबीन, टैबलेट, इको-ट्रेल मैनुअल और फिल्ड गाइड के रूप में रोजगार के अवसर प्रदान करने में सक्षम पुस्तकों सहित आवश्यक उपकरण प्रदान किए गए। प्रशिक्षण को ऑनलाइन आयोजित किया गया था, जिसमें क्विज, वीडियो, गेम, वर्कशीट के माध्यम से इंटरएक्टिव लर्निंग शामिल था जिसमें 11 राज्यों के कुल 45 प्रतिभागियों को दो बैच (हिन्दी और अंग्रेजी भाषा) में 8 दिनों (प्रत्येक का 90 मिनट का सत्र) में प्रशिक्षण लिया था। साथ ही साथ प्रतिभागियों को कोर मॉड्यूल पर भी प्रशिक्षित किया गया, जिसमें पक्षी, तितलियाँ, सरीसृप, पौधे, स्तनधारी, नरम कौशल (सामाजिक और संचार) की सामान्य प्रजातियां और एक प्रकृतिवादी के लिए बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा प्रशासन कौशल शामिल हैं। तारा ने कहा कि माता-पिता के साथ गुरुजनों के आशीर्वाद, शिक्षक तथा परियोजना निदेशक के कुशल मार्गदर्शन एवं भरपूर सहयोग से ही सफलता मिली है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया द्वारा अभी जो जिम्मेवारी मिली है और भविष्य में जो मिलेगी उसे निष्ठापूर्वक निर्वहन  करेंगे। 

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