पांच मिनट का रास्ता तय करने में लग गए दो घंटे

सोमवार को दिनभर शहर जाम से कराहता रहा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 01:34 AM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 01:34 AM (IST)
पांच मिनट का रास्ता तय करने में लग गए दो घंटे
पांच मिनट का रास्ता तय करने में लग गए दो घंटे

मुजफ्फरपुर : सोमवार को दिनभर शहर जाम से कराहता रहा। हालत यह रही कि पांच मिनट का रास्ता तय करने में लोगों को दो घंटे से अधिक समय लग गया। शाम चार बजे के बाद शुरू हुई झमाझम बारिश करीब एक घंटे के बाद रुकी। वर्षा से बचने के लिए जहां-तहां रुके लोग जब गंतव्य के लिए सड़क पर निकले तो शहर की अधिकतर सड़कों पर महाजाम लग गया।

शहर में बस दो ही चीजें दिखाई दे रही थीं जलजमाव और महाजाम। सड़कों पर जलजमाव के बीच फंसे वाहन रेंग भी नहीं पा रहे थे। कोई अघोरिया बाजार में फंसा था तो कोई डीएम आवास से लेकर इमलीचट्टी से जूरन छपरा रोड में। करीब दो घंटे तक इस महाजाम से शहर पूरी तरह ठहर सा गया था। कहीं से भी किसी को निकलने का कोई उपाय नहीं दिखाई दे रहा था।

रास्ता बदला तो गलियों में फंसे

सरैयागंज टावर, कंपनीबाग, जूरन छपरा, अघोरिया बाजार, कल्याणी, जीरोमाइल समेत कई इलाकों में शाम तक लोग जाम की समस्या से जूझते रहे। वे हलकान रहे, लेकिन कोई सुध लेने वाले नहीं था। कई लोगों ने रास्ता बदला तो गलियों में जाकर फंस गए। पांच मिनट का रास्ता दो घंटे में भी पूरा नहीं हो पाया। रविवार की बंदी के बाद सोमवार को बाजार व सरकारी कार्यालय खुलते हैं। इससे शहर में लोगों की काफी भीड़ रहती है।

कई जगहों पर एक-दूसरे से उलझे राहगीर

कई जगहों पर एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में जाम की समस्या और विकराल हो गई। इस दौरान जाम में फंसे लोगों का बुरा हाल था। वे मानने को तैयार नहीं थे। जैसे और जिधर से मन हुआ उधर गाड़ी को घुसा दिया। नतीजा कोई नहीं निकल पा रहा था। इसी कड़ी में राहगीर एक-दूसरे से उलझते रहे। उनके बीच विवाद होता रहा।

पुराने ढर्रे पर ही जवानों की तैनाती

लोगों का कहना है कि शहर में जाम नहीं लगे इसके लिए विभाग की तरफ से कोई रणनीति तैयार नहीं की जाती है। पुराने ढर्रे पर पोस्टों पर ही जवानों की डयूटी लगा दी जाती है। जवान वहां तैनात तो हो जाते हैं, लेकिन वे वहां पर पकड़ने व छोड़ने के खेल में ज्यादा रहते हैं। इससे कई पोस्टों पर जाम लग जाता है। वहीं अतिक्रमण व चौक-चौराहों पर आटो चालकों का कब्जा भी इसका प्रमुख कारण बन रहा है। होमगार्ड जवानों के भरोसे ट्रैफिक व्यवस्था

मुख्यालय के निर्देश पर जिले में ट्रैफिक थाना भी खुल गया है। डीएसपी व इंस्पेक्टर की तैनाती है, लेकिन लोगों को जाम से निजात नहीं मिल पा रही है। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था की जिम्मेदारी पूरी तरह से होमगार्ड जवानों पर है। एक भी बिहार पुलिस के प्रशिक्षित जवान को इसमें नहीं दिया गया है। 44 पोस्टों पर 102 जवान, फिर भी व्यवस्था बदहाल

शहर में 44 पोस्ट बनाए गए है। इसमें अधिकतर जगहों पर औसतन दो जवान तैनात रहते हैं। वहीं, ज्यादा व्यस्ततम पोस्ट पर चार व छह जवान दिए गए हैं। वर्तमान में कुल 102 जवान व तीन पदाधिकारी ट्रैफिक थाने में हैं। इसके बाद भी ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल ही है। नो इंट्री व अवैध पाìकग में 31 हजार जुर्माना

नो इंट्री व अवैध पाìकग में हर दिन जुर्माना की कार्रवाई की जाती है। सोमवार को विभिन्न जगहों से कुल 23 वाहन पकड़े गए। इन सभी से 31 हजार पाच सौ रुपये जुर्माना वसूला गया। इसके अलावा दो गश्ती गाड़ी रात 11 बजे तक शहर में भ्रमणशील रहती हैं ताकि कहीं पर जाम की समस्या न हो। कोट-

पहले की तुलना में शहर में ट्रैफिक व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई है। सभी जगहों पर जवानों की तैनाती रहती है। वह खुद पूरे शहर में भ्रमणशील रहते हैं ताकि कहीं पर जाम की समस्या न हो।

रवींद्र्रनाथ सिंह, ट्रैफिक डीएसपी

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